GST की नई दरों की उम्मीद पर भारतीय शेयर बाजार ने तेज रफ्तार से नई कीर्तीमान को छू लिया. बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर प्रमुख सेंस्टिव सूचकांक सेंसेक्स ने तेज गति से लगभग 200 अंकों की बढ़त के साथ 30,700 के स्तर का नया रिकॉर्ड बना लिया है.गौरतलब है कि बीते कारोबारी दिन गुरुवार को बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 224 अंकों की गिरावट के साथ रिकार्ड उंचाई से नीचे आया था. इससे पहले, हफ्ते के पहले तीन कारोबारी दिन सेंसेक्स ने लगातार नए कीर्तीमान रचे. वैश्विक स्तर पर उतार-चढ़ाव के बीच जहां पहले तीन दिन भारतीय बाजार पर जमकर शेयरों की खरीदारी की गई वहीं गुरुवार की गिरावट के पीछे निवेशकों की मुनाफावसूली थी.
पिछले दिन के मुकाबले 223.98 अंक या 0.73 प्रतिशत की गिरावट के साथ गुरुवार को सेंसेक्स 30,435 के स्तर पर बंद हुआ था. हालांकि बढ़त का यह सिलसिला बाजार पर ज्यादा देर हावी नहीं रहा. पहले घंटे के कारोबार के बाद दोनों सेंसेक्स और निफ्टी पर जोरदार बिकवाली का दौर शुरू हो गया. मौजूदा समय 12 बजे के कारोबार तक सेंसेक्स ने अपनी 200 अंकों की बढ़त को गंवाते हुए महज 40 अंकों की बढ़त पर कारोबार कर रहा है.
इसी तर्ज पर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर 50 शेयरों वाले एनएसई सूचकांक भी लगभग 72 अंकों की उछाल के साथ 9,503 के नए कीर्तीमान को छूआ. इससे पहले गुरुवार को निफ्टी 96.30 अंकों या 1.01 प्रतिशत टूटकर 9,429.45 अंक पर बंद हुआ था. वहीं दोहपर 12 बजे तक के कारोबार के बाद निफ्टी पर भी तेज गिरावट देखी जा रही है. मौजूदा समय पर निफ्टी अपनी पूरी बढ़त को गंवाते हुए फ्लैट स्तर पर कारोबार कर रहा है. बाजार के जानकारों का मानना है कि शुरुआती उछाल के बाद बाजार पर सप्ताह के अंत की मुनाफावसूली हावी हो गई है.
बाजार के जानकारों के मुताबिक शेयर बाजार पर आज की तेजी जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में चल रही GST काउंसिल की बैठक के चलते है. काउंसिल की बैठक में पूरे देश के लिए एक समान टैक्स ढ़ांचे पर जीएसटी काउंसिल फैसला करने जा रही है. इस फैसले के बाद 1 जुलाई से पूरे देश में सेंट्रल एक्साइज और सर्विस चैक्स चुकाने वाले सभी कारोबारियों को इन नई दरों पर जीएसटी का भुगतान करना होगा.
इस उम्मीद पर देश की तमाम ऐसी कंपनियों के शेयरों में अच्छी खरीदारी दर्ज हो रही है जिसे नए टैक्स व्यवस्था में फायदा दिखाई दे रहा है. इसके अलावा, बाजार के जानकारों का मानना है कि GST पर आज के फैसले से एक बार फिर आम आदमी के लिए बाजार के नियम बदल जाएंगे. उपभोग के लिए ली जाने वाली सुविधाएं, गुड्स और सर्विसेज की कीमत 1 जुलाई 2017 के बाद कम होगी या अधिक हो जाएंगी.