भारत की स्टार महिला शटलर पीवी सिंधु रविवार को इतिहास रचने से चूक गईं। भारतीय शटलर को बीडब्लूएफ वर्ल्ड सुपरसीरीज फाइनल्स के महिला सिंगल्स में जापान की अकाने यामागूची से 21-15, 12-21, 19-21 से शिकस्त झेलना पड़ी। अगर सिंधु जीतने में कामयाब होती तो वो वर्ल्ड सुपरसीरीज फाइनल्स जीतने वाली पहली भारतीय बनती।
यामागूची ने ग्रुप चरण में सिंधु से मिली हार का हिसाब बराबर किया। भारतीय शटलर को 94 मिनट के कड़े संघर्ष के बाद शिकस्त का सामना करना पड़ा। शनिवार को सिंधु ने सेमीफाइनल में चीन की चेन यूफी को हराकर साइना नेहवाल की बराबर की थी, जिन्होंने 2011 में इस इवेंट के फाइनल में प्रवेश किया था। वहीं 2009 में ज्वाला गुट्टा और वी डिजू की जोड़ी ने मिक्स्ड डबल्स इवेंट के फाइनल में प्रवेश किया था।
सिंधु ने पहले गेम में 2-0 की बढ़त के साथ शुरुआत की। हालांकि, जापानी शटलर ने लगातार पांच अंक हासिल करके जोरदार वापसी की और स्कोर में 5-2 की बढ़त बनाई। इसके बाद सिंधु ने 33 शॉट की रैली जीतते हुए स्कोर 8-8 से बराबर किया। वहीं उनकी विरोधी ने 31 शॉट की लंबी रैली के बाद एक गलती की जबकि भारतीय शटलर ने बढ़त बरकरार रखते हुए स्कोर 11-8 कर दिया। सिंधु ने पहला गेम 23 मिनट में अपने नाम किया।
दूसरे गेम में जापानी शटलर का बोलबाला रहा और वो पूरी तरह सिंधु पर हावी रहीं। यामागूची ने 26 मिनट में दूसरा गेम अपने नाम किया। इसके बाद तीसरे सेट की शुरुआत में सिंधु हावी नजर आईं। उन्होंने 4-0 की बढ़त बनाई। यामागूची ने फिर वापसी करते हुए स्कोर 5-5 से बराबर किया और जल्द ही 11-8 की बढ़त बनाई। यहां से मुकाबला बेहद रोमांचक हुआ, लेकिन अंत में जीत जापानी शटलर के खाते में गई।