राष्ट्रीय

UP एटीएस ने DRDO कर्मचारी को पकड़ा, ‘ब्रह्मोस’ की जानकारी PAK को लीक करने का आरोप

सुरक्षा के मामले में सोमवार को भारतीय एजेंसियों को बड़ी कामयाबी मिली है. उत्तर प्रदेश एटीएस (ATS) ने सोमवार को महाराष्ट्र के नागपुर से एक DRDO कर्मचारी निशांत अग्रवाल को गिरफ्तार किया है. इस कर्मचारी पर सुरक्षा से जुड़ी जानकारियों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI को देने का आरोप है. ये कर्मचारी भारत के अति महत्वपूर्ण मिसाइल 'ब्रह्मोस' से जुड़ी जानकारी पाकिस्तान और अमेरिका को दे रहा था. बता दें कि नागपुर में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की ब्रह्मोस यूनिट में निशांत अग्रवाल कार्यरत था. सोमवार सुबह ही वहां पर यूपी एटीएस और इंटेलिजेंस मिलिट्री दिल्ली की तरफ से रेड डाली गई थी. निशांत अग्रवाल पर आरोप है कि उन्होंने 'ब्रह्मोस' मिसाइल से जुड़ी टेक्निकल जानकारी अमेरिकी और पाकिस्तानी एजेंसी के साथ साझा की है. निशांत अग्रवाल उत्तराखंड के रहने वाले हैं और पिछले 4 साल से DRDO की नागपुर यूनिट में काम कर रहे हैं. इससे पहले रविवार रात को भी इसी टीम ने कानपुर से एक महिला को गिरफ्तार किया था. हालांकि, उसके पास से कुछ नहीं मिला था. क्या हैं ब्रह्मोस की खासियतें... 1. ब्रह्मोस कम ऊंचाई पर उड़ान भरती है इसलिए रडार की पकड़ में नहीं आती. 2. भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मस्कवा नदी पर ब्रह्मोस का नाम रखा गया है. ये इस लिए कि इसे DRDO ने भारत-रूस के ज्वाइंट वेंचर के तौर पर डेवलप किया. 3. ब्रह्मोस 3700 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से 290 किलोमीटर तक के ठिकानों पर अटैक कर सकती है

सुरक्षा के मामले में सोमवार को भारतीय एजेंसियों को बड़ी कामयाबी मिली है. उत्तर प्रदेश एटीएस (ATS) ने सोमवार को महाराष्ट्र के नागपुर से एक DRDO कर्मचारी निशांत अग्रवाल को गिरफ्तार किया है. इस कर्मचारी पर सुरक्षा से जुड़ी जानकारियों …

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अब सड़को से जब्त होंगी ये गाड़ियां, परिवहन विभाग ने बनाई लिस्ट

अब जब्त होंगी ये गाड़ियां, परिवहन विभाग ने बनाई लिस्टअब जब्त होंगी ये गाड़ियां, परिवहन विभाग ने बनाई लिस्ट

दिल्ली में परिवहन विभाग 15 साल पुरानी गाड़ियों को जब्त करने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाने की तैयारी कर रहा है. दिल्ली परिवहन विभाग सोमवार से एक बड़ा अभियान शुरू करने जा रहा है. विभाग के लोग घर-घर जाकर 15 …

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उत्तर भारतीयों पर हमले, निरूपम बोले- मोदी याद रखें बनारस भी जाना है

