इतिहास गवाह है कि पुर्तगाल का प्रदर्शन विश्व कप में उसके खिलाडिय़ों की हैसियत के हिसाब से नहीं रहा है। क्रिस्टियानो रोनाल्डो जैसे विश्व स्तर के स्ट्राइकर की मौजूदगी भी इस टीम को चैंपियन बनाने के लिए उपयुक्त साबित नहीं हुई है। हालांकि, कोच फर्नांडो सांतोस की इस टीम से रूस में एक ऐतिहासिक प्रदर्शन की आशा की जा रही है। ग्रुप बी में पुर्तगाल को पूर्व चैंपियन स्पेन, मोरक्को और ईरान के साथ रखा गया है।इतिहास गवाह है कि पुर्तगाल का प्रदर्शन विश्व कप में उसके खिलाडिय़ों की हैसियत के हिसाब से नहीं रहा है। क्रिस्टियानो रोनाल्डो जैसे विश्व स्तर के स्ट्राइकर की मौजूदगी भी इस टीम को चैंपियन बनाने के लिए उपयुक्त साबित नहीं हुई है। हालांकि, कोच फर्नांडो सांतोस की इस टीम से रूस में एक ऐतिहासिक प्रदर्शन की आशा की जा रही है। ग्रुप बी में पुर्तगाल को पूर्व चैंपियन स्पेन, मोरक्को और ईरान के साथ रखा गया है।  इतिहास के पन्नों से : पुर्तगाल का विश्व कप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1966 के आयोजन में रहा, जहां उसने फुटबॉल के महाकुंभ में पदार्पण करते हुए तीसरा स्थान हासिल किया। तब उसे सेमीफाइनल में इंग्लैंड से शिकस्त का सामना करना पड़ा था। इसके अलावा वे फ्रांस से हारने से पहले 2006 में सेमीफाइनल में पहुंचे। हालांकि, 2002 और 2014 में उसे ग्रुप चरण से ही बाहर होना पड़ा था, जबकि 2010 में उसे प्री-क्वार्टर फाइनल में स्पेन के खिलाफ शिकस्त मिली थी। हालांकि, 2017 के कंफेडरेशन कप में पुर्तगाल की टीम ने बेहतर खेल दिखाया और तीसरे स्थान पर रही।  अनुभवी कोच : 63 वर्षीय पूर्व डिफेंडर फर्नांडो सांतोस पुर्तगाल के मुख्य कोच की भूमिका में हैं जो बतौर खिलाड़ी संन्यास लेने के बाद इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में अपना करियर बनाना चाहते थे, लेकिन उनकी तकदीर उन्हें कोचिंग में ले आई। उन्होंने पुर्तगाल के बेनफीका, पोर्टो और स्पोर्टिंग जैसे तीन बड़े क्लबों के मैनेजर की भूमिका निभाई और 2012 के यूरो कप और 2014 विश्व कप में मिस्र के कोच की भूमिका में भी नजर आए। 2014 से पुर्तगाल की राष्ट्रीय टीम के मुख्य कोच के पद पर आसीन हैं। विश्व कप के लिए चुनी गई टीम को लेकर सांतोस की आलोचना हो रही है, क्योंकि उन्होंने पुर्तगाल के कई अनुभवी खिलाडिय़ों को टीम में जगह नहीं दी है, जिनमें नानी और ईडर जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं।  क्रिस्टियानो के किस्से : क्लब फुटबॉल के बेताब बादशाह क्रिस्टियानो रोनाल्डो के पास तीन विश्व कप में खेलने का अनुभव है, लेकिन उनके खेलने के दौरान टीम अब तक विश्व स्तर पर कुछ खास नहीं कर पाई। हालांकि, 33 वर्षीय रोनाल्डो अपने देश की ओर से सबसे ज्यादा मैच और सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी हैं। 2016 में यूरो कप की जीत की खुशी में पुर्तगाल ने अपने एक एयरपोर्ट का नाम उनके नाम पर रखा। भले ही वह टीम में रहे या ना रहें, लेकिन वह पुर्तगाल के खिलाडिय़ों का उत्साहवर्धन करते हमेशा नजर आते हैं। बहुत लोग मानते हैं कि रोनाल्डो की पेनाल्टी और फ्री किक ज्यादा असरदार नहीं होती है, लेकिन 149 मुकाबलों में 81 गोल उनकी काबिलियत का परिचय दे रहे हैं।  पेपे की अहमियत : करीब एक दशक से पुर्तगाल के गोल पोस्ट के सामने खड़े होने वाले पेपे को मौजूदा समय का सबसे अच्छा डिफेंडर माना जाता है। 2014 के विश्व कप में जर्मनी के हाथों पुर्तगाल की 0-4 की हार के बाद पेपे की काफी आलोचना हुई, लेकिन 2016 यूरो कप में उनके प्रदर्शन को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। वह ब्राजील में पैदा हुए और 18 वर्ष की उम्र में पुर्तगाल चले गए जहां उन्होंने फुटबॉल की दुनिया में अपना नाम कमाया।  शैली और मौजूदा हालात: पुर्तगाल की टीम भी 4-3-2-1 की रचना के साथ मैदान में उतरना पसंद करती है, लेकिन यह बहुत कुछ उसकी विरोधी टीम पर निर्भर करता है। यानी जैसी टीम वैसी रचना। पुर्तगाल ने अपने आखिरी नौ अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में जीत हासिल की है। इस दौरान इस टीम का प्रदर्शन देखने लायक रहा है। हालांकि, नीदरलैंड्स के खिलाफ उसकी 0-3 की हार ने कई सवाल भी खड़े किए। विश्व कप के दो अभ्यास मुकाबलों में ट्यूनीशिया और बेल्जियम के खिलाफ ड्रॉ से संतोष करना पड़ा। हालांकि, सांतोस की इस टीम में युवा और अनुभवी खिलाडिय़ों का मिश्रण है जिसके दम पर वह रूस में अच्छे नतीजे की आशा कर सकते हैं।  संभावनाएं : पड़ोसी स्पेन के साथ, पुर्तगाल ग्रुप-बी से एक ही टीम में है जिसे ग्रुप ऑफ डेथ कहा जा रहा है, जिसमें मोरक्को और ईरान भी शामिल हैं। लेकिन, स्पेन के खिलाफ होने वाले पहले मुकाबले में ही उसे मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। मोरक्को के खिलाफ उसे अपना दूसरा मुकाबला खेलना है जिसने उसे 1986 के विश्व कप में 1-3 की हार का जख्म दिया था। वहीं उसके पूर्व कोच कार्लोस क्यूरोज इस समय ईरानी टीम को संवार रहे हैं जो कड़ी टक्कर दे सकती है। प्री-क्वार्टर फाइनल में पुर्तगाल का मुकाबला रूस, मिस्र, उरुग्वे या सऊदी अरब से हो सकता है जबकि फ्रांस या अर्जेंटीना के साथ उसे क्वार्टर फाइनल में भिडऩा पड़ सकता है।  पुर्तगाल की टीम  गोलकीपर : एंथनी लोपेज, बेटो, रुइ पेट्रीसियो  डिफेंडर : ब्रूनो अल्वेस, सेड्रिक सोरेस, जोस फोंटे, मारियो रुइ, पेपे, राफेल ग्वेरेरो, रिकार्डो परेरा, रुबेन डियास  मिडफील्डर : एड्रियान सिल्वा, ब्रूनो फर्नांडीस, जोओ मारियो, जोआओ मौतिन्हो, मैनुअल फर्नांडीस, विलियम कार्वाल्हो, आंद्रे सिल्वा, बर्नार्डो सिल्वा  स्ट्राइकर : क्रिस्टियानो रोनाल्डो, गेल्सन मार्टिंस, गोंकालो ग्वेडेस, रिकार्डो क्यूरेस्मा  मुकाबले  ग्रुप बी  बनाम स्पेन, 15 जून  बनाम मोरक्को, 20 जून  बनाम ईरान, 25 जून

