उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में कच्ची शराब से हुई मौतों पर समाजवादी पार्टी की साजिश की आशंका व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि पूर्व में बाराबंकी, हरदोई, आजमगढ़, कानपुर में जैसे साजिश हुई थी, वैसी साजिश हुई तो साजिश को अंजाम देने वाले व्यक्तियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने प्रदेश के सभी डीएम को पूरी सतर्कता बरतने, जहरीली और कच्ची शराब बनाने वालों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
दो दिवसीय दौरे पर गोरखपुर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एनेक्सी भवन के लोकार्पण समारोह के बाद मीडिया कर्मियों से मुखातिब थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिद्वार के गांव में आयोजित भोज में कच्ची शराब परोसी गई थी। इस कार्यक्रम में सहारनपुर, मेरठ और मुज्जफरनगर के निवासी शामिल हुए थे। इस भोज में कच्ची शराब परोसी गई थी। वह कच्ची शराब मिलावटी थी, जहरीली थी, कैसी थी जांच में सामने आएगा लेकिन उससे भारी मात्रा में उत्तरखण्ड और उत्तर प्रदेश के सहारनपुर और अन्य जनपदों में मौत हुई है। उसकी जांच कराई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकरण में उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री से बात कर इसकी विस्तृत जानकारी मांगी है। वहां कच्ची शराब बनाने का रैकेट कार्यरत था। यह भी जांच की जाएगी क्या यह किसी की शरारत थी? आजमगढ़ में जब घटना गठित हुई थी तो सपा का एक नेता लिप्त मिला था। हरदोई में इस प्रकार की घटना को अंजाम देने की तैयारी थी तो समाजवादी पार्टी का एक पूर्व प्रत्याशी गिरफ्तार हुआ। कानपुर में जहरीली शराब की घटना में समाजवादी पार्टी के नेता पकड़े गए। बाराबंकी में समाजवादी पार्टी के नेता पकड़े गए थे, स्वाभाविक रूप से यह एक षडयंत्र है या नहीं है।
सीएम ने कहा कि यह पूरी घटना दुखद है। मृतक परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। मृतक के परिजनों को 2-2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता एवं जो अस्पताल में हैं 50-50 हजार रुपये की सहायता प्रदान की जा रही है। संबंधित जिलों को निर्देश दिए हैं कि प्रभावित लोगों को उचित उपचार दिलाया जाए। ऐसे अस्पतालों में दाखिल कराया जाए जहां उन्हें डायलिसिस की सुविधाएं भी प्रदान की जा सकें। ताकि लोगों को बचाया जा सके।
कुशीनगर और सहारनपुर में कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए निर्देश पहले भी दिए गए थे, उन सबके बावजूद कुशीनगर और सहारनपुर में घटना गठित हुई तो वहां के जिला आबकारी अधिकारी, आबकारी निरीक्षक एवं संबंधित थाना के जो भी थाना अध्यक्ष थे, सब इंस्पेक्टर थे उनकी जवाबदेही तय करते हुए कार्रवाई की गई है। इस पूरे घटनाक्रम में जो भी दोषी होगा, बख्शा नहीं जाएगा।