Meta ने एक नया टूल पेश किया है जो नुकसानदायक फेसबुक और इंस्टाग्राम पोस्ट से ऐड को दूर रखेगा। ये टूल मेटा द्वारा विज्ञापनदाताओं को किए गए वादे के तहत पेश किया गया है। आइये इसके बारे में जानते हैं।
किसी भी नुकसानदायक और खराब पोस्ट को लेकर सरकार और कंपनियां भी काफी जागरूक रहती हैं। इसके चलते कंपनियां नए बदलाव करती रहती है। इसी सिलसिले को जारी रखते हुए मेटा ने एक नया टूल पेश किया है। आइये, इसके बारे में जानते हैं।
बता दें कि मेटा ने बीते गुरुवार को कहा कि यह एक सिस्टम शुरू कर रहा है, जो विज्ञापनदाताओं के लिए फेसबुक और इंस्टाग्राम पर विवादास्पद पोस्ट से उनकी मार्केटिंग को दूर करने की मांगों का जवाब है। ये फीचर यह निर्धारित करेगा कि उनके विज्ञापन कहां दिखाए जाते हैं।
ये सिस्टम विज्ञापनदाताओं को तीन जोखिम स्तर देता है, जिसे वे अपने विज्ञापन प्लेसमेंट के लिए चुन सकते हैं, जिसमें हथियारों के चित्रण, यौन व्यंग्य और राजनीतिक बहस जैसी संवेदनशील सामग्री वाली पोस्ट के ऊपर या नीचे प्लेसमेंट को छोड़कर विकल्प शामिल किया गया है।
मेटा देगी रिपोर्ट
मेटा विज्ञापन मापन फर्म Zefr के माध्यम से एक रिपोर्ट भी देगी, जिसमें बताया गया है कि फेसबुक विज्ञापनदाताओं को उनके विज्ञापनों के पास दिखाई देने वाले कंटेंट क्या है और इसे कैसे वर्गीकृत किया गया था।
मार्केटर्स लंबे समय से अपने विज्ञापनों के ऑनलाइन दिखने पर अधिक नियंत्रण की वकालत करते रहे हैं, शिकायत करते हैं कि बड़ी सोशल मीडिया कंपनियां अभद्र भाषा, नकली समाचार और अन्य आपत्तिजनक कंटेंट के साथ विज्ञापनों को दिखाने से रोकने के लिए सही से काम नहीं करती हैं।
कब उठा था मामला
यह मुद्दा जुलाई 2020 में तब सामने आया, जब संयुक्त राज्य अमेरिका में नस्लवाद विरोधी प्रदर्शनों के बीच हजारों ब्रांड फेसबुक के बहिष्कार में शामिल हो गए। कई महीने बाद एक डील के तहत कंपनी ने अन्य रियायतों के बीच ‘विज्ञापन आसन्नता का बेहतर प्रबंधन’ करने के लिए उपकरण विकसित करने पर सहमति व्यक्त की।
क्लाइंट काउंसिल एंड इंडस्ट्री ट्रेड रिलेशंस के लिए मेटा की उपाध्यक्ष सामंथा स्टेटसन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मेटा समय के साथ अधिक बारीक नियंत्रण पेश करेगी, ताकि विज्ञापनदाता विभिन्न सामाजिक मुद्दों के बारे में अपनी प्राथमिकताएं निर्दिष्ट कर सकें।