दिल्ली

मोदी सरकार के खिलाफ, 14 पार्टियों के युवा संगठनों ने एक साथ किया प्रदर्शन…

राफेल डील, पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम, महंगाई समेत कई मुद्दों पर सवालों का सामना कर रही मोदी सरकार को विपक्ष घेरने में जुटा है. सोमवार को राजधानी दिल्ली में 14 अलग-अलग विपक्षी पार्टियों के युवा संगठनों ने केंद्र सरकार के …

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AAP विधायक के खिलाफ जमकर हुई नारेबाजी, दिल्ली सरकार के खिलाफ फूटा लोगों का गुस्सा…

बुराड़ी की अनधिकृत कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाएं मुहैया नहीं कराने पर लोगों ने दिल्ली सरकार और स्थानीय ‘आप’ विधायक संजीव झा के खिलाफ रविवार को प्रदर्शन किया। आक्रोशित लोग बुराड़ी बाईपास पर धरने पर बैठ गए और धरने के बाद …

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HC का फैसला: सीबीआइ दाखिल कर सकती है क्लोजर रिपोर्ट, लापता JNU छात्र नजीब अहमद केस में.

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के लापता छात्र नजीब अहमद के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को अहम फैसला सुनाते हुए सीबीआइ को क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने की अनुमति दे दी है। जस्टिस एस मुरलीधर व जस्टिस विनोद गोयल की खंडपीठ ने सोमवार को नजीब की मां फातिमा नफीस की याचिका पर फैसला सुनाया है। खंडपीठ ने चार सितंबर को सीबीआई व पीड़ित पक्ष की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले की जांच हाईकोर्ट ने 16 मई 2017 को सीबीआई को सौंपी थी। पीएचडी का छात्र नजीब अक्तूबर 2016 से लापता है। वहीं, उसकी मां ने प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर उसे तलाश कराने की गुहार लगाई थी। यहां पर बता दें कि नजीब अहमद के लापता होने की जांच दिल्ली पुलिस व कोर्ट के आदेश पर सीबीआई कर चुकी है। सीबीआइ पूर्व में ही इस मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने की बात कह चुकी थी। वहीं, सोमवार को आए हाई कोर्ट के फैसले पर नजीब अहमद की मां फातिमा नफीस ने कहा कि पिछले दो सालों के दौरान मुझे कोर्ट से काफी उम्मीद थी, लेकिन निराशा हाथ लगी। सुरक्षा एजेंसियों ने कोर्ट को भटकाया। हम इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के लापता छात्र नजीब अहमद के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को अहम फैसला सुनाते हुए सीबीआइ को क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने की अनुमति दे दी है। जस्टिस एस मुरलीधर व जस्टिस विनोद …

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2 करोड़ से अधिक लोगों को राहत देने के लिए तैयार नहीं केजरीवाल, BJP ने बोला हमला

