कर्नाटक कैडर के आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ चुकी है. रिपोर्ट के अनुसार, अनुराग की मौत दम घुटने से हुई है. वहीं उनके चेहरे पर भी कई चोटों के निशान मिले हैं. अग्रिम जांच के लिए विसरा सुरक्षित रखा गया है. इस केस की जांच अब CBI को सौंपी गई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, अनुराग के होंठों के अंदर नीचे की ओर और ठुड्डी के पास चोट के निशान मिले हैं. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद अनुराग तिवारी की संदिग्ध मौत एक बार फिर सवालों के घेरे में है. अनुराग के परिजनों ने किसी तरह की गड़बड़ी की आशंका जताई है.
सोमवार को अनुराग के भाई मयंक ने हजरतगंज कोतवाली में अज्ञात के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी. सोमवार को ही परिजनों ने यूपी के CM योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की थी. CM योगी से मुलाकात के बाद केस में CBI जांच के आदेश दिए गए. यूपी के डीजीपी सुलखान सिंह ने इस केस की जांच CBI द्वारा कराए जाने की पुष्टि की.
आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी की मौत के मामले में ढेरों सवाल उठ रहे हैं, जिन्हें सुलझाने के लिए शायद CBI की मदद ली गई है. केस से जुड़े प्रमुख सवाल कुछ इस तरह से हैं:
अनुराग के होंठ के नीचे चोट कैसे लगी?
जानकारों के मुताबिक, एस्फिक्सिया (asphyxia) जिसे सामान्य भाषा में दम घुटना कहते हैं, दो ही हालात में हो सकता हैं, हत्या या हादसा. स्वभाविक मौत की स्थिति में इसकी संभावना नहीं के बराबर होती है. विशेषज्ञों का कहना है कि अनुराग के शरीर पर जो चोटें हैं, वह हादसा नहीं बल्कि किसी और दिशा में इशारा कर रही हैं. अगर अनुराग गिरा था तो उसके शरीर पर और भी चोटें होनी चाहिए थीं. उनके नीचे वाले होंठ पर अंदर की ओर चोट थी. गिरने की स्थिति में होंठ के अंदर और बाहर दोनों जगह चोट लगनी चाहिए थी. मुंह दबाने की स्थिति में ऐसी चोट लगना एक कारण हो सकता है. इसके अलावा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ठुड्डी पर दो चोटों का जिक्र है, ऐसी चोट तब आती है जब किसी व्यक्ति की ठुड्डी ऊंची चीज से टकरा जाए. सड़क पर ठुड्डी टकराने से दूसरी तरह की चोटें आती हैं. ऐसी स्थिति में चेहरे और सिर पर भी चोटें लगनी चाहिए थीं.
पोस्टमार्टम के दौरान वहां आने वाला शख्स कौन था?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अनुराग के भाई मयंक का आरोप है कि पोस्टमॉर्टम के दौरान डॉक्टरों से मिलने के लिए एक शख्स (सरनेम खान था) वहां आया था. मयंक के मुताबिक, वह शख्स डॉक्टरों के पैनल से कुछ बात कर रहा था. इस दौरान उसकी किसी बात को लेकर डॉक्टरों से बहस भी हुई. परिजनों ने उस अनजान शख्स के वहां मौजूद होने पर आपत्ति जताई. जिसके बाद वह शख्स वहां से चला गया. परिजनों की मानें तो उस शख्स ने पोस्टमार्टम कर रहे डॉक्टरों से पोस्टमार्टम को औपचारिकता बताते हुए इसे जल्दी निपटाने को कहा था.
कहां गया IAS अनुराग का आईफोन?
अनुराग के भाई मयंक के मुताबिक, अनुराग के पास दो मोबाइल फोन थे. आईफोन और सैमसंग S7. अनुराग के परिजनों को मौत के दूसरे दिन उसका सैमसंग फोन मिला था. आईफोन का अब तक कुछ पता नहीं चला है. परिजनों के मुताबिक, आईफोन में गोपनीय डेटा था. अनुराग अपने आईफोन से ही बैंकिंग के सभी काम करते थे. अनुराग को 17 मई को लखनऊ से बंगलुरु जाना था. उन्होंने 16 मई की रात अपना टिकट कैंसिल करवाया था. इस पर भी रहस्य बरकरार है.
क्या घोटाले का खुलासा रोकने के लिए किया गया अनुराग का मर्डर?
लखनऊ आईजी अमिताभ ठाकुर (रूल्स एंड मैनुअल) ने आईएएस अनुराग तिवारी की मौत के पीछे बड़ी साजिश होने की बात कही है. उन्होंने कहा, अनुराग तिवारी खाद्य विभाग में हो रहे एक घोटाले को उजागर करने वाले थे, जिससे उनके वरिष्ठ अफसर नाराज थे. भाई मयंक का कहना है कि फूड सप्लाई में कर्नाटक के एक बड़े अधिकारी की पत्नी शामिल थी. घोटाले का खुलासा होने पर अधिकारी की पत्नी भी उसमें फंसने वाली थी. मयंक की मानें तो इसी वजह से कर्नाटक के कई प्रशासनिक अधिकारी अनुराग पर पीछे हटने का दबाव बना रहे थे.