गुजरात में उत्तर भारतीयों पर हमले की खबरों के बीच कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने पीएम नरेंद्र मोदी पर जोरदार वार किया है. संजय निरुपम ने पीएम को धमकी भरे अंदाज में कहा है कि उन्हें याद रखना चाहिए कि एक दिन उन्हें भी वाराणसी जाना है. बता दें कि गुजरात में रह रहे बिहार और उत्तर प्रदेश के मजदूरों और कामगारों पर पिछले दो तीन दिनों में हमले की खबरें आईं है. इसके बाद बड़ी संख्या में ये लोग गुजरात से पलायन कर रहे हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक गुजरात में बिहार और यूपी के लोगों को शहर छोड़ने की कथित तौर पर धमकी दी गई. इस पूरे घटनाक्रम की शुरुआत तब हुई जब गुजरात के साबरकांठा में 14 महीने की एक बच्ची से रेप की खबर आई. इस घटना की शुरुआती जांच से पता चला कि रेप का आरोपी बिहार का एक 20 साल का युवक है. स्थानीय लोगों को इसकी जानकारी मिलते ही कई जगहों पर बिहार के लोगों पर हमले शुरू हो गये. इस पूरे मामले पर अब राजनीति भी हो रही है. रविवार (7 अक्टूबर) को एक कार्यक्रम में मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरुपम ने कहा, "पीएम के गृह राज्य गुजरात में अगर यूपी, बिहार और एमपी के लोगों को मार-मार कर भगाया जा रहा है तो एक दिन पीएम को भी वाराणसी जाना है, ये याद रखना ...वाराणसी के लोगों ने उन्हें गले लगाया और पीएम बनाया था." DGP Gujrat saying that North Indians are going for festivals to their home town and not being forced to leave.Its big lie.Diwali & Chhath holidays will start after one month.Not now.#BJP is forcing them to flee and defaming Congress MLA. Modiji,stop this parochial politics. — Sanjay Nirupam (@sanjaynirupam) October 8, 2018 संजय निरुपम ने इस मामले में गुजरात डीजीपी के बयान को भी झूठ करार दिया है. संजय निरुपम ने एक ट्वीट में कहा, "गुजरात के डीजीपी कहते हैं कि उत्तर भारतीय त्योहार मनाने घर जा रहे हैं और उन पर कोई दबाव नहीं है, लेकिन ये एक बड़ा झूठ है, दीवाली और छठ की छुट्टियां एक महीने के बाद शुरू होती हैं अभी नहीं, बीजेपी इन्हें भागने पर मजबूर कर रही है...और कांग्रेस के विधायकों को बदनाम कर रही है, मोदी जी इस राजनीति को बंद करिए." इस बीच गुजरात के डीजीपी शिवानंद झा ने कहा है कि उत्तर भारतीयों पर हमले के मामले में अबतक 6 जिलों से 324 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और हिंसा के 42 मामले दर्ज किये गये हैं.

गुजरात में उत्तर भारतीयों पर हमले की खबरों के बीच कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने पीएम नरेंद्र मोदी पर जोरदार वार किया है. संजय निरुपम ने पीएम को धमकी भरे अंदाज में कहा है कि उन्हें याद रखना चाहिए कि …

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सुप्रीम कोर्ट ने RBI से किया सवाल 25 साल का होम लोन क्‍यों है महंगा

: सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) से पूछा है कि आखिर लंबी अवधि के होम लोन की फ्लोटिंग ब्‍याज दर इतनी अधिक क्‍यों है, जबकि ब्‍याज दरों में बीते एक साल में कमी आई है. कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के दौरान मनी लाइफ फाउंडेशन की याचिका पर रिजर्व बैंक से यह सवाल किया है. कोर्ट ने कहा कि आरबीआई याचिकाकर्ता को बताए कि दीर्घअवधि के फ्लोटिंग लोन रेट कम करने के बारे में उसने क्‍या फैसला लिया है और वह इस योजना पर कैसे आगे बढ़ेगा. मनी लाइफ ने दाखिल की है याचिका मनी लाइफ फाउंडेशन ने अपनी याचिका में पूछा था कि जब ब्‍याज दरों में कमी आई तो क्‍यों दीर्घअवधि के लोन इतने महंगे क्‍यों हैं. इसका लाभ ग्राहकों को नहीं मिल पा रहा है. घर खरीदने के लिए होम लोन के जरिए उन्‍हें अधिक ब्‍याज चुकाना पड़ रहा है. कोई भी खरीदार संपत्ति खरीदते समय 80% फाइनेंस कराता है. लोन की राशि इतनी बड़ी होती है कि उसे 5 से 10 साल में आसानी से नहीं चुकाया जाता तो ग्राहक 15 से 25 साल या उससे अधिक की अवधि का लोन लेते हैं. ऐसे में ग्राहक को ब्‍याज के रूप में भारी रकम बैंक को अदा करनी पड़ती है. HOME लोन का हो जाएगा टोटा, RBI जड़ सकता है 1500 फाइनेंस कंपनियों पर ताला! रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया भारतीय रिजर्व बैंक नेे हाल में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर बरकरार रखा है. वहीं, रिवर्स रेपो रेट में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है. रिवर्स रेपो रेट 6.25% पर बरकरार रखा है. MPC के 6 सदस्यों में 5 ने ब्याज दर नहीं बढ़ाने के पक्ष में वोट किया. रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 7.4 प्रतिशत पर बरकरार रखा. वित्त वर्ष 2019-20 में वृद्धि 7.6 प्रतिशत पर पहुंच सकती है. इससे पहले लगातार 2 मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट को 0.25 फीसदी बढ़ाया गया था. कच्चे तेल में तेजी और डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार गिरावट के कारण महंगाई बढ़ने की आशंका को देखते हुए विशेषज्ञों को उम्मीद थी कि मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दरों को बढ़ाया जा सकता है.

 सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) से पूछा है कि आखिर लंबी अवधि के होम लोन की फ्लोटिंग ब्‍याज दर इतनी अधिक क्‍यों है, जबकि ब्‍याज दरों में बीते एक साल में कमी आई है. कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई …

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आम आदमी पार्टी ने मांगा मनोज तिवारी का इस्तीफा, जानिए क्यों

आम आदमी पार्टी ने मांगा मनोज तिवारी का इस्तीफा

केंद्र सरकार के ज़रिये दिल्ली सरकार और दिल्ली सरकार से नगर निगम को मिलने वाले फंड पर राजनीतिक बयानबाज़ी का सिलसिला थम नहीं रहा. आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी की ओर से दिल्ली सरकार के बजट …

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सबरीमाला मंदिर केस: महिलाओं की एंट्री के फैसले के खिलाफ SC में पुनर्विचार याचिका

केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने वाले फैसले के खिलाफ अयप्‍पा मंदिर एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका डाली है। बता दें कि 800 साल पुरानी प्रथा पर देश की शीर्ष अदालत ने अपना सुप्रीम फैसला सुनाते हुए नारियों को सबरीमाला मंदिर में जाने की इजाजत दे दी। अब सबरीमाला मंदिर में महिलाएं भी भगवान अयप्‍पा के दर्शन कर सकती हैं। मंदिर की इस प्रथा को शीर्ष अदालत की एक पीठ ने गैर कानूनी घोषित किया। नवम्बर से जनवरी तक जुटता है श्रद्धालुओं का मेला बता दें कि सबरीमाला मंदिर में हर साल नवम्बर से जनवरी तक, श्रद्धालु अयप्पा भगवान के दर्शन के लिए जाते हैं, बाकि पूरे साल यह मंदिर आम भक्तों के लिए बंद रहता है। भगवान अयप्पा के भक्तों के लिए मकर संक्रांति का दिन बहुत खास होता है, इसीलिए उस दिन यहां सबसे ज़्यादा भक्त पहुंचते हैं। यह मंदिर केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम से 175 किलोमीटर दूर पहाड़ियों पर स्थित है। यह मंदिर चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यहां आने वाले श्रद्धालु सिर पर पोटली रखकर पहुंचते हैं। वह पोटली नैवेद्य (भगवान को चढ़ाई जानी वाली चीज़ें, जिन्हें प्रसाद के तौर पर पुजारी घर ले जाने को देते हैं) से भरी होती है। यहां मान्यता है कि तुलसी या रुद्राक्ष की माला पहनकर, व्रत रखकर और सिर पर नैवेद्य रखकर जो भी व्यक्ति आता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। Air Force Day LIVE: वायुसेना के 258 जवान कर रहे ताकत का प्रदर्शन, पीएम ने किया ट्वीट यह भी पढ़ें केरल सरकार ने किया कोर्ट के फैसले का सम्‍मान केरल सरकार सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर दिए गए कोर्ट के फैसले पर समीक्षा याचिका दायर नहीं करेगी। केरल सरकार का कहना है कि वह कोर्ट के फैसला का सम्मान करती है। राज्य के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि उनकी सरकार सबरीमाला जाने वाली महिला भक्तों की सुविधाओं का ध्यान रखेगी और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। गौरतलब है कि केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 साल से 50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश वर्जित था। खासकर 15 साल से ऊपर की लड़कियां और महिलाएं इस मंदिर में नहीं जा सकतीं थीं। यहां सिर्फ छोटी बच्चियां और बूढ़ी महिलाएं ही प्रवेश कर सकती थी। इसके पीछे मान्यता है कि भगवान अयप्पा ब्रह्मचारी थे। ऐसे में युवा और किशोरी महिलाओं को मंदिर में जाने की इजाजत नहीं थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर की इस परंपरा को गलत बताया और हर उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेज की इजाजत दे दीकेरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने वाले फैसले के खिलाफ अयप्‍पा मंदिर एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका डाली है। बता दें कि 800 साल पुरानी प्रथा पर देश की शीर्ष अदालत ने अपना सुप्रीम फैसला सुनाते हुए नारियों को सबरीमाला मंदिर में जाने की इजाजत दे दी। अब सबरीमाला मंदिर में महिलाएं भी भगवान अयप्‍पा के दर्शन कर सकती हैं। मंदिर की इस प्रथा को शीर्ष अदालत की एक पीठ ने गैर कानूनी घोषित किया। नवम्बर से जनवरी तक जुटता है श्रद्धालुओं का मेला बता दें कि सबरीमाला मंदिर में हर साल नवम्बर से जनवरी तक, श्रद्धालु अयप्पा भगवान के दर्शन के लिए जाते हैं, बाकि पूरे साल यह मंदिर आम भक्तों के लिए बंद रहता है। भगवान अयप्पा के भक्तों के लिए मकर संक्रांति का दिन बहुत खास होता है, इसीलिए उस दिन यहां सबसे ज़्यादा भक्त पहुंचते हैं। यह मंदिर केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम से 175 किलोमीटर दूर पहाड़ियों पर स्थित है। यह मंदिर चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यहां आने वाले श्रद्धालु सिर पर पोटली रखकर पहुंचते हैं। वह पोटली नैवेद्य (भगवान को चढ़ाई जानी वाली चीज़ें, जिन्हें प्रसाद के तौर पर पुजारी घर ले जाने को देते हैं) से भरी होती है। यहां मान्यता है कि तुलसी या रुद्राक्ष की माला पहनकर, व्रत रखकर और सिर पर नैवेद्य रखकर जो भी व्यक्ति आता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। Air Force Day LIVE: वायुसेना के 258 जवान कर रहे ताकत का प्रदर्शन, पीएम ने किया ट्वीट यह भी पढ़ें केरल सरकार ने किया कोर्ट के फैसले का सम्‍मान केरल सरकार सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर दिए गए कोर्ट के फैसले पर समीक्षा याचिका दायर नहीं करेगी। केरल सरकार का कहना है कि वह कोर्ट के फैसला का सम्मान करती है। राज्य के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि उनकी सरकार सबरीमाला जाने वाली महिला भक्तों की सुविधाओं का ध्यान रखेगी और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। गौरतलब है कि केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 साल से 50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश वर्जित था। खासकर 15 साल से ऊपर की लड़कियां और महिलाएं इस मंदिर में नहीं जा सकतीं थीं। यहां सिर्फ छोटी बच्चियां और बूढ़ी महिलाएं ही प्रवेश कर सकती थी। इसके पीछे मान्यता है कि भगवान अयप्पा ब्रह्मचारी थे। ऐसे में युवा और किशोरी महिलाओं को मंदिर में जाने की इजाजत नहीं थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर की इस परंपरा को गलत बताया और हर उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेज की इजाजत दे दी

केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने वाले फैसले के खिलाफ अयप्‍पा मंदिर एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका डाली है। बता दें कि 800 साल पुरानी प्रथा पर देश की शीर्ष अदालत ने अपना …

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वायुसेना दिवस के अवसर पर 258 जवान कर रहे ताकत का प्रदर्शन

वायुसेना दिवस के अवसर पर 258 जवान कर रहे ताकत का प्रदर्शन

वायुसेना दिवस के अवसर पर सोमवार को गाजियाबाद के हिंडन एयर फोर्स स्टेशन पर वायु सेना दिवस पर कार्यक्रम शुरू हो चुका है। वायुसेना के 87वें स्थापना दिवस पर सुबह 8 बजे शुरू हुए कार्यक्रम में भारतीय वायुसेना के जांबाज जमीन …

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देश में बड़ा खतरा, होने वाली बिजली गुल्ल, कई राज्यों से तो बिजली…..

आज हम आपको कुछ ऐसा बताने जा रहे है! जिससे आपके रोंगटे खड़े हो जायेगे! जी हां देश के बड़े हिस्सों को सामना करना पड़ रहा है ब्लैक आउट का! ब्लैक आउट का मतलब यानी देश से बिजली खत्म! देश …

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CG कैबिनेट का फैसला, विवाहित बेटी को भी मिलेगा परिवार पुनर्वास नीति का लाभ