इतिहास के पन्नों से : पुर्तगाल का विश्व कप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1966 के आयोजन में रहा, जहां उसने फुटबॉल के महाकुंभ में पदार्पण करते हुए तीसरा स्थान हासिल किया। तब उसे सेमीफाइनल में इंग्लैंड से शिकस्त का सामना करना पड़ा था। इसके अलावा वे फ्रांस से हारने से पहले 2006 में सेमीफाइनल में पहुंचे। हालांकि, 2002 और 2014 में उसे ग्रुप चरण से ही बाहर होना पड़ा था, जबकि 2010 में उसे प्री-क्वार्टर फाइनल में स्पेन के खिलाफ शिकस्त मिली थी। हालांकि, 2017 के कंफेडरेशन कप में पुर्तगाल की टीम ने बेहतर खेल दिखाया और तीसरे स्थान पर रही।

अनुभवी कोच : 63 वर्षीय पूर्व डिफेंडर फर्नांडो सांतोस पुर्तगाल के मुख्य कोच की भूमिका में हैं जो बतौर खिलाड़ी संन्यास लेने के बाद इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में अपना करियर बनाना चाहते थे, लेकिन उनकी तकदीर उन्हें कोचिंग में ले आई। उन्होंने पुर्तगाल के बेनफीका, पोर्टो और स्पोर्टिंग जैसे तीन बड़े क्लबों के मैनेजर की भूमिका निभाई और 2012 के यूरो कप और 2014 विश्व कप में मिस्र के कोच की भूमिका में भी नजर आए। 2014 से पुर्तगाल की राष्ट्रीय टीम के मुख्य कोच के पद पर आसीन हैं। विश्व कप के लिए चुनी गई टीम को लेकर सांतोस की आलोचना हो रही है, क्योंकि उन्होंने पुर्तगाल के कई अनुभवी खिलाडिय़ों को टीम में जगह नहीं दी है, जिनमें नानी और ईडर जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं।

