मॉस्को/लंदन: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने अधिकारियों से कहा है कि वे अगले हफ्ते से देश में कोरोना की वैक्सीन लगाने का अभियान शुरू कर दें. पुतिन ने डिप्टी पीएम तात्याना गोलिकोवा से कहा कि इस पर सहमति बनाएं और जल्द से जल्द इस काम को शुरू करें. पुतिन ने कहा कि हम वैक्सीन बना चुके हैं और स्पूतनिक V ट्रायल के दौरान कोरोना से लड़ने में 95% असरदार साबित हुई है. अब देर नहीं करनी चाहिए और अगले हफ्ते से मास वैक्सीनेशन शुरू करा दें.
स्पूतनिक V वैक्सीन गैमेलिया नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबॉयोलॉजी ने तैयार की है. रूस के लोगों को इसे फ्री में लगाया जाएगा. दूसरे देशों के लिए इसकी कीमत 700 रुपए से कम होगी. यह कीमत दूसरी वैक्सीन के मुकाबले काफी कम है. इस बीच, यूके में फाइजर को इमरजेंसी यूज के लिए अप्रूवल मिलने के बाद अब यूएस में भी कुछ इसी तरह का माहौल बनने लगा है. यूएस की हेल्थ रेगुलेटरी बॉडी अगले 24 से 72 घंटों के अंदर मॉर्डना को इमरजेंसी यूज के अप्रूवल दे सकती है. इसके लिए जल्द ही एडवायजरी कमेटी की बैठक बुलाई जा रही है.
ब्रिटेन में पहले बुजुर्गों को मिलेगी वैक्सीन-
ब्रिटेन पहला ऐसे पश्चिमी देश है जिसने कोविड-19 के लिए किसी वैक्सीन को लाइसेंस दिया है. इसके साथ ही ऐसे लोगों को Pfizer/BioNTech की वैक्सीन दी जाएगी जिन्हें इन्फेक्शन का ज्यादा खतरा है. वैक्सीन को मेडिसिन्स ऐंड हेल्थकेयर प्रॉडक्ट्स रेग्युलेटरी अथॉरिटी (MHRA) ने इसकी इजाजत दे दी है. MHRA को विशेष नियमों के तहत 1 जनवरी से पहले वैक्सीन को अप्रूवल देने का अधिकार दिया गया था. Pfizer की वैक्सीन आखिरी ट्रायल में 95% असरदार पाई गई थी. कंपनी ने बताया है कि वैक्सीन की पहली खुराकें आने वाले दिनों में पहुंचा दी जाएंगी. ब्रिटेन ने 4 करोड़ खुराकें खरीदी हैं. कंपनी के चेयरमैन अल्बर्ट बोर्ला ने कहा है, ‘आज ब्रिटेन में इमर्जेंसी इस्तेमाल के लिए इजाजत पहनना कोविड के खिलाफ लड़ाई में ऐतिहासिक मौका है.’
भारत में भी होगा प्रोडक्शन-
शियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) और भारत की दवा कंपनी हेटरो ने कोरोना की वैक्सीन स्पूतनिक V तैयार करने के लिए करार किया है. यह करार भारत में हर साल 10 करोड़ डोज बनाने का है। प्रोडक्शन की शुरुआत अगले साल से होगी. स्पूतनिक V को रूस के गैमेलेया नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी ने बनाया है.
RDIF विदेश में इसके प्रोडक्शन और प्रमोशन का काम देख रहा है. वैक्सीन के तीसरे फेज के क्लिनिकल ट्रायल को मंजूरी मिल चुकी है. ये ट्रायल बेलारूस, यूएई, वेनेजुएला समेत कई देशों में चल रहे हैं. IDIF के मुताबिक, भारत में दूसरे और तीसरे फेज का ट्रायल जारी है. इस वैक्सीन के 120 करोड़ डोज बनाने के लिए 50 से ज्यादा देश रिक्वेस्ट कर चुके हैं. ग्लोबल मार्केट में सप्लाई के लिए वैक्सीन का प्रोडक्शन भारत, चीन, ब्राजील, साउथ कोरिया और दूसरे देशों में किया जाएगा.