दिल्ली में पेट्रोल व डीजल के दाम कम करने के लिए भाजपा आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार पर लगातार दबाव बना रही है। उसका कहना है कि केजरीवाल को सिर्फ ट्वीट करके जनता से झूठी सहानुभूति जताने के बजाय उसे राहत देने के लिए कदम उठाने चाहिए। केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने इस मुद्दे को लेकर लोगों के बीच जाने का एलान किया है। वह लोगों को मुख्यमंत्री व उनकी सरकार की हकीकत बताएंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी जबकि तेल कंपनियों ने कीमतों में कटौती की है। कई राज्यों ने भी वैट में कमी की है जिससे लोगों को राहत मिली है। कई राज्यों में पेट्रोल व डीजल की कीमतों में पांच रुपये तक की कमी हुई है। दिल्ली सरकार को इन राज्यों से सीखने की जरूरत है। अन्य राज्यों की तरह दिल्ली में भी पेट्रोलियम पदार्थो पर वैट कम किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केजरीवाल पेट्रोल व डीजल की कीमतों को लेकर केंद्र पर सवाल तो उठाते हैं लेकिन खुद कुछ कोई कदम नहीं उठाते हैं। उन्हें दिल्लीवासियों के हित में पेट्रोलियम पदार्थों पर लगने वाले वैट को कम करने के लिए किसी से अनुमति लेने की भी जरूरत नहीं है। इसके बावजूद वह कोई कदम नहीं उठा रहे हैं। एनसीआर में पहली बार दिल्ली में सबसे महंगा बिक रहा पेट्रोल-डीजल यह भी पढ़ें उन्होंने कहा कि सिर्फ मौखिक सहानुभूति जताने और ट्विटर पर चिंता जताने से कुछ नहीं होगा। आज दिल्ली में पेट्रोल एनसीआर के अन्य शहरों से महंगा है। दिल्ली के लोग एनसीआर के शहरों में जाकर अपने वाहनों में तेल भरवा रहे हैं। इससे दिल्ली सरकार को राजस्व का भी नुकसान हो रहा है। मुख्यमंत्री के रवैये को देखते हुए वह जनता के बीच जाकर हकीकत बताएंगे। लोगों को बताएंगे कि दिल्ली के मुख्यमंत्री की कथनी व करनी में अंतर है। वह सिर्फ दूसरी पार्टी के नेताओं को अपशब्द बोलने वाले मुख्यमंत्री हैं। उन्हें जनता की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है। तेल की कीमतें कम होने के साथ सियासत तेज, केजरीवाल ने ट्वीट से किया हमला यह भी पढ़ें दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री व AAP के नाराज विधायक कपिल मिश्रा ने भी वैट कम नहीं करने पर केजरीवाल को आड़े हाथों लिया है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री ने दो सालों में पेट्रोल पर 12 फीसद वैट बढ़ाया, लेकिन अब लोगों को राहत देने के लिए इसमें वह कमी नहीं कर रहे हैं। मजबूरन लोग पड़ोसी राज्यों के शहरों में जाकर तेल भरवा रहे हैं।

दिल्ली में पेट्रोल व डीजल के दाम कम करने के लिए भाजपा आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार पर लगातार दबाव बना रही है। उसका कहना है कि केजरीवाल को सिर्फ ट्वीट करके जनता से झूठी सहानुभूति जताने के बजाय उसे …

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IRCTC Scam: राबड़ी देवी व तेजस्वी यादव को बड़ी राहत, कोर्ट ने दी नियमित जमानत