आचार संहिता लागू होने से महज कुछ घंटे पहले छत्तीसगढ़ सरकार की एक महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक शनिवार को मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की अध्यक्षता में हुई। यह डॉ रमन सिंह के नेतृत्व में राज्य में तीसरा कार्यकाल पूरा करने जा रही भाजपा सरकार की इस पारी की अंतिम बैठक थी। ADVERTISING inRead invented by Teads लोगों को अनुमान था कि चुनाव को देखते हुए इस बैठक में कुछ लोक लुभावने निर्णय लिए जा सकते हैं। सरकार ने इस बैठक में जो निर्णय लिए, वे कई मायनों में बेहद खास हैं। इस बैठक में सबसे बड़ा निर्णय बेटियों को उनका हक दिलाने का रहा। राज्य की आदर्श पुनर्वास नीति 2007 में बदलाव कर एक बड़ा निर्णय लिया है। सरकार ने इस नीति की परिभाषा ही बदल दी है। अब इस दायरे में परिवार की शादीशुदा बेटियां भी आएंगी और उन्हें अपने माता-पिता के परिवार का आजीवन हिस्सा माना जाएगा। वर्तमान कानून के मुताबिक सरकार की कई योजनाओं में पुनर्वास नीति के तहत प्रभावित परिवार की सूची से बाहर रखा जाता था, लेकिन अब किसी भी मामले में प्रभावित परिवार के सदस्यों की सूची में परिवार की विवाहित बेटी को भी पुनर्वास नीति का लाभ मिलेगा। CG कैबिनेट का फैसला, विवाहित बेटी को भी मिलेगा परिवार पुनर्वास नीति का लाभ यह भी पढ़ें इसके साथ ही सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर वेट की दर कम करने संबंधि अधिसूचना भी जारी कर दी है। बैठक में नवा छत्तीसगढ़ 2025 अटल दृष्टि पत्र का अनुमोदन भी किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा यह दृष्टि पत्र किसी पार्टी या किसी व्यक्ति की विचारधारा का नहीं है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ के निवासियों की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतीक है। चाहे कोई भी सरकार बने, यह विजन अटल रहेगा आचार संहिता लगने से ठीक पहले छत्तीसगढ़ में दो बड़ी रेल परियोजनाओं का शिलान्यास यह भी पढ़ें बैठक में नवा छत्तीसगढ़ 2025 अटल दृष्टि पत्र का अनुमोदन भी किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा यह दृष्टि पत्र किसी पार्टी या किसी व्यक्ति की विचारधारा का नहीं है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ के निवासियों की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतीक है। राज्य में आगे चाहे किसी भी पार्टी की सरकार बने अटल विकास दृष्टि पत्र उसके लिए एक विजन डॉक्यूमेंट के रूप में काम आएगा। इस दृष्टि पत्र के आधार पर चलकर साल 2025 तक समाज के हर एक तबके में विकास के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। यह दृष्टि पत्र एक निर्णायक कदम है जिसे आधार बनाकर वर्ष 2025 तक छत्तीसगढ़ स्मार्ट, सशक्त, समृद्ध, हरित और खुशहाल राज्य होगा। ऐसे तैयार हुआ यह दृष्टि पत्र CG : दो चरण में होंगे विधानसभा चुनाव, इस दिन आएंगे नतीजे यह भी पढ़ें उल्लेखनीय है कि 5 सितंबर को डोंगरगढ़ से अटल विकास यात्रा की शुरूआत की गई थी। इस विकास यात्रा के दौरान सीएम डॉ रमन ने समाज के हर एक वर्ग और तकबे से मिलकर विकास के संबंध में उनकी आंकांक्षाओं की जानकारी ली और इसी आधार पर 2025 तक राज्य के सुनियोजित विकास के लिए अटल दृष्टि पत्र तैयार किया गया है।आचार संहिता लागू होने से महज कुछ घंटे पहले छत्तीसगढ़ सरकार की एक महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक शनिवार को मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की अध्यक्षता में हुई। यह डॉ रमन सिंह के नेतृत्व में राज्य में तीसरा कार्यकाल पूरा करने जा रही भाजपा सरकार की इस पारी की अंतिम बैठक थी। ADVERTISING inRead invented by Teads लोगों को अनुमान था कि चुनाव को देखते हुए इस बैठक में कुछ लोक लुभावने निर्णय लिए जा सकते हैं। सरकार ने इस बैठक में जो निर्णय लिए, वे कई मायनों में बेहद खास हैं। इस बैठक में सबसे बड़ा निर्णय बेटियों को उनका हक दिलाने का रहा। राज्य की आदर्श पुनर्वास नीति 2007 में बदलाव कर एक बड़ा निर्णय लिया है। सरकार ने इस नीति की परिभाषा ही बदल दी है। अब इस दायरे में परिवार की शादीशुदा बेटियां भी आएंगी और उन्हें अपने माता-पिता के परिवार का आजीवन हिस्सा माना जाएगा। वर्तमान कानून के मुताबिक सरकार की कई योजनाओं में पुनर्वास नीति के तहत प्रभावित परिवार की सूची से बाहर रखा जाता था, लेकिन अब किसी भी मामले में प्रभावित परिवार के सदस्यों की सूची में परिवार की विवाहित बेटी को भी पुनर्वास नीति का लाभ मिलेगा। CG कैबिनेट का फैसला, विवाहित बेटी को भी मिलेगा परिवार पुनर्वास नीति का लाभ यह भी पढ़ें इसके साथ ही सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर वेट की दर कम करने संबंधि अधिसूचना भी जारी कर दी है। बैठक में नवा छत्तीसगढ़ 2025 अटल दृष्टि पत्र का अनुमोदन भी किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा यह दृष्टि पत्र किसी पार्टी या किसी व्यक्ति की विचारधारा का नहीं है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ के निवासियों की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतीक है। चाहे कोई भी सरकार बने, यह विजन अटल रहेगा आचार संहिता लगने से ठीक पहले छत्तीसगढ़ में दो बड़ी रेल परियोजनाओं का शिलान्यास यह भी पढ़ें बैठक में नवा छत्तीसगढ़ 2025 अटल दृष्टि पत्र का अनुमोदन भी किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा यह दृष्टि पत्र किसी पार्टी या किसी व्यक्ति की विचारधारा का नहीं है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ के निवासियों की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतीक है। राज्य में आगे चाहे किसी भी पार्टी की सरकार बने अटल विकास दृष्टि पत्र उसके लिए एक विजन डॉक्यूमेंट के रूप में काम आएगा। इस दृष्टि पत्र के आधार पर चलकर साल 2025 तक समाज के हर एक तबके में विकास के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। यह दृष्टि पत्र एक निर्णायक कदम है जिसे आधार बनाकर वर्ष 2025 तक छत्तीसगढ़ स्मार्ट, सशक्त, समृद्ध, हरित और खुशहाल राज्य होगा। ऐसे तैयार हुआ यह दृष्टि पत्र CG : दो चरण में होंगे विधानसभा चुनाव, इस दिन आएंगे नतीजे यह भी पढ़ें उल्लेखनीय है कि 5 सितंबर को डोंगरगढ़ से अटल विकास यात्रा की शुरूआत की गई थी। इस विकास यात्रा के दौरान सीएम डॉ रमन ने समाज के हर एक वर्ग और तकबे से मिलकर विकास के संबंध में उनकी आंकांक्षाओं की जानकारी ली और इसी आधार पर 2025 तक राज्य के सुनियोजित विकास के लिए अटल दृष्टि पत्र तैयार किया गया है।

