नई दिल्ली: होली का त्योहार फाल्गुन मास में पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. इस साल यह 2 मार्च 2018 को मनाया जाएगा. यानी 1 मार्च को होलाष्टक खत्म होने के साथ होलिका दहन होगा और 2 मार्च को रंगों के साथ त्योहार मनाया जाएगा. वहीं होलिका दहन 1 मार्च को मनाया जाएगा. होलिका दहन को लोग छोटी होली भी कहते हैं.
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
इस बार होलिका दहन के दिन भद्रा लग रहा है. ऐसी मान्यता है कि भद्रा में होलिका दहन नहीं किया जाता है. इसलिए भद्रा समाप्त होने के बाद होलिका दहन किया जाएगा. राजधानी पंचांग के अनुसार भद्रा काल रात 7:39 बजे खत्म हो रहा है. इसके बाद होलिका दहन किया जा सकता है. हालांकि होलिका पूजन सुबह 10:30 के बाद कभी भी कर सकते हैं. पंडित विनोद मिश्र के अनुसार होलिका पूजन यदि वृष लग्न और अभिजीत लग्न में हो तो शुभ माना जाता है.
भद्रा काल में क्यों नहीं करते होलिका दहन
पंडित विनोद मिश्र के अनुसार भद्रा काल में होलिका दहन ना करने का विशेष कारण है. भद्रा का वास तीन जगह होता है, आकाश, पाताल, और मृत्युलोक में. अगर भद्रा आकाश और पाताल में है तो इस काल में होलिका दहन से कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ता. लेकिन भद्रा यदि मृत्युलोक में है तो इस काल में होलिका दहन करना काल बन सकता है. भद्रा काल में होलिका मनाने वाले के साथ दुर्घटना होने की आशंका होती है.
कब खेले रंगों वाली होली
होली के दिन यानी 2 मार्च को सुबह 10:30 से दोपहर 12 बजे तक राहू काल है. इसलिए अगर होली खेलना है तो इससे पहले शुरू करें. सबसे पहले अपने ईश्ट देव को रंग चढ़ाएं और फिर रंग खेलें. अगर सुबह 10:30 तक होली नहीं शुरू किए हैं तो उसे दोपहर 12 बजे तक टाल दें.
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