IRCTC होटल घोटाला मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में शनिवार को सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेजस्वी यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उपस्थित अन्य आरोपियों को नियमित जमानत दे दी। सभी को एक लाख रुपये के निजि बॉन्ड पर जमानत दी गई है। वहीं, इस मामले में अन्य आरोपी RJD अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की जमानत पर कोर्ट ने 19 नवंबर को तारीख तय की है। इस तारीख पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई होगी। इससे पहले केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेजस्वी यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और अन्य आरोपियों की जमानत का विरोध किया। सीबीआइ ने कहा था कि नियमित जमानत से जांच प्रभावित होगी, लेकिन कोर्ट ने तर्कों को खारिज करते हुए सभी को जमानत दे दी। इससे पहले शनिवार को सुबह राबड़ी देवी और बेटे तेजस्‍वी यादव दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट पहुंचे। इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल के अध्‍यक्ष लालू प्रसाद, उनकी पत्‍नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्‍वी यादव को कोर्ट ने पेश होने के लिए समन जारी किया था। हालांकि, शनिवार को होने वाली सुनवाई में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को भी पहुंचना था, लेकिन स्वास्थ्य संबंधी वजहों से उपस्थित नहीं हुए। सुनंदा पुष्कर मौतः पुलिस ने शशि थरूर के वकील को सौंपे दस्तावेज और सुबूत यह भी पढ़ें इन तीनों (लालू प्रसाद यादव, राबड़ी यादव और तेजस्वी यादव) को आरोपी के तौर पर शनिवार (6 अक्टूबर) को पेश होना था। बता दें कि पूरा मामला IRCTC के दो होटलों से जुड़ा है। आरोप है कि इन होटलों की देखभाल की जिम्मेदारी एक निजी कंपनी को दिए जाने में नियमितताएं हुई थीं। आइआरसीटीसी घोटाले में ऐसे फंसे लालू प्रसाद व उनके परिजन - वर्ष 2006 में रेलवे ने रांची व पुरी स्थित अपने हेरिटेज बीएनआर के दो होटलों का टेंडर निकाला। - आरोप है कि इस कांट्रैक्ट के बदले लंबे समय तक रेलवे के दो हेरिटेज होटलों को लीज पर लेने वाले विनय कोचर व विजय कोचर ने पटना के बेली रोड स्थित अपनी दो एकड़ जमीन डिलाइट ग्रुप को सौंप दी। - डिलाइट ग्रुप की कंपनी राजद के राज्यसभा सांसद प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता की है। - सीबीआइ का आरोप है कि पटना के बेली रोड स्थित यह दो एकड़ जमीन का बाजार मूल्य 32 करोड़ या उससे भी अधिक है। - लेकिन डिलाइट ग्रुप की मालकिन सरला गुप्ता को यह जमीन केवल 65 लाख रुपये में दे दी गई। - 2011 में डिलाइट ग्रुप के शेयर लालू प्रसाद के परिजनों को दे दिए गए। - 2014 में लालू प्रसाद के परिजनों को डिलाइट ग्रुप का मालिकाना हक मिल गया। - 6 फरवरी, 2014 को लालू प्रसाद के बड़े पुत्र तेजप्रताप यादव और छोटे पुत्र तेजस्वी यादव इस कंपनी के डायरेक्टर बनाए गए। - 26 जून, 2014 को लालू प्रसाद व राबड़ी देवी की बेटी चंदा भी इस कंपनी की डायरेक्टर बनाई गई। - फिर 5 अगस्त, 2014 को लालू-राबड़ी की अन्य बेटी रागिनी को भी डिलाइट ग्रुप का डायरेक्टर बनाया गया। - 14 फरवरी, 2017 को डिलाइट ग्रुप का नाम बदलकर लारा कर दिया गया। - लारा प्रोजेक्ट कंपनी में पहले लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, और बेटे तेजस्वी यादव का नाम था। - बाद में लालू ने इस कंपनी से अपना नाम हटा लिया। - सीबीआइ द्वारा लालू व उनके परिजनों के खिलाफ आइआरसीटीसी घोटाले में प्राथमिकी दर्ज करने से पहले कोचर बंधुओं की दी हुई पटना के बेली रोड पर दो एकड़ के इसी भूखंड पर बिहार के सबसे बड़े मॉल का निर्माण चल रहा था।

IRCTC होटल घोटाला मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में शनिवार को सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेजस्वी यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उपस्थित अन्य आरोपियों को नियमित जमानत दे …

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ईरान-पाक के रास्ते आ रही ये ‘मुसीबत’, पूरे उत्तर भारत की बिगड़ने वाली है फिजा

नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में इन दिनों सुबह-शाम हल्की ठंड का अहसास होता है, लेकिन यह स्थिति ज्यादा दिनों तक नहीं रहने वाली है। हालांकि, ठंड बढ़ेगी लेकिन प्रदूषण भी हमला बोलने वाला है। मौसम विभाग की मानें …

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दिल्ली HC ने ‘इंडियाज मोस्ट वांटेड’ के एंकर सुहैब इलियासी को पत्नी की हत्या के मामले में किया बरी

टेलीविजन पर मशहूर रहे क्राइम शो की एंकरिंग करते-करते पत्नी की हत्या के मामले में फंसे सुहैब इलियासी को दिल्ली हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. अदालत ने इस मामले में हत्या के आरोप से सुहैब को बरी कर …

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तैमूर नगर मर्डर केस में बड़ा खुलासा: पुलिस ने 3 आरोपियों को पकड़ा, 2 ने कबूला अपना जुर्म…