आचार संहिता लागू होने से महज कुछ घंटे पहले छत्तीसगढ़ सरकार की एक महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक शनिवार को मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की अध्यक्षता में हुई। यह डॉ रमन सिंह के नेतृत्व में राज्य में तीसरा कार्यकाल पूरा करने जा …

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शिक्षकों के लिए काम की खबर, जान लें वेतन से होगी कितनी कटौती

जिन शिक्षकों की वार्षिक आय तीन से पांच लाख रुपये के बीच होगी, उनके वेतन से सेवा कर के रूप में एक हजार रुपये की एकमुश्त कटौती होगी। पांच से दस लाख के वेतनमान वाले शिक्षकों के वेतन से दो हजार से ढाई हजार रुपये की कटौती होगी। नियोजित शिक्षकों के वेतन से सीधे राशि की कटौती नहीं होगी। उन्हें जैसे वेतन जारी होता है होगा बाद में संबंधित शिक्षक चालान के माध्यम से सेवा कर कोषागार में जमा करेंगे। अगस्त और सितंबर का वेतन नहीं मिला प्रदेश के सरकारी नियोजित और नियमित शिक्षकों को फिलहाल अगस्त और सितंबर का वेतन नहीं मिला है। नियोजित शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए शिक्षा विभाग ने बीते मंगलवार को 21 अरब रुपये जारी किए। जिलों की इकाई द्वारा पूर्व में दिए गए पैसों का हिसाब किताब नहीं दिए जाने की वजह से ट्रेजरी लॉक है। दूसरी ओर नियमित शिक्षकों के दो महीने के बकाया वेतन के लिए अब तक राशि स्वीकृत नहीं की गई है। इसे लेकर माध्यमिक शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर पूजा के पहले वेतन राशि जारी करने का आग्रह किया है।

जिन शिक्षकों की वार्षिक आय तीन से पांच लाख रुपये के बीच होगी, उनके वेतन से सेवा कर के रूप में एक हजार रुपये की एकमुश्त कटौती होगी। पांच से दस लाख के वेतनमान वाले शिक्षकों के वेतन से दो …

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