21 सितंबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो रही है. अब सिर्फ एक दिन रह गया है. अगर आपने अब तक मां दुर्गा की स्थापना और पूजा की तैयारी नहीं की है तो हम यहां आपकी मदद कर रहे हैं.
मां दुर्गा की स्थापना और पूजा में जिन चीजों की आपको जरूरत पड़ेगी, उसकी खरीदारी आज ही कर लें. क्योंकि 21 सितंबर यानी कि कल से ही नवरात्रि का शुभारंभ हो रहा है और कलश स्थापना का सबसे शुभ मुहूर्त सुबह-सुबह का है.
पंडित विनोद मिश्र के अनुसार नौ दिन मां की पूजा करते समय बहुत जरूरी है कि भक्त हर रोज मां की ये चीजें उनके सामने रखने के बाद ही पूजा करें. कुछ चीजों के बिना मां भगवती की अराधना अधूरी है.
यहां पूजा सामग्री की सूची दी जा रही है. कलश या घट स्थापना के लिए इन सभी चीजों का होना जरूरी है.
लाल रंग का आसन
लाल रंग मां दुर्गा का सबसे खास रंग माना जाता है. इसलिए पूजा शुरू करने से पहले आसन के तौर पर कोई भी वस्त्र बिछाने से अच्छा है कि लाल रंग के कपड़े का इस्तेमाल किया जाए. इसके अलावा मां को लाल चुनरी और कुमकुम का टीका लगाना शुभ है. इसके अलावा ये चीजें भी जरूरी हैं.
– मिट्टी का पात्र और जौ
– साफ की हुई मिट्टी
– जल से भरा हुआ सोना, चांदी, तांबा, पीतल या मिट्टी का कलश
– लाल सूत्र, मौली, इलाइची, लौंग, कपूर, रोली
– साबुत सुपारी, साबुत चावल और सिक्के
– अशोक या आम के पांच पत्ते
– मिट्टी का ढक्कन
– पानी वाला नारियल
– लाल कपड़ा या चुनरी, सिंदूर
– फूल और फूल माला, नवरात्र कलश
खाली ना चढ़ाएं लाल चुनरी
मां दुर्गा को खाली चुनरी कभी ना चढ़ाएं. चुनरी के साथ सिंदूर, नारियल, पंचमेवा, मिष्ठान, फल, सुहाग का सामान चढ़ाने से मां खुश होती हैं और आर्शीवाद देती है. मां दुर्गा की चूड़ी, बिछिया, सिंदूर, महावर, बिंदी, काजल चढ़ाना चाहिए.
अखंड ज्योति के लिए
अगर आप नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाना चाहते हैं तो पीतल या मिट्टी का दीया साफ कर ले. जोत के लिए रूई की बत्ती, रोली या सिंदूर, चावल जरूर रखें.
हवन के लिए
हवन कुंड, लौंग का जोड़ा, कपूर, सुपारी, गुग्ल, लोबान, घी, पांच मेवा, चावल
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