दिल्ली के तैमूर नगर इलाके में रविवार को हुए मर्डर केस में बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस ने रूपेश हत्याकांड के मुख्य आरोपी आकाश को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस का कहना है कि उस रात इसी बदमाश ने रूपेश …

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प्रधानमंत्री मोदी की एक अपील ने इस क्षेत्र में तोड़ डाले सारे पुराने रिकॉर्ड

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक अपील ने राष्ट्रीय राजधानी में खादी उत्पादों की बिक्री ने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। अकेले कनॉट प्लेस के स्टोर से बिक्री का मामला एक करोड़ से ऊपर पहुंच गया। यह रिकार्ड बिक्री दो अक्टूबर को हुई है। इसके दो दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात रेडियो कार्यक्रम में लोगों से खादी के उत्पादों को बढ़ावा देने की अपील की थी। एक अधिकारी ने बताया कि पूरी दिल्ली में खादी के स्टोर से गांधी जयंती के दिन दो अक्टूबर को बिक्री में 50 फीसद तक का इजाफा हुआ। कनॉट प्लेस के स्टोर में रिकार्ड तोड़ बिक्री हुई। बिक्री का आंकड़ा 1.06 करोड़ पर पहुंच गया। यह प्रधानमंत्री की अपील का असर है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 में बिक्री का आंकड़ा 70.01 था। ADVERTISING inRead invented by Teads एक वर्ष में 2 अक्टूबर के दिन की बिक्री में करीब 36 लाख रुपये का इजाफा देखने को मिला, जो 51 फीसद का उछाल लिए हुए है। उस दिन कुल 13, 657 लोग स्टोर में आए, जबकि 2,730 बिक्री रसीद बनी। अधिकारी ने बताया कि खादी ग्रामोद्योग आयोग के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना दो अक्टूबर को खुद उपस्थित होकर ग्राहकों को संभाल रहे थे। दुष्कर्म की सनसनीखेज घटना, युवती ने दूसरी युवती को बनाया 'हवस' का शिकार यह भी पढ़ें यहां पर याद दिला दें कि केंद्र सरकार खादी को विशुद्ध 'भारतीय ब्रांड' के रूप में स्थापित करने और विदेशी बाजारों तक इसकी पहुंच को मजबूती देने की योजना बना रही है। सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योग (एमएसएमई) के सचिव अरुण कुमार पांडा के मुताबिक, सरकार खादी को ऐसे भारतीय ब्रांड के रूप में स्थापित करने की सोच रही है, जिसकी बिक्री या प्रमोशन का हक सिर्फ खादी ग्रामोद्योग आयोग (केवीआइसी) को है। इसके साथ ही सरकार विदेशी प्रदर्शनियों और अन्य आयोजनों में खादी की पैठ बढ़ाने की तैयारियों में भी जुट गई है। असल में कई विदेशी कंपनियां स्थानीय बाजारों में खादी को अपने ट्रेडमार्क के रूप में पंजीकृत कराने की कोशिशों में लगी हैं। जर्मनी की एक कंपनी खादी नेचरप्रोडक्टे जीबीआर ने यूरोपीय यूनियन में ट्रेडमार्क और डिजाइन पंजीकरण के लिए नोडल एजेंसी ओएचआइएम से खादी को अपने ट्रेडमार्क के रूप में पंजीकृत कराया था। सरकार का नया कदम ऐसी कंपनियों के मंसूबों को नाकाम करना और खादी को विदेशी बाजार में प्रतिष्ठित भारतीय ब्रांड के रूप में स्थापित करना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक अपील ने राष्ट्रीय राजधानी में खादी उत्पादों की बिक्री ने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। अकेले कनॉट प्लेस के स्टोर से बिक्री का मामला एक करोड़ से ऊपर पहुंच गया। यह रिकार्ड बिक्री दो अक्टूबर …

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2 अक्टूबर की आधी रात का पूरा सच, इस समझौते से टला टकराव

