नई दिल्ली: मिली जानकारी के मुताबिक़ बताया जा रहा है की सीबीएसई स्टूडेंट्स को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए लगातार नए -नए प्रयास किए जा रहे है और उनमें सफलता भी दिखाई दे रही है बताया जा रहा है की दसवीं क्लास में दोबारा बोर्ड एग्जाम को जरूरी बनाने के प्रस्ताव के बाद अब सीबीएसई ने फैसला लिया है कि सीबीएसई एफिलिएटेड स्कूलों में कोई भी व्यक्ति सीधे प्रिंसिपल नहीं बन सकता. यानी अब इच्छुक व्यक्ति को सीबीएसई स्कूल में प्रिंसिपल बनने के लिए पीईटी यानि प्रिंसिपल एलिजिबिलिटी टेस्ट देना होगा. यही नहीं वर्तमान में भी जो लोग सीबीएसई स्कूलों में प्रिंसिपल हैं, उन्हें भी इस प्रक्रिया से गुजरना होगा.
जानकारी के अनुसार, सीबीएसई ने यह फैसला स्कूलों में गुणवत्ता को बरकरार रखने के लिए लिया है. बोर्ड के पास कई बार यह शिकायत आ चुकी है, जिनमें इस बात का जिक्र होता है कि कई स्कूल मालिक ही योग्य ना होने के बावजूद भी प्रिंसिपल का पद संभालते हैं, वहीं कई लोग रिटायर्ड होने के बाद सीबीएसई स्कूलों में प्रिंसिपल का पद संभाल लेते हैं. सीबीएसई के फैसले पर मानव संसाधान विकास मंत्रालय की मोहर लगनी बाकि है. इसके बाद यह देशभर में लागू हो जाएगा.
कैसे होगा प्रिंसिपल का सेलेक्शन और कौन कर सकता है अप्लाई-
नई प्रक्रिया लागू होने के बाद प्रिंसिपल बनने के लिए सबसे पहले तो इच्छुक कैंडिडेट को पीईटी एग्जाम में पास होना अनिवार्य होगा. इस एग्जाम में सीनियर टीचर, वाइस प्रिंसिपल और वर्तमान प्रिंसिपल अप्लाई कर सकते हैं. अभी तक प्रिंसिपल का सेलेक्शन स्कूल के प्रेसिडेंट या सेक्रेटरी और मैनेजमेंट कमेटी मेंबर के फैसले के आधार पर होता है.
नई प्रक्रिया में संस्था के प्रेसिडेंट या सेक्रेटरी, मैनेजमेंट कमेटी मेंबर के अलावा एक सीबीएसई रिप्रेजेंटेटिव और एक राज्य सरकार के शिक्षा विभाग का प्रतिनिध होना अनिवार्य होगा. यदि चयन प्रक्रिया के दौरान निर्णय में सहमति ना बने तो फिर राज्य सरकार और सीबीएसई प्रतिनिधि का निर्णय ही मान्य होगा.