EVM-VVPAT पर पुनर्विचार याचिका खारिज, विपक्षी दलों को सुप्रीम कोर्ट से झटका

सर्वोच्च अदालत आज वीवीपैट(VVPAT) को लेकर अहम सुनवाई करेगा। 21 विपक्षी दलों ने 50 फीसद वीवीपैट पर्चियों को ईवीएम(EVM) से मिलाए जाने की मांग वाली पुनर्विचार याचिका दायर की है, जिसपर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा।

इससे पहले 8 अप्रैल को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने हर विधानसभा क्षेत्र में पांच बूथ के ईवीएम को वीवीपैट की पर्ची से मिलाने का आदेश दिया था। कोर्ट ने अपने इस आदेश में ईवीएम को वीवीपैट की पर्ची से मिलाने के आदेश को एक से बढ़ाकर पांच कर दिया था।  बता दें कि फिलहाल सिर्फ एक बूथ के ईवीएम का ही वीवीपैट की पर्टी से मिलान किया जाता है।

विपक्षी दलों की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा था कि चुनाव खत्म होने वाले हैं और 23 मई को मतगणना है ऐसे में अगर याचिका पर जल्दी सुनवाई नहीं होगी तो यह महत्वहीन हो जाएगी।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और कांग्रेस सहित कुल 21 विपक्षी दलों ने अपनी पुनर्विचार याचिका में कहा है कि ईवीएम से वीवीपैट का मिलान एक के बजाए पांच ईवीएम प्रति विधानसभा करने से यह मात्र दो फीसद ही बढ़ा है। सिर्फ दो फीसद बढ़ने से कोई असर नहीं होगा। उनके हक में फैसला आने के बावजूद उनकी शिकायत खत्म नहीं हुई है। विपक्ष की मांग है कि इसके लिए पचास फीसद ईवीएम का वीवीपैट पर्चियों से मिलान होना चाहिए।

तेदेपा प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता में देश भर के 21 विभन्न दलों के द्वारा जनहित याचिका दाखिल की गई थी। नायडू के अलावा याचिकाकर्ताओं में केसी वेणुगोपाल, अरविंद केजरीवाल, अखिलेश यादव, शरद पवार, डेरेक ओ ब्रायन, फारूक अब्दुल्ला, शरद यादव, अजीत सिंह, दानिश अली और मनोज झा शामिल हैं।

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