प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को ‘मन की बात’ के कार्यक्रम से देश को संबोधित कर रहे हैं. ये ‘मन की बात’ कार्यक्रम का 33वां संस्करण है. पीएम मोदी हर महीने के आखिरी रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम से देश को संबोधित करते हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि मौसम बदल रहा है. इस बार गर्मी भी बहुत रही, लेकिन अच्छा हुआ कि वर्षा ऋतु समय पर अपने नक्शे कदम पर आगे बढ़ रही है. जीवन में कितनी ही आपाधापी हो, तनाव हो, व्यक्तिगत जीवन हो, सार्वजनिक जीवन हो, बारिश का आगमन मनःस्थिति को बदल देता है. आज भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा निकल रही है, देश के कई भागों में बहुत ही श्रद्धा और उल्लासपूर्वक देशवासी मनाते हैं. भारत की विविधता इसकी विशेषता भी है और ये भारत की शक्ति भी है. रमजान का पवित्र महीना सब दूर इबादत में पवित्र भाव के साथ मनाया.
इमरजेंसी के दौरान अखबारों को बेकार कर दिया गया. 25 जून, 1975 की रात भारतीय लोकतंत्र के लिए काली रात थी. इमरजेंसी के दौरान अटलजी जेल में थे. उस रात को कोई भारतवासी, कोई लोकतंत्र प्रेमी भुला नहीं सकता. एक प्रकार से देश को जेलखाने में बदल दिया गया था. विरोधी स्वर को दबोच दिया गया था. जयप्रकाश नारायण सहित देश के गणमान्य नेताओं को जेलों में बंद कर दिया था. न्याय व्यवस्था भी आपातकाल के उस भयावह रूप की छाया से बच नहीं पाई थी. पीएम मोदी ने इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता भी पढ़ी, जो उन्होंने उस दौर में लिखी थी.
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 21 जून, 2017 को पूरा विश्व योगमय हो गया. लोगों ने सुबह सूरज की किरणों का स्वागत योग के माध्यम से किया. आज योग ने विश्व को एक के धागे में बांध दिया है. दुनिया के लगभग सभी देशों ने योग को अपना लिया है. चीन में द ग्रेट वॉल ऑफ चीन पर लोगों ने योग किया. पेरू में वर्ल्ड हैरिटेज साइट पर माचू पिच्चू पर लोगों ने योग किया. फ्रांस में एफिल टॉवर और यूएई में अबू धाबी में 4000 से अधिक लोगों ने सामूहिक योग किया. अफगानिस्तान केहेरात में भारत अफगान मित्रता बांध सलमा बांध पर योग कर के भारत की दोस्ती को एक नया आयाम दिया. मुझे भी लखनऊ में योग समारोह में भाग लेने का मौका मिला, लेकिन मुझे भी पहली बार बारिश में योग का अभ्यास करने का सौभाग्य मिला.
स्वच्छता पर पीएम ने कहा कि मुझे खुशी है कि आज स्वच्छता सरकारी कार्यक्रम नहीं रहा है. ये जन समाज का, जन-सामान्य का एक आंदोलन बनता चला जा रहा है. आप जानकर खुश हो जाएंगे कि जनता-जनार्दन और शासन ने मिलकर 100 घंटे में 10000 शौचालय बनाने का काम सफलतापूर्वक पूर्ण किया. 71 गांव ODF हो गए. ये घटना आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले की है. हम जानते हैं कि व्यक्ति के जीवन में, समाज के जीवन में कुछ भी अच्छा करना है, तो कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. स्वच्छता का भी विषय ऐसा ही है.