इलाहाबाद. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रदेश के उच्च माध्यमिक और प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों और अनुदेशकों के 77, 816 पदों पर भर्ती रोकने वाला आदेश शुक्रवार को रद कर दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा है कि दो महीने में इन खाली पड़े पदों पर काउंसलिंग कराने के बाद भर्ती कराई जाए।
योगी सरकार के आदेश पर रुकी थी भर्ती प्रक्रिया
– यह आदेश जस्टिस पी.के.एस.बघेल ने दिया है। याचिका में कहा गया था कि प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद 23 मार्च 2017 को बेसिक शिक्षा परिषद ने आदेश जारी कर प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को अगले आदेश तक विभाग की सभी भर्तियों को रोकने के निर्देश दिया जाता है।
– इससे जूनियर हाईस्कूल में गणित-विज्ञान के सहायक अध्यापकों के 29,334 खाली पदों पर भर्ती चल रही थी। प्राथमिक विद्यालयों में 12,460 सहायक अध्यापकों और ऊर्दू विषय के 4 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया भी उस समय जारी हुई थी। सरकार के आदेश के बाद दोनों नियुक्ति प्रक्रियाएं रुक गईं।
याचिकाकर्ता के वकील ने ये कहा
हाई कोर्ट में याचिकाकर्ता के वकील ने कहा- इन भर्तियों में किसी धांधली या अनियमितता का आरोप नहीं है। इसके बावजूद सरकार ने कोई वजह बताए बिना भर्तियां रोक दीं। इससे अभ्यर्थी परेशान हैं।
अनुदेशकों की भर्ती भी शुरू होगी
-सरकार ने मार्च 2017 में जब भर्तियां रोकने के आदेश दिए थे, तब उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शारीरिक शिक्षा विषय के 32,022 अंशकालिक अनुदेशकों की भर्ती प्रक्रिया भी चल रही थी। इसमें डेढ़ लाख से ज्यादा बीपीएड, सीपीएड और डीपीएड उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। इनकी नियुक्ति 11 महीने के लिए 7 हजार रुपए प्रति महीने मानदेय के हिसाब से की जानी थी।
दो महीने के भीतर इन पदों पर होगी भर्ती
-29,334 पदों पर जूनियर हाईस्कूल में गणित- विज्ञान के सहायक टीचर पदों पर भर्ती होगी।
-12460 खाली पदों पर सहायक पदों पर टीचर्स की भर्ती होगी।
– 4 हजार पदों पर प्राइमरी स्कूलों नें ऊर्दू के सहायक टीचर के पद पर भर्ती होगी।
– 32,022 अंशकालिक अनुदेशकों की भर्ती प्रक्रिया पर लगी रोक हटी।