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के बैनर तले ट्रैक्टर-ट्रॉली, टाटा-407 समेत अन्य वाहनों से लैस किसानों का आधी रात को हुआ समझौता कई सवाल पैदा कर रहा है। इस आंदोलन से किसानों को क्या मिला? यह भी समझ से परे है। लेकिन सबसे बड़ा राज तो यह है कि आखिर 2 अक्टूबर की रात को ऐसा क्या हुआ कि पुलिस-किसान दोनों 'दोस्त' बन गए और किसानों को दिल्ली में दाखिल होने की इजाजत मिल गई। अब धीरे-धीरे इस समझौते की परतें खुल रही हैं। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से आए हजारों किसानों की मांग सुनने के लिए कोई नेता आगे नहीं आ रहा था। हालांकि, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने किसान नेताओं से जरूर बात की, लेकिन कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला। इसके बाद किसान नेताओं के सामने किसान क्रांति पदयात्रा की सार्थकता का सवाल पैदा हो गया। सवाल यह भी था किसान क्रांति पदयात्रा दिल्ली के राजघाट तक नहीं पहुंची तो वे अपने समर्थकों को क्या मुंह दिखाएंगे, क्योंकि किसान नेताओं ने पदयात्रा राजघाट पर जाकर समाप्त करने का एलान किया था। दुष्कर्म की सनसनीखेज घटना, युवती ने दूसरी युवती को बनाया 'हवस' का शिकार यह भी पढ़ें सूत्रों के मुताबिक, 2 अक्टूबर को किसान सुबह से लेकर शाम तक पुलिस से भिड़ते रहे। इस दौरान हालात बिगड़ने पर पुलिस ने लाठी चार्ज भी किया, जिसमें 40 किसान और दर्जन भर पुलिसवाले घायल हुए। लेकिन जैसे-जैसे शाम से रात हुई और रात बीतने लगी किसान नेताओं की बेचैनी भी बढ़ी। इस दौरान किसान नेताओं को यह अहसास हो चला था कि पुलिस बल उन्हें दिल्ली में नहीं घुसने देगा। इस तरह हुआ किसान-पुलिस में समझौता सूत्रों के मुताबिक, पुलिस के आला अधिकारी और किसान नेता दोनों ही चाह रहे थे कि मामला जल्द खत्म हो। ऐसे में एक फॉर्मूला पेश किया गया। इस फॉर्मूले के तहत यह तय हुआ कि किसान आधी रात को किसान घाट जाएंगे और 3 अक्टूबर को सुबह उजाला होने से पहले दिल्ली से यूपी लौट जाएंगे। इस पर किसान नेता और पुलिस दोनों राजी थे, लेकिन किसान अपने ट्रैक्टर ले जाने पर अड़ गए। इस पर पुलिस ने शर्त रखी कि रात को ट्रैफिक नहीं होता इसलिए ट्रैक्टर के साथ किसान जाएं, लेकिन रात में ही इन्हें लौटना होगा। दोनों पक्षों में हुए समझौते के तहत ऐसा ही हुआ। समझौते का हुआ पालन डीजल गाड़ियों पर प्रतिबंध से ट्रैक्टर को छूट, दिल्ली समेत 4 राज्य के लाखों किसानों को राहत यह भी पढ़ें पुलिस और किसान नेताओं के बीच हुए समझौते के तहत किसानों ने एक से दो बजे के बीच दिल्ली में प्रवेश करना शुरू किया। दो बजे किसान नेता राजघाट होते हुए किसान घाट पहुंचे। समझौते के तहत चार बजे तक किसानों ने यूपी वापस लौटना शुरू किया। पुलिस ने दिखाई समझदारी, दिल्ली में नहीं प्रवेश करने दिया किसानों को गुजरात के व्यापारियों से 4.5 करोड़ लूट में सनसनीखेज खुलासा, डॉन दाऊद से जुड़े तार यह भी पढ़ें पुलिस की मानें तो अगर किसानों को मंगलवार सुबह राजधानी में प्रवेश करने देने से दिल्ली की कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती थी। पांच हजार से अधिक किसान