संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष ने छठे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर कहा कि COVID-19 ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है, लोगों में अकेलापन बढ़ गया है और इसके कारण व्यग्रता (Anxiety) भी बढ़ी है, ऐसे में सेहतमंद रहने के लिए योग करना आज के समय में बहुत महत्वपूर्ण है. इस वर्ष 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कोविड-19 संबंधी पाबंदियों के चलते तथा सोशल डिस्टैंसिंग के नियम का पालन करने के लिए डिजिटल तरीके से मनाया जाएगा.
बीमारी के कारण बढ़ रही करीबियों की चिंता
महासभा के अध्यक्ष तिजानी मोहम्मद बंदे ने डिजिटल संदेश में कहा, ‘‘वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. सामाजिक दूरी के कारण अकेलापन बढ़ा है, आर्थिक परेशानियों के कारण व्यग्रता बढ़ी है और बीमारी का डर और करीबियों की चिंता भी लोगों को खाए जा रही है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक महामारी के कारण जो परेशानियां पैदा हुई हैं उनसे निपटने और चिंता से जूझ रहे लोगों की मदद करने के लिहाज से हम जानते हैं कि योग करना कितना महत्वपूर्ण है.’’
संयुक्त राष्ट्र में हुआ डिजिटल योग कार्यक्रम
संयुक्त राष्ट्र में भारत का स्थायी मिशन हर साल वहां योग दिवस का कार्यक्रम बड़े पैमाने पर आयोजन करना रहा है. इस बार मिशन ने शुक्रवार को कोविड-19 के चलते डिजिटल कार्यक्रम ‘‘योग फॉर हेल्थ – योग ऐट होम’’ का आयोजन किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के बाद पहली बार 2015 में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया गया था. इसके बाद से ही हर साल 21 जून को ये आयोजन होता है. इस साल योग दिवस का छठा साल है. हालांकि इस साल कोरोना के कारण कई जगह ऑनलाइन योग सेशन आयोजित किए जा रहे हैं.