हरियाणा में जजपा-भाजपा गठबंधन की सरकार में नए मंत्रिमंडल का गठन एक खास फॉर्मूले के तहत किया जाएगा। कई विधायक मंत्री पदों की दौड़ में हैं। वैसे हरियाणा के इतिहास में पहली बार नई सरकार का पहला विधानसभा सत्र बिना मंत्रिमंडल के ही संपन्न हुआ।
सरकार की ओर से इस बार सिर्फ मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री को छोड़कर बाकी सभी सदस्य बतौर विधायक की हैसियत से ही पहले सत्र के दौरान सदन में मौजूद रहे। चूंकि इस बार हरियाणा में गठबंधन की सरकार है, इसलिए अभी तक मंत्रिमंडल तय होने में कई तरह के पेच फंसे हुए हैं। लेकिन फिर भी संभावनाएं जताई जा रही है कि 10 नवंबर तक हरियाणा के मंत्रिमंडल की घोषणा हो जाएगी।
सूत्रों के अनुसार, इस मंत्रिमंडल को तैयार करने के लिए भाजपा ने विधायकों के संख्या बल के हिसाब से एक फॉर्मूला तैयार किया है। जिसके चलते मंत्रिमंडल गठन के दौरान भाजपा अपने सहयोगियों में पूरी तरह से तालमेल बिठाकर आगे बढ़ेगी। भाजपा की सोच है कि मंत्रिमंडल इस तरह से गठित हो कि न तो उनके सहयोगी जननायक जनता पार्टी नाराज रहे और न ही निर्दलीय विधायक।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल तो अपनी ओर से अपनी नई टीम पर होमवर्क पूरा कर चुके हैं। मगर सहयोगियों को भी साधते हुए मंत्रिमंडल पर आखिरी निर्णय हाईकमान को ही लेना है, जो इस वक्त महाराष्ट्र में चले रहे सियासी घमासान को पटरी पर लाने में व्यस्त है। बता दें इस बार भाजपा के पास अकेले बहुमत की सरकार बनाने वाला 46 विधायकों का आंकड़ा नहीं है, इसलिए जजपा से गठबंधन करना पड़ा।