उत्तरप्रदेश

राम मंदिर निर्माण को लेकर अयोध्या के संतों से मिले CM आदित्यनाथ

केंद्र और उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की पूर्ण बहुमत वाली सरकार होने के बाद भी अयोध्या में राम मंदिर का मामला अभी साफ नहीं हो सका है. संत इस रवैये से बेहद नाराज बताए जा रहे हैं और इस सिलसिले में उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात भी की. दिगंबर अखाडा के महंत सुरेश दास और स्थानीय विधायक वेदप्रकाश के नेतृत्व में संतों का एक दल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुरुवार को उनके सरकारी आवास पर मिला. मुख्यमंत्री से मिलने के बाद महंत सुरेश दास ने बताया कि 25 जून को योगी आदित्यनाथ अयोध्या आ रहे हैं और वहीं पर सारी बात की जाएगी. उन्होंने आगे कहा कि हम बीजेपी के साथ हैं. बीजेपी कम से कम राम मंदिर निर्माण करने में सहायता कर रही है, सरकार से हमारी कोई नाराजगी नहीं है. इससे पहले महंत परमहंस दास ने चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर बीजेपी को 2019 में फिर से सत्ता में आना है तो उसे राम मंदिर बनवाना ही होगा. अगर वह ऐसा नहीं करती है तो हम बीजेपी के खिलाफ आंदोलन शुरू करेंगे जो उसकी हार तय करेगी. राम मंदिर के अलावा साधु-संतों ने अयोध्या के चहुंमुखी विकास के एजेंडे को लेकर मुख्यमंत्री आदित्यनाथ से चर्चा की. मुख्यमंत्री के साथ संत अपने 3 खास एजेंडे के साथ मिलने आए थे. 3 खास एजेंडा संतों का पहला एजेंडा था कि कागजों में अयोध्या में सरयू नदी घाघरा के नाम से जानी जाती है इसलिए इसे रिकॉर्ड में भी सरयू किया जाए. उनका दूसरा एजेंडा था कि सरयू के पानी को राम की पैड़ी में अविरल बनाया जाए जो फिलहाल रुका हुआ है. इसके अलावा उनकी मांग है कि अयोध्या को इस तरह से विकसित किया जाए कि इसकी पहचान धर्म नगरी के रूप में हो. दिगंबर अखाडा के महंत सुरेश दास यूं तो हर महीने मुख्यमंत्री योगी से मिलने आते हैं और योगी भी अयोध्या जाते हैं तो महंत सुरेश दास के यहां जरुर जाते हैं, लेकिन आज अयोध्या से आए साधु संतों के मुलाकात को लेकर कयासबाजी लगनी शुरू हो गई

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करप्शन के आरोप पर योगी सरकार का बड़ा एक्शन, एक साथ दो जिलों के DM सस्पेंड

