वहीं मां की मौत के बाद बेटे ने निजी अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ इंसाफ की लड़ाई लड़ने का फैसला लिया है। बेटे पवन ने बताया कि रविवार को मां की तेरहवीं की रस्म पूरी करूंगा। इसके बाद पुलिस को शिकायत देकर केस दर्ज करवाने की मांग करेंगे।
वहीं सरकार और विभाग ने शहीद की विधवा की मौत के 36 घंटे बाद भी मामला संज्ञान में नहीं लिया। जबकि निजी प्रबंधन के इस रवैये का वीडियो वायरल हो चुका है और पुलिस को शिकायत का इंतजार है।
शकुंतला को दिल्ली रोड स्थित निजी अस्पताल में ले जाया गया था। जहां अस्पताल प्रबंधन ने उनसे आधार कार्ड की मांग की थी। आधार कार्ड की कॉपी मोबाइल में होने और जल्द मुहैया कराने के आश्वासन के बावजूद अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया। शहीद का बेटा मां के इलाज के लिए गिड़गिड़ाता रहा,
उसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन अपनी बात पर अड़ा रहा। पवन ने आरोप लगाया था कि उसके पास आधार कार्ड को छोड़कर सभी कागजात थे फिर भी उसकी सुनवाई नहीं हुई। इस दौरान अस्पताल में ऊंची आवाज में बोलने पर पुलिस को बुलवा लिया गया था। पुलिस ने भी उसे ही चुप रहने को कहा था, जिसके चलते उसे अपनी मां को वापस लेकर जाना पड़ा था।
किसी ओर मां के साथ ऐसा ना हो इसलिए कार्रवाई जरूरी
पवन बाल्याण ने बताया उसकी अस्पताल से कोई जाति दुश्मनी नहीं है। उन्होंने गलत किया है, जिसे लेकर वह उनके खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे। वह चाहते हैं कि उनकी मां की तरफ किसी अन्य की मां के साथ ऐसा न हो सके, इसलिए उन्होंने लड़ाई लडने का निर्णय लिया है।
अभी तक किसी तरह की कोई शिकायत नहीं मिली है। अगर कोई शिकायत लेकर आएगा तो उसकी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।