माना जा रहा है कि शुक्रवार को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में वित्त मंत्री विसंगितयों को दूर करने के लिए कई अहम फैसलों का ऐलान करेंगे। इसके अलावा सरकार जल्द ही विभिन्न क्षेत्रों में जान फूंकने के लिए कई तरह के राहत देने का ऐलान करेगी। बैठक की महत्ता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यह पूर्वनिर्धारित नहीं थी। यही कारण है कि केरल में पदयात्रा कर रहे शाह अचानक इस बैठक के लिए दिल्ली पहुंचे थे।
पीएम आवास पर करीब डेढ़ घंटे चली इस बैठक में सुस्ती दूर करने के तात्कालिक उपायों और जीएसटी की विसंगतियो के कारण व्यापारी वर्ग में उपजे असंतोष को दूर करने पर चर्चा हुई। शाह ने जीएसटी के संदर्भ में पार्टी स्तर पर आए फीडबैक से पीएम और वित्त मंत्री को अवगत कराया।
बैठक में इसके अलावा अर्थव्यस्था में आई सुस्ती को तत्काल दूर करने के उपायों पर भी चर्चा हुई। वित्त मंत्री ने इस संदर्भ में पीएम को मंत्रालय की तैयारियों से अवगत कराया। बताते हैं कि सुस्ती को दूर करने के लिए सरकार निर्माण, उद्योग सहित कई अन्य क्षेत्रों को जल्द ही कई तरह की राहत देने की घोषणा करेगी। इनमें कुछ क्षेत्रों को राहत पैकेज भी दिया जा सकता है।
दरअसल अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती पर भाजपा में असंतुष्ट धड़े ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इसकी शुरुआत पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा से हुई। बाद में इसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी, सांसद शत्रुघ्न सिन्हा शामिल हो गए। सरकार और पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि इसके जरिए एक नकारात्मक माहौल तैयार करने की कोशिश हो रही है। चूंकि मोदी सरकार जल्द ही चुनावी वर्ष में प्रवेश करने जा रही है, ऐसे में नकारात्मक माहौल में मजबूती आने से सियासी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
इस दौरान गुजरात विधानसभा चुनाव पर भी चर्चा हुई। चर्चा में गुजरात में जीएसटी के कारण व्यापारी वर्ग को हो रही समस्या को दूर करने के उपायों पर मंथन किया गया। गौरतलब है कि गुजरात जहां पीएम और भाजपा अध्यक्ष का गृह राज्य है वहीं वित्त मंत्री इस राज्य के चुनाव प्रभारी हैं।
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