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है. भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद यूपी सीएम ने गोंडा और फतेहपुर के डीएम को निलंबित कर दिया है. पिछले दो दिनों में भ्रष्टाचार के खिलाफ योगी की ये दूसरी बड़ी कार्रवाई है. मुख्यमंत्री ने गोंडा के डीएम जेबी सिंह, फतेहपुर के डीएम प्रशांत कुमार को निलंबित किया. बताया जा रहा है कि दोनों डीएम पर भ्रष्टाचार करने का आरोप था. जेबी सिंह को खाद्यान अनियमितता और प्रशांत को सरकारी जमीन गलत तरीके से निजी व्यक्ति को देना का आरोप था. ऐसा पहली बार हुआ है कि जब दो डीएम एक साथ निलंबित हुए है. एक दिन पहले भी की थी कार्रवाई आपको बता दें कि एक ही दिन पहले मंत्री अनुपमा जायसवाल के दो निजी सचिवों को भी हटाया गया था. अनुपमा जायसवाल के जिम्मे बाल विकास और पुष्टाहार मंत्रालय है और इनके निजी सचिवों पर ट्रान्सफर पोस्टिंग को लेकर लगातार सवाल उठ रहे थे. कैराना और नूरपुर उपचुनाव में हार और सरकार के भीतर सहयोगियों के तेवर को देखते हुए योगी आदित्यनाथ ने भी भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी मुहिम तेज कर दी है. आखिर क्यों हटाया गया? जनपद गोंडा में सरकारी खाद्यान्न बांटने में गड़बड़ी और डीएम के स्तर पर अप्रभावी तथा अत्यधिक शिथिल नियंत्रण की वजह से न सिर्फ गोंडा के जिलाधिकारी बल्कि जिला आपूर्ति अधिकारी और जिला खाद्य विपणन अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है. साथ ही इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने के आदेश भी दिए गये हैं ताकि मिसाल स्थापित हो सके. दूसरी तरफ फतेहपुर में गेहूं खरीद में अनियमितताएं पाए जाने पर मुख्यमंत्री ने फतेहपुर के जिलाधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. इस मामले में भी में एफ0आई0आर0 दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं. आपको बता दें कि अभी कुछ दिन पहले ही योगी आदित्यनाथ ने दो जिलों के डीएम को बदल दिया था. जिसमें राजशेखर को बस्ती का जिलाधिकारी बनाया गया था, जबकि सहारनपुर की कमान आलोक पांडेय को दी गई थी. गौरतलब है कि पिछले कई दिनों में योगी सरकार पर उनके ही साथियों ने सवाल उठाए हैं. हाल ही में बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा था कि अधिकारी पैसा तो लेते हैं लेकिन काम नहीं करते हैं. हाल ही में पतंजलि के आचार्य बालकृष्ण ने भी योगी सरकार के अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अपना फूडपार्क शिफ्ट करने की बात की थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि इस सरकार में काम नहीं हो रहा है, सिर्फ फाइलें अटकाईं जा रही हैं. जिसके बाद यूपी सीएम ने खुद योगगुरु रामदेव और बालकृष्ण से बात की थी.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है. भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद यूपी सीएम ने गोंडा और फतेहपुर के डीएम को निलंबित कर दिया है. पिछले दो दिनों में भ्रष्टाचार के …

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फर्जी एफआईआर करवाने वाले टिंकू सिंह को सीबीआई ने किया अरेस्ट

उन्नाव के माखी में रेप पीडि़ता के पिता पर मारपीट और आ‌र्म्स एक्ट की फर्जी एफआईआर दर्ज कराने वाले टिंकू सिंह को सीबीआई ने अरेस्ट कर लिया है. बताया जा रहा है कि आरोपी टिंकू सिंह ने पूछताछ में कुबूल किया है कि उसने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के इशारे पर यह फर्जी एफआईआर दर्ज कराई है. फर्जी मुकदमे के आधार पर हुई थी अरेस्टिंग खाने के शौकीन भी ले रहे पक्षियों की जान गौरतलब है कि रेप पीडि़ता के पिता को विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह सेंगर व उसके गुर्गो ने पीट-पीटकर मरणासन्न कर दिया था. जिसके बाद वह माखी थाने में एफआईआर दर्ज करवाने पहुंचा तो विधायक सेंगर के दबाव में पुलिस ने टिंकू सिंह की तहरीर पर मारपीट व आ‌र्म्स एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर उलटे उसे ही जेल भेज दिया था. लेकिन, वहां उसकी मौत हो गई थी. जिसके बाद हत्या का मुकदमा दर्ज कर विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, भाई अतुल व उसके तीन साथियों को अरेस्ट कर लिया गया था. जबकि, घटना के बाद से टिंकू सिंह फरार चल रहा था. हालांकि, बाद में वह खुद ही सीबीआई दफ्तर पहुंचा था. विधायक के इशारे पर दर्ज कराई एफआईआर पत्नी ने खाना नहीं बनाया तो दे दी जान सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, टिंकू सिंह से कई राउंड चली पूछताछ के बाद उसने कुबूल किया कि विधायक सेंगर के कहने पर ही उसने पीडि़ता के पिता के खिलाफ मारपीट व आ‌र्म्स एक्ट की झूठी एफआईआर दर्ज कराई थी. जिसके बाद पीडि़ता के पिता की हत्या के मामले की भी जांच कर रही सीबीआई ने मंगलवार को आरोपी टिंकू सिंह को रीजनल ऑफिस बुलाया और उसे अरेस्ट कर लिया. गौरतलब है कि इससे पूर्व सीबीआई इसी मामले में माखी थाने के पूर्व एसओ अशोक सिंह भदौरिया और दारोगा कामता प्रसाद सिंह को भी अरेस्ट कर चुकी है

