इस पनडुब्बी से पानी के अंदर और इसकी सतह दोनों जगहों पर लड़ाई को अंजाम दिया जा सकता है. फ्रांस नौसेना और ऊर्जा कंपनी डीसीएनएस ने पनडुब्बी का डिजाइन तैयार किया है और इसे भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट-75 के तहत मुंबई के मंझगांव डॉकयॉर्ड में तैयार किया गया है. कलवरी का नाम खतरनाक टाइगर शार्क के नाम पर रखा गया है. आईएनएस कलवरी की मारक क्षमता ऐसी है कि यह दुश्मन की ओर से आने वाले गाइडेड वेपेंस पर तुरंत हमला कर सकती है.

यह पनडुब्बी आधुनिक फीचर्स से लैस है. इस पनडुब्बी से दुश्मन की नजरों से बचकर सटीक निशाना लगाया जा सकता है. कलवरी ने दो मार्च को पहली बार सफलतापूर्वक एंटी-शिप मिसाइल फायर की थी. यह पनडुब्बी चकमा देने में माहिर है और गाइडेड हथियारों के माध्यम से दुश्मनों पर वार करने में सक्षम है.