दिल्ली में प्रवेश करना चाह रहे थे, लेकिन दिल्ली पुलिस ने देर रात तक उन्हें उत्तर प्रदेश-दिल्ली की सीमा पर रोके रखा। किसानों की ओर से हिंसक प्रदर्शन करने पर भी पुलिस ने आपा नहीं खोया। दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि किसानों को दिल्ली में घुसने से रोकना बड़ी चुनौती थी। स्पेशल ब्रांच से पुलिस को पहले ही सूचना मिल गई थी कि किसान हिंसक रूप भी धारण कर सकते हैं। लिहाजा तीन दिन पहले से पुलिस ने उन्हें सीमाओं पर रोकने की तैयारियां शुरू कर दी थी। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस आमतौर पर दो या तीन स्तरीय बैरिकेड लगाती है, लेकिन किसानों को रोकने के लिए सात स्तरीय बैरिकेड लगाए गए थे। PM मोदी की एक अपील ने इस क्षेत्र में तोड़ डाले सारे पुराने रिकॉर्ड यह भी पढ़ें सबसे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस ने दो स्तरीय बैरिकेड लगाए थे। उसके बाद 40 मीटर की दूरी पर दिल्ली पुलिस की ओर से बैरिकेड लगाए गए थे। यूपी पुलिस के बैरिकेड के बाद दिल्ली पुलिस ने बैरिकेड से पहले पत्थर के बड़े-बड़े टुकड़े रखे थे, जिसे जर्सी बैरियर कहते हैं। इस बैरिकेड को हटाना आसान नहीं होता है। मंगलवार सुबह जब किसान दिल्ली कूच करने लगे, तब यूपी पुलिस ने उन्हें रोक लिया। अधिकारियों ने किसान नेताओं से बात की, लेकिन वे नहीं माने। किसानों ने जब धमकी दी तो यूपी पुलिस डर गई और उनके आगे घुटने टेक दिए। किसान टै्रक्टर से उनके दोनों बैरिकेड तोड़कर चंद मिनटों में दिल्ली पुलिस के जर्सी बैरियर के पास पहुंच गए। क्या पलवल की मस्जिद में लगा है पाकिस्तान का पैसा? मेवात के मदरसे भी NIA के रडार पर यह भी पढ़ें ... इस तरह पुलिस ने दिया किसानों को जवाब 2 अक्टूबर को सुबह 11 बजे के आसपास सैकड़ों की संख्या में लाठी लिए किसानों ने जब पुलिसकर्मियों पर हमला बोल दिया तो, उसके बाद हालात को काबू करने के लिए पुलिस ने पहले वाटर कैनन का इस्तेमाल किया, फिर आंसू गैस व रबर बुलेट चलानी शुरू कर दी। पुलिस अधिकारी का कहना है कि बड़ी मुश्किल से किसानों को देर रात तक दिल्ली आने से रोका गया। इस दौरान किसानों से निबटने को पुलिस पल-पल रणनीति बदलती रही। उसके बाद देर रात किसानों को किसान घाट जाने की अनुमति दे दी गई। तब तक करीब 80 फीसद किसान अपने घर लौट चुके थे। किसानों को बेहतर तरीके से नियंत्रित करने के लिए आयुक्त ने अपने कर्मचारियों की प्रशंसा की। वहीं, राजेश चौहान (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भाकियू) का कहना है कि कोई कुछ भी कह सकता है लेकिन सच्चाई यही है कि किसानों की मांगों को सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के सामने मजबूती के साथ रखा गया। उसी का असर है कि केंद्र की सरकार सात प्रमुख मांगों पर मानने को तैयार हो गई।

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के बैनर तले ट्रैक्टर-ट्रॉली, टाटा-407 समेत अन्य वाहनों से लैस किसानों का आधी रात को हुआ समझौता कई सवाल पैदा कर रहा है। इस आंदोलन से किसानों को क्या मिला? यह भी समझ से परे है। …

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