UP Investors Summit में उत्तर प्रदेश में बने हिंदी सिनेमा की अपनी इंडस्ट्री
UP Investors Summit में उत्तर प्रदेश में बने हिंदी सिनेमा की अपनी इंडस्ट्री

UP Investors Summit में उत्तर प्रदेश में बने हिंदी सिनेमा की अपनी इंडस्ट्री

लखनऊ। हिंदी की फिल्में बॉलीवुड में बनती हैं, यह उत्तर प्रदेश के लिए बड़ा सवाल है। उप्र में असीम संभावनाएं हैं, लिहाजा यूपी में हिंदी सिनेमा की अपनी इंडस्ट्री होनी चाहिए। रोजगार के लिहाज से भी यह बेहद उपयोगी है। उप्र में सिनेमा घरों की संख्या भी बढऩी चाहिए। इन्वेस्टर्स समिट में शोमैन सुभाष घई सहित कई निर्माता-निर्देशकों ने इसकी पुरजोर पैरवी की। उप्र सरकार के सामने सब्सिडी व अन्य सुविधाओं के बजाए प्रदेश में फिल्म सिटी के निर्माण की नींव रखने का प्रस्ताव भी रखा। इस मौके पर उप्र फिल्म नीति किताब का विमोचन भी किया गया। UP Investors Summit में उत्तर प्रदेश में बने हिंदी सिनेमा की अपनी इंडस्ट्री

हर प्रांत का होता अपना सिनेमा 

हिंदी सिनेमा के शोमैन सुभाष घई ने कहा कि हर प्रांत का अपना सिनेमा होता है। यूपी का सिनेमा हिंद सिनेमा है, लेकिन उसकी फिल्में मुंबई में बनती हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्यूं नहीं हिंदी फिल्में यहां बनाने की पहल होती है। वह समिट में गुरुवार को मीडिया एंड इंटरटेनमेंट – द इंडियन डिजिटल ग्रोथ विषय पर आयोजित सत्र में बोल रहे थे। सुभाष घई ने कहा कि यूपी में कलाकारों, लेखकों, संगीतकारों व गीतकारों की कमी नहीं है, पर वे मुंबई जाते हैं।

अमेरिका में मनोरंजन दूसरी सबसे बड़ी इंडस्ट्री है। इसे देखते हुए उप्र में इसका प्रसार होना चाहिए। प्रोड्यूशर बोनी कपूर ने कहा कि 22 करोड़ की आबादी वाले उप्र में केवल एक हजार सिनेमा स्क्रीन हैं। यह चिंता का सबसे बड़ा विषय है। जैसे मेक इन इंडिया पर जोर है, वैसे ही मेक इन यूपी पर जोर होना चाहिए। निर्देशक अनुराग वत्स ने कहा कि सिनेमा तब बदलता है, जब सरकारी की नीति व नजरिया बदलता है। उप्र से जब प्रतिभाएं मुंबई जाती हैं, तब ही वहां ङ्क्षहदी सिनेमा बनता है। फिल्म कलाकार रवि किशन ने कहा कि भोजपुरी सिनेमा में हर साल 70 से 80 फिल्में बनती हैं। यदि हिंदी फिल्म उद्योग भी बढ़ जाए तो प्रदेश में रोजगार के नए आयाम खुलेंगे।

इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में ग्रोथ ज्यादा तेज 

प्रोड्यूशर सुधांशु वत्स ने कहा कि इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री देश में सर्वाधिक बढ़ते सेक्टर में एक है। इसमें दस लाख लोग सीधे व 50 लाख से अधिक लोग अप्रत्यक्ष रोजगार से जुड़े हैं। सूचना निदेशक अनुज झा ने कहा कि किसी फिल्म या सीरियल के हिट होने के लिए जरूरी है कि यूपी की आबादी उसे देखे और पसंद करे।

प्रदेश में शूटिंग को बढ़ावा देने के लिए फिल्म नीति में यूपी में फिल्म का निर्माण किए जाने पर सब्सिडी देने के प्रावधान किए गए हैं। सूचना, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री नीलकंठ तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी व महाराष्ट्र में प्रतिस्पर्धा की बात यूपी में फिल्म उद्योग के विकास के आशय से ही कही होगी। फिल्म इंडस्ट्री का 43 फीसद रेवेन्यू उत्तर भारत से ही आता है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि उप्र में फिल्म इंडस्ट्री बनाने का हर संभव प्रयास किया जाएगा। 

डाक्यूमेंट्री में होगी अमिताभ की आवाज 

प्रमुख सचिव सूचना अवनीश अवस्थी ने बताया कि बौद्ध सर्किट पर बनने वाली डाक्यूमेंट्री में अपनी आवाज देने के लिए सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने अपनी सहमति दी है। जल्द ही वह इस बारे में वार्ता के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात भी करेंगे। 

14 से अधिक एमओयू हुए 

फिल्म के निर्माता-निर्देशकों ने 14 से अधिक एमओयू किए हैं। बताया गया कि भोजपुरी फिल्मों के सुपर स्टार रवि किशन ने एक हजार करोड़, मुकेश बहादुर सिंह ने 110 करोड़, प्रोड्यूशर बोनी कपूर ने 250 करोड़, समीर त्रिपाठी ने 200 करोड़ व रूपा मेहता ने 100 करोड़ के एमओयू किए हैं।  

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com