उन्नाव के माखी में रेप पीडि़ता के पिता पर मारपीट और आ‌र्म्स एक्ट की फर्जी एफआईआर दर्ज कराने वाले टिंकू सिंह को सीबीआई ने अरेस्ट कर लिया है. बताया जा रहा है कि आरोपी टिंकू सिंह ने पूछताछ में कुबूल …

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लखनऊ के एक घर में धमाका, दो लोगों की मौत

लखनऊ के काकोरी इलाक़े के एक घर में धमाका हुआ है.इस धमाके में दो लोगों की मौत हो गई है.बताया जा रहा है कि जिस घर में धमाका हुआ उस घर में पटाख़ा बनाने की फ़ैक्टरी थी. घर में बने …

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किसान आंदोलन के चलते इन प्रदेशों से प्याज की आवक हुई ठप, ऐसे बढ़े दाम

किसान आंदोलन के चलते महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश से लखनऊ में प्याज की आवक ठप हो गई है। सोमवार को दुबग्गा एवं सीतापुर रोड मंडी में एक भी प्याज नहीं आया। वहीं, थोक मंडी में प्याज न पहुंचने से खुदरा बाजार में प्याज 15 रुपये किलो तक बिका। कारोबारियों का कहना कि आवक ऐसे ही ठप रही तो प्याज की कीमत आसमान पर होगी।  दुबग्गा के कारोबारी अतीक अहमद ने बताया कि रोजाना दोनों मंडियों में 50-50 लाख टन प्याज की खपत है। यहां से खरीदकर खुदरा कारोबारी लखनऊ सहित आसपास के जिलों तक ले जाते हैं।  रविवार तक अव्वल प्याज थोक मंडी में 8 से 9 रुपये और साधारण 5 से 6 रुपये किलो में बिक रहा था। सोमवार की आवक न होने से अव्वल प्याज 10 से 12 एवं साधारण 8 से 9 रुपये किलो में बिका। उधर, डालीगंज के खुदरा कारोबारी लाल बिहारी ने बताया कि जो प्याज 10 से 12 रुपये किलो बेच रहे थे उसकी कीमत 15 से 16 रुपये किलो हो चुकी है। 

किसान आंदोलन के चलते महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश से लखनऊ में प्याज की आवक ठप हो गई है। सोमवार को दुबग्गा एवं सीतापुर रोड मंडी में एक भी प्याज नहीं आया। वहीं, थोक मंडी में प्याज न पहुंचने से खुदरा …

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B’Day special: योगी आदित्यनाथ के पहनावे से लेकर लाइफस्टाइल तक का अंदाज, सब है बेहद खास

भगवा रंग के कुर्ते-अचले और ऊपर से इसी रंग का ही अंगवस्त्र धारण कर जब वे निकलते हैं तो सबकी निगाहें उन्हीं पर ही होती हैं। कहने को तो ये सन्यासी लुक है लेकिन उनका ये अंदाज सबसे अलग है। …

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तस्वीरें: पूरी तरह बदल गया है अखिलेश का अंदाज, लोगों को भा रही है ये सादगी

