अध्यात्म

वह मंदिर जहां हुआ था शिव-पार्वती का विवाह

रुद्रप्रयाग में स्थित 'त्रियुगी नारायण' एक पवित्र जगह है, माना जाता है कि सतयुग में जब भगवान शिव ने माता पार्वती से विवाह किया था तब यह ‘हिमवत’ की राजधानी था. इस जगह पर आज भी हर साल देश भर से लोग संतान प्राप्ति के लिए इकट्ठा होते हैं और हर साल सितंबर महीने में बावन द्वादशी के दिन यहां पर मेले का आयोजन किया जाता है. आज भी प्रज्वलित है विवाह मंडप की अग्नि मान्यता है कि भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए त्रियुगीनारायण मंदिर से आगे गौरी कुंड कहे जाने वाले स्थान माता पार्वती ने तपस्या की थी जिसके बाद भगवान शिव ने इसी मंदिर में मां से विवाह किया था. कहते हैं कि उस हवन कुंड में आज भी वही अग्नि जल रही है. देशभर से आते हैं लोग... संतान प्राप्ति के लिए इस अग्नि का आशीर्वाद लेने के लिए देश के हर हिस्से से लोग आते हैं. ऐसी मान्यता है कि भगवान केदारनाथ की यात्रा से पहले यहां दर्शन करने से ही प्रभु प्रसन्न होते हैं.

रुद्रप्रयाग में स्थित ‘त्रियुगी नारायण’ एक पवित्र जगह है, माना जाता है कि सतयुग में जब भगवान शिव ने माता पार्वती से विवाह किया था तब यह ‘हिमवत’ की राजधानी था. इस जगह पर आज भी हर साल देश भर …

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जिस घर में होते है ये तीन निशान उन्हें कोई नहीं कर सकता परेशान

घर में खुशियों को नजर लग जाना, बच्चो का पढ़ाई में मन न लगना, घर में सदस्यों का बार बार बीमार होना, व्यपार आदि में नुकसान होना, नौकरी में प्रमोशन न मिलना ये सब इस तरह की परेशानियां जिसके आने के बाद व्यक्ति असमंजस में रहता है वह समझ नहीं पता है कि आखिर उसके घर में ये सब क्यों हो रहा है. इन सभी परेशानियों को दूर करने के लिए वह कई सारे नुस्खे आजमाने में लग जाते है लेकिन क्या आप जानते है कि घर में इस तरह की परेशानी आने का मतलब आपके घर में नकरात्मक ऊर्जा का अस्तित्व बढ़ चुका है. अगर आप अपने परिवार को इन बुरी चीजों से बचाना चाहते है तो आपको वास्तु एवं ज्योतिष के मुताबिक़ कुछ ख़ास बातें जानना बेहद जरुरी है जो आपके घर की इन परेशानियों को आसानी से दूर कर सकती है. वास्तु एवं ज्योतिष के मुताबिक़ अगर आप अपने घर के दरवाजे पर ॐ स्वास्तिक त्रिशूल को टाँगे तो ये आपको बुरी नजरो से बचा सकता है. त्रिशूल , ॐ और स्वास्तिक ये तीन ऐसे चिन्ह है जो आपके घर में हमेशा सुख समृद्धि लाते है. हिन्दू धर्म में इन तीन चिन्हों को सबसे महत्वपूर्ण माना गया है. शास्त्रों के मुताबिक़ घर में स्वास्तिक चिन्ह लगाने से घर में आने वाली सभी नकरात्मक ऊर्जा दूर रहती है. वही त्रिशूल भगवान शिव का शस्त्र है माना गया है कि जहा त्रिशूल रहता है वहा व्यक्ति के कर्म विचार और स्वभाव ये तीनो ही सकरात्मक हो जाते है. अगर आप अपने घर में ॐ स्वास्तीक त्रिशूल लगाते है तो आपके पास कोई भी परेशानी नहीं आएगी और आपका परिवार खुशहाल रहेगा.

घर में खुशियों को नजर लग जाना, बच्चो का पढ़ाई में मन न लगना, घर में सदस्यों का बार बार बीमार होना, व्यपार आदि में नुकसान होना, नौकरी में प्रमोशन न मिलना ये सब इस तरह की परेशानियां जिसके आने …

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सुख -समृद्धिदायक है दक्षिणवर्ती शंख

हमारी हिन्दू परम्परा में कुछ ऐसे काम बताए गए हैं, जिन्हें नियमित रूप से करते रहने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और किसी बुरी नजर भी नहीं लगती है. शास्त्रों में दक्षिणवर्ती शंख का बहुत महत्व बताया गया है. यदि विधि विधान से इसकी पूजा की जाए तो घर में सभी सुख और समृद्धि बनी रहती है. कहा जाता है कि दक्षिणवर्ती शंख घर में रखने से नकारात्मकता दूर होती है.घर की महिला द्वारा नित्य सुबह जल्दी उठकर दक्षिणवर्ती शंख से पूरे घर का शुद्धिकरण करने से बहुत लाभ होता है .इसके लिए सबसे पहले एक लाल कपड़ा लें, दक्षिणवर्ती शंख को उस पर शंख रखें. शंख में गंगाजल भर लें. धूप-दीप जलाकर शंख और गंगाजल का पूजन करें.फिर शंख के सामने बैठकर 11 या 21 बार मंत्र ऊँ श्री लक्ष्मीसहोदराय नम: का जाप करें.फिर मंत्र जाप के बाद इस शंख से जल पूरे घर में और पति, बच्चों सहित सभी सदस्यों पर छिड़कें.ऐसा रोजाना करने से घर की नकारात्मकता दूर होती है और सबकी सुरक्षा होती है. दक्षिणवर्ती शंख को घर में रखने से कई लाभ होते हैं. इससे धन की कमी दूर हो सकती है.घर में अन्न की कमी नहीं होती है. वस्त्र आदि चीजों का भी सुख मिलता है.शयनकक्ष में शंख रखने से मन को शांति मिलती है. भगवान विष्णु के हाथ में सदा रहने वाला यह शंख बहुत लाभदायी होता है.

हमारी हिन्दू परम्परा में कुछ ऐसे काम बताए गए हैं, जिन्हें नियमित रूप से करते रहने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और किसी बुरी नजर भी नहीं लगती है. शास्त्रों में दक्षिणवर्ती शंख का बहुत महत्व बताया गया …

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जानिए क्या है केसर से किस्मत का कनेक्शन, देगा राजयोग

गुरुवार का दिन हफ्ते का सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है इस दिन को धन, पुत्र, मनचाहा जीवनसाथी और विद्या को पाने का दिन माना जाता है. देव गुरु बृहस्पति को प्रसन्न करने के लिए लोग कई ख़ास कार्य करवाते है, ज्यादातर लोग व्रत, उपाय, दान और खास पूजन करवाते है ताकि देव गुरु बृहस्पति की द्रष्टि उन पर बनी रहे. लेकिन आज हम आपको बताएँगे एक अचूक उपाय जिसकी मदद से आप भगवान देव गुरु बृहस्पति को आसानी से प्रसन्न कर सकते है. शास्त्