क्रिस्टियानो के किस्से : क्लब फुटबॉल के बेताब बादशाह क्रिस्टियानो रोनाल्डो के पास तीन विश्व कप में खेलने का अनुभव है, लेकिन उनके खेलने के दौरान टीम अब तक विश्व स्तर पर कुछ खास नहीं कर पाई। हालांकि, 33 वर्षीय रोनाल्डो अपने देश की ओर से सबसे ज्यादा मैच और सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी हैं। 2016 में यूरो कप की जीत की खुशी में पुर्तगाल ने अपने एक एयरपोर्ट का नाम उनके नाम पर रखा। भले ही वह टीम में रहे या ना रहें, लेकिन वह पुर्तगाल के खिलाडिय़ों का उत्साहवर्धन करते हमेशा नजर आते हैं। बहुत लोग मानते हैं कि रोनाल्डो की पेनाल्टी और फ्री किक ज्यादा असरदार नहीं होती है, लेकिन 149 मुकाबलों में 81 गोल उनकी काबिलियत का परिचय दे रहे हैं।

पेपे की अहमियत : करीब एक दशक से पुर्तगाल के गोल पोस्ट के सामने खड़े होने वाले पेपे को मौजूदा समय का सबसे अच्छा डिफेंडर माना जाता है। 2014 के विश्व कप में जर्मनी के हाथों पुर्तगाल की 0-4 की हार के बाद पेपे की काफी आलोचना हुई, लेकिन 2016 यूरो कप में उनके प्रदर्शन को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। वह ब्राजील में पैदा हुए और 18 वर्ष की उम्र में पुर्तगाल चले गए जहां उन्होंने फुटबॉल की दुनिया में अपना नाम कमाया।

शैली और मौजूदा हालात: पुर्तगाल की टीम भी 4-3-2-1 की रचना के साथ मैदान में उतरना पसंद करती है, लेकिन यह बहुत कुछ उसकी विरोधी टीम पर निर्भर करता है। यानी जैसी टीम वैसी रचना। पुर्तगाल ने अपने आखिरी नौ अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में जीत हासिल की है। इस दौरान इस टीम का प्रदर्शन देखने लायक रहा है। हालांकि, नीदरलैंड्स के खिलाफ उसकी 0-3 की हार ने कई सवाल भी खड़े किए। विश्व कप के दो अभ्यास मुकाबलों में ट्यूनीशिया और बेल्जियम के खिलाफ ड्रॉ से संतोष करना पड़ा। हालांकि, सांतोस की इस टीम में युवा और अनुभवी खिलाडिय़ों का मिश्रण है जिसके दम पर वह रूस में अच्छे नतीजे की आशा कर सकते हैं।

संभावनाएं : पड़ोसी स्पेन के साथ, पुर्तगाल ग्रुप-बी से एक ही टीम में है जिसे ग्रुप ऑफ डेथ कहा जा रहा है, जिसमें मोरक्को और ईरान भी शामिल हैं। लेकिन, स्पेन के खिलाफ होने वाले पहले मुकाबले में ही उसे मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। मोरक्को के खिलाफ उसे अपना दूसरा मुकाबला खेलना है जिसने उसे 1986 के विश्व कप में 1-3 की हार का जख्म दिया था। वहीं उसके पूर्व कोच कार्लोस क्यूरोज इस समय ईरानी टीम को संवार रहे हैं जो कड़ी टक्कर दे सकती है। प्री-क्वार्टर फाइनल में पुर्तगाल का मुकाबला रूस, मिस्र, उरुग्वे या सऊदी अरब से हो सकता है जबकि फ्रांस या अर्जेंटीना के साथ उसे क्वार्टर फाइनल में भिडऩा पड़ सकता है।

पुर्तगाल की टीम

गोलकीपर : एंथनी लोपेज, बेटो, रुइ पेट्रीसियो

डिफेंडर : ब्रूनो अल्वेस, सेड्रिक सोरेस, जोस फोंटे, मारियो रुइ, पेपे, राफेल ग्वेरेरो, रिकार्डो परेरा, रुबेन डियास

मिडफील्डर : एड्रियान सिल्वा, ब्रूनो फर्नांडीस, जोओ मारियो, जोआओ मौतिन्हो, मैनुअल फर्नांडीस, विलियम कार्वाल्हो, आंद्रे सिल्वा, बर्नार्डो सिल्वा

स्ट्राइकर : क्रिस्टियानो रोनाल्डो, गेल्सन मार्टिंस, गोंकालो ग्वेडेस, रिकार्डो क्यूरेस्मा

मुकाबले

ग्रुप बी

बनाम स्पेन, 15 जून

बनाम मोरक्को, 20 जून

बनाम ईरान, 25 जून