भारतीय खुफिया एजेंसियों का मानना है कि मोस्ट वॉन्टेड अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का खास गुर्गा फारूक टकला पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में भी था. वह अक्सर दुबई और कराची के बीच यात्रा करता था. वो पाकिस्तान आने वाले डी कंपनी के लोगों की मदद भी करता था.
गैंग के लोगों की मदद
एजेंसियों का मानना है कि फारूक टकला ने संयुक्त अरब अमीरात में अपना नेटवर्क मजबूत कर लिया था. वो दाऊद के इशारे पर संयुक्त अरब अमीरात में गैंग के सदस्यों के हर तरह की मदद मुहैया कराता था. जानकारी मिली है कि टकला दुबई में दाऊद के अवैध कारोबार की देखरेख भी करता था.
डी कंपनी का मैनेजर
मुंबई धमाकों की सुनवाई के दौरान आरोप पत्र दायर होने के बाद फारूक की भूमिका का पता चला था. वह मोहम्मद अहमद मोहम्मद यासीन मंसूरी उर्फ लांगड़ा का भाई है. उसे डी कंपनी का प्रबंधक भी माना जाता है. 1993 के धमाकों के बाद से ही टकला फरार चल रहा था. जेजे शूटआउट मामले में भी पुलिस को उसकी तलाश थी.
ऐसे हुआ गिरफ्तार
1993 मुंबई ब्लास्ट के आरोपी और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के करीबी फारुक टकला को दुबई से गिरफ्तार कर मुंबई लाया गया है. 1995 में फारुक के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था. मुंबई धमाकों के बाद ही फारुक टकला भारत से भाग गया था. गुरुवार सुबह ही एयर इंडिया के विमान से फारुक को मुंबई लाया गया. फारूक को सीबीआई दफ्तर ले जाया गया है.
कौन है टकला
फारुक टकला को अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का सबसे करीबी आदमी माना जाता है. उसका जन्म 17 फरवरी, 1961 को मुंबई में ही हुआ था. वो मोहम्मद अहमद मोहम्मद यासीन मंसूरी उर्फ लांगड़ा का भाई है. उसके खिलाफ इंटरपोल ने नोटिस कंट्रोल नंबर – A-385/7-1995 जारी किया हुआ था. उसके खिलाफ आतंती साजिश, मर्डर, आतंकी गतिविधियों में शामिल होने जैसे संगीन आरोप हैं.
क्या था मामला?
12 मार्च, 1993 को मुंबई में एक के बाद एक 12 बम धमाके हुए थे. बम धमाके में 257 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. बताया जाता है कि धमाकों में 27 करोड़ रुपये संपत्ति नष्ट हुई थी. इस मामले में 129 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया था.
दाऊद के गुर्गे ने दी थी धमकी
साल 2007 में टाडा कोर्ट ने 100 लोगों को सजा सुनाई. इसी मामले में याकूब मेमन को 2015 में फांसी हुई थी. ब्लास्ट से जुड़े एक अन्य मामले में ही फिल्म अभिनेता संजय दत्त अवैध हथियार रखने के दोषी पाए गए और उन्हें टाडा कोर्ट ने पांच साल की सजा सुनाई थी. वहीं ब्लास्ट का मास्टरमाइंड दाऊद इब्राहिम 1995 से फरार है.
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