जीवन की सुख-शांति के लिए एक बार गुरूवार को अवश्‍य करें इन 5 मंत्रों का जाप...

जीवन की सुख-शांति के लिए एक बार गुरूवार को अवश्‍य करें इन 5 मंत्रों का जाप…

ऐसे बृहस्‍पति गुरू

गुरूवार को बृहस्पति जी की पूजा होती है है जिनको देवताओं के गुरु की पदवी प्रदान की गई है। चार हाथों वाले बृहस्‍पति जी स्वर्ण मुकुट तथा गले में सुंदर माला धारण किये रहते हैं, और पीले वस्त्र पहने हुए कमल आसन पर आसीन रहते हैं। इनके चार हाथों में स्वर्ण निर्मित दण्ड, रुद्राक्ष माला, पात्र और वरदमुद्रा शोभा पाती है। प्राचीन ऋग्वेद में बताया गया है कि बृहस्पति बहुत सुंदर हैं। ये सोने से बने महल में निवास करते है। इनका वाहन स्वर्ण निर्मित रथ है, जो सूर्य के समान दीप्तिमान है एवं जिसमें सभी सुख सुविधाएं संपन्न हैं। उस रथ में वायु वेग वाले पीतवर्णी आठ घोड़े तत्पर रहते हैं।
 For happiness and peace of life, please make sure to chant these five mantras on Thursday.
 
देवगुरू का परिवार
देवगुरु बृहस्पति की तीन पत्नियां हैं जिनमें से ज्येष्ठ पत्नी का नाम शुभा, कनिष्ठ का तारा या तारका तथा तीसरी का नाम ममता है। शुभा से इनके सात कन्याएं उत्पन्न हुईं हैं, जिनके नाम इस प्रकार से हैं, भानुमती, राका, अर्चिष्मती, महामती, महिष्मती, सिनीवाली और हविष्मती। इसके उपरांत तारका से सात पुत्र और एक कन्या उत्पन्न हुईं। उनकी तीसरी पत्नी से भारद्वाज और कच नामक दो पुत्र उत्पन्न हुए। बृहस्पति के अधिदेवता इंद्र और प्रत्यधि देवता ब्रह्मा हैं। महाभारत के आदिपर्व में उल्लेख के अनुसार, बृहस्पति महर्षि अंगिरा के पुत्र तथा देवताओं के पुरोहित हैं। ये अपने प्रकृष्ट ज्ञान से देवताओं को उनका यज्ञ भाग या हवि प्राप्त करा देते हैं।  
बृहस्‍पति गुरू के पवित्र मंत्र
जब असुर एवं दैत्य यज्ञ में विघ्न डालकर देवताओं को क्षीण कर हराने का प्रयास करते रहते हैं तो उनकी रक्षा देवगुरु बृहस्पति रक्षोघ्र मंत्रों का प्रयोग करके करते हैं। बृहस्‍पति देवताओं का पोषण एवं रक्षण करते हैं और दैत्यों से देवताओं की रक्षा करते हैं। उनकी पूजा में नीचे दिये 5 मंत्रों का जाप विशिष्‍ट माना गया है।  1- देवानां च ऋषीणां च गुरुं का चनसन्निभम।
2- बुद्धि भूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पितम।
3- ऊं ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:।
4- ऊं बृं बृहस्पतये नम:। और
5- ऊं अंशगिरसाय विद्महे दिव्यदेहाय धीमहि तन्नो जीव: प्रचोदयात्।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com