अभी-अभी: ISI का नया ‘घुसपैठ प्लान’, रेकी के लिए 10-15 साल के लड़कों को दे रहा ट्रेनिंग

पाकिस्तान की ख़ुफ़िया ऐजेंसी ISI ने भारत में आतंकी भेजने का नया प्लान बनाया है. आईएसआई 10 से 15 साल के लड़कों की मदद से भारत की सीमा में घुसपैठ करा रहा है, जिनमें पागलपन की हरकत करने वाले लड़के भी शामिल हैं. ISI इसके लिए अपने हेडक्वॉर्टर में भारत के अंदर रेकी करने की ट्रेनिंग दे रहा है. इसमें लड़कों को पागल, गूंगे और बेवकूफों जैसी हरकत करने की ट्रेनिंग दी जा रही है. अभी-अभी: ISI का नया 'घुसपैठ प्लान', रेकी के लिए 10-15 साल के लड़कों को दे रहा ट्रेनिंग

खुफिया एजेंसियों ने इस साल अनजाने में पाक सीमा पार करके आए 25 बच्चों की पड़ताल के बाद गृह मंत्रालय को रिपोर्ट दी हैं. रिपोर्ट से इस बात का खुलासा हुआ है कि कम उम्र के लड़कों और पागल जैसी हरकत करने वाले लड़कों का इस्तेमाल पाकिस्तान आतंकियों की घुसपैठ कराने के लिए ‘आतंकी के आगे गाइड’ का काम करवाते हैं.

खुफिया एजेंसियों ने इस साल 25 पागल और छोटे लड़कों को पकड़ा है, जिनमें से कई को भारत ने पाकिस्तान को वापस भी कर दिया है. पर पकड़े गए लड़कों से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि उनको ISI,पाक आर्मी और आतंकियों के हैंडलर्स जम्मू कश्मीर ,पंजाब, और गुजरात बॉर्डर में घुसपैठ कराने के लिए बाकायदे मैप और जगहों की जानकारी और उसकी ट्रेनिंग देते हैं. यही नहीं, जिस एरिया में घुसपैठ करके जाना है इन लड़कों को उस इलाके की भाषा भी सिखाई जाती है, जिससे अंदर घुसने के बाद कोई इन्हें पहचान न सके.

पानी ढूंढ़ने के बहाने या पागलपन और गूंगे का नाटक करने वाले लड़कों को भारत के अंदर घुसपैठ में मदद के लिए भेजा जाता है. ये लड़के सुरक्षा बलों के मूवमेंट, बीओपी की लोकेशन, किस लोकेशन से सीमा की रखवाली करने वाले क्रॉस करते हैं, बीट पर आने-जाने की टाइमिंग इन तमाम ख़ुफ़िया जानकारी वापस जाकर आतंकियों के हैंडलर्स और ISI को देते हैं.

खुफिया रिपोर्ट से इस बात का खुलासा हुआ है कि ऐसे पागल और अनजान लड़कों का इस्तेमाल कर पाकिस्तान भारत की आर्मी और उसके मूवमेंट की जानकारी भी हासिल करने में जुटा है. अब तक कितने लड़के अनजाने में नाटक करके बॉर्डर क्रॉस करने के बारे में जानकारी हासिल कर चुके हैं और पाकिस्तान वापस चले गए हैं, इसकी कोई पुख्ता रिपोर्ट नहीं है.

महिलाओं और बुजुर्गों का भी इस्तेमाल

ISI सिर्फ लड़कों से ही जासूसी नहीं कराता है बल्कि फर्जी पागल बनी महिलाओं और बुजुर्गों का भी इस्तेमाल करता है. रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में ही पागल बने लड़कों का कई बार इस्तेमाल आतंकियों की जानकारी के लिए पाकिस्तान कर चुका है. रिपोर्ट के मुताबिक इस साल 2017 में ही 10 से बीस 20 की उम्र के 10 ऐसे जासूसों का इस्तेमाल पाकिस्तान कर चुका है. पाकिस्तान 20 से 30 साल की उम्र के 3 लोगों का इस्तेमाल खुफिया जानकारी जुटाने में कर चुका है. इसी तरह उसने 30 से 40 की उम्र के 2 लोगों और 60 की उम्र के 2 लोगों का इस्तेमाल किया है.

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