लखनऊ में उड़ कर आएगी चाय जानने के लिए पड़े खबर

लखनऊ: सरकारी बंगला छोड़ने के बाद से अखिलेश यादव फ़ॉर्म में हैं. पत्नी डिंपल और बच्चों संग वे 2 जून से वीवीआईपी गेस्ट हाउस में ठहरे हुए हैं. घर छोड़ने के बाद से यूपी के पूर्व सीएम का रूटीन बदल …

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आंध्र प्रदेश और तेलंगाना भी खाएंगे यूपी के मशहूर लखनवी दशहरी आम

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के मशहूर दशहरी आम की मिठास तेलंगाना और आंध्र प्रदेश तक जल्द पहुंचेगी. केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के वैज्ञानिकों की माने तो इसकी संभावनाएं तलाशने के लिए वैज्ञानिकों और लखनऊ के आम व्यापारियों का प्रतिनिधिमंडल आंध्र प्रदेश व तेलंगाना के दौरे पर है. यह प्रतिनिधिमंडल वहां के व्यापारियों को दशहरी आम की खूबी बताकर उन्हें खरीदने के लिए तैयार करेगा. केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के निदेशक डॉ एस राजन बताते हैं कि दशहरे का स्वाद और मिठास हैदराबाद के लोगों को पहले ही लग चुका है. कुछ सालों पहले संस्थान की तरफ से वहां पौधे भी लगवाए गए थे. वहां के सीजन के अनुसार दो महीने पहले ही दशहरी हो जाता है लेकिन उसकी मात्रा कम होती है. उन्होंने बताया कि उस आम की क्वालिटी भी लखनऊ जैसी नहीं होती है. ऐसे में संस्थान और स्थानीय आम उत्पादक व्यापारी समिति ने मिलकर यह तय किया कि वहां लखनवी दशहरी की खपत की संभावनाएं तलाशी जाएं. लखनऊ का दशहरी जब तब बाजार में उपलब्ध होता है तब तक आंध्र में होने वाला दशहरी खत्म हो जाता है. ऐसे में लोगों के बीच लखनवी दशहरी की पहुंच आसानी से बनाई जा सकती है. बकौल राजन, "तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के व्यापारियों ने फोन करके लखनऊ के दशहरी की डिमांड बताई थी. इसे देखते हुए हमने अपने वैज्ञानिकों और आम उत्पादकों का एक प्रतिनिधिमंडल वहां भेजा. व्यापारियों की इच्छा और डिमांड के आधार पर आम उत्पादक समिति वहां आम की आपूर्ति करेगी." उन्होंने यह भी बताया कि जल्द ही संस्थान के वैज्ञानिक बिना कार्बाइड के पकने वाले आमों के नमूने भी लेकर वहां जाएंगे. बिना कार्बाइड के आम की ब्रांडिंग भी तेलगांना और आंध्र प्रदेश में की जाएगी. उम्मीद है कि वहां से अच्छी खासी डिमांड आ सकती है. राजन ने बताया कि इससे दो फायदे होंगे. एक तो लखनवी दशहरी की मिठास हैदाराबाद ओर तेलंगाना में बैठे लोग आसानी से ले सकेंगे और दूसरी यहां के आम उत्पादकों को अपने उत्पादन के लिए एक नया बाजार मिल जाएगा जिसे उन्हें अच्छे दाम भी मिल सकेंगे. उन्होंने यह भी बताया कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के अतिरिक्त अन्य राज्यों में भी लखनवी दशहरी को लोकप्रिय बनाने की दिशा में संस्थान लगातार प्रयास कर रहा है.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के मशहूर दशहरी आम की मिठास तेलंगाना और आंध्र प्रदेश तक जल्द पहुंचेगी. केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के वैज्ञानिकों की माने तो इसकी संभावनाएं तलाशने के लिए वैज्ञानिकों और लखनऊ के आम व्यापारियों का …

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इलाहाबाद: सड़क हादसे में एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत

उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद के नवाबगंज क्षेत्र में मंगलवार सुबह एक भयानक सड़क हादसा हो गया. जहां एक तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने कार को टक्कर मार दी. इस हादसे में कार सवार 5 लोगों की मौक पर ही मौत हो गई. बताया जा रहा है कि सभी कार सवार एक ही परिवार के रहने वाले थे. सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. घटना नवाबगंज थाना क्षेत्र के मलकिया इलाके की है. पुलिस के मुताबिक सोरांव निवासी कार सवार 5 लोग अपने किसी रिश्तेदार को लेने लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट जा रहे थे. इलाहाबाद-लखनऊ राजमार्ग पर मलाकबलऊ गांव के पास उनकी कार को एक अज्ञात तेज रफ्तार वाहन ने टक्कर मार दी. जिसमें सभी लोगों की मौत हो गई. दुर्घटना के बाद वाहन चालक फरार हो गया. पुलिस ने अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. घटना की सूचना मिलते ही मृतक के परिवार में कोहराम मच गया. पुलिस घटना की जांच में जुट गई है

उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद के नवाबगंज क्षेत्र में मंगलवार सुबह एक भयानक सड़क हादसा हो गया. जहां एक तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने कार को टक्कर मार दी. इस हादसे में कार सवार 5 लोगों की मौक पर ही मौत …

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मुगलसराय रेलवे स्टेशन अब पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन

कभी मुगलों के सराय नाम से प्रसिद्ध उत्तर-पूर्व रेलवे का महत्वपूर्ण स्टेशन मुगलसराय जंक्शन की पहचान बदल चुकी है. अब इस स्टेशन का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन कर दिया गया है. गृह विभाग से अनापत्ति मिलने के बाद राज्यपाल राम नाईक ने सोमवार को नाम बदलने की अनुमति दे दी. जिसके बाद इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी गई है. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी ट्वीट करते हुए इसकी जानकारी दी. उन्होंने लिखा कि नागरिकों की मांग को देखते हुए उत्तर प्रदेश में मुगलसराय जंक्शन का नाम परिवर्तित कर पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन किया गया. साथ ही, उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि अंत्योदय जैसा महान विचार देने वाले पंडित दीन दयाल जी के नाम से अब यह जंक्शन जाना जाएगा.  नागरिकों की मांग को देखते हुए उत्तर प्रदेश में मुगलसराय जंक्शन का नाम परिवर्तित कर पं. दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन किया गया, मुझे खुशी है कि अंत्योदय जैसा महान विचार देने वाले पं .दीन दयाल जी के नाम से अब यह जंक्शन जाना जाएगा। हालांकि, स्टेशन का नाम बदलने को लेकर लोगों में मिली जुली प्रतिक्रिया दी है. कुछ का कहना था कि यह देश के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जन्मस्थली रही है. लिहाजा इस स्टेशन का नाम उनके ही नाम पर रखा जाना चाहिए था. कुछ लोगों ने नाम बदले जाने को लेकर ख़ुशी भी जाहिर की है. हालांकि मुगलसराय जंक्शन का नाम बदलने की कवायद योगी सरकार बनते ही शुरू हो गई थी. योगी कैबिनेट ने ही मुगलसराय स्टेशन का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रखने का फैसला किया था, लेकिन इस फैसले का कड़ा विरोध भी किया गया था. कुछ लोगों ने इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए स्टेशन का नाम पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नाम पर रखे जाने की मांग की थी. उल्लेखनीय है वर्ष 1968 में आरएसएस-बीजेपी के विचारक दीनदयाल उपाध्याय का शव मुगलसराय स्टेशन पर संदिग्ध हालत में पाया गया था, जिसके बाद से ही आरएसएस और संघ परिवार से जुड़े अन्य संगठन दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर ही मुगलसराय स्टेशन का नाम चाहते थे.

कभी मुगलों के सराय नाम से प्रसिद्ध उत्तर-पूर्व रेलवे का महत्वपूर्ण स्टेशन मुगलसराय जंक्शन की पहचान बदल चुकी है. अब इस स्टेशन का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन कर दिया गया है. गृह विभाग से अनापत्ति मिलने के बाद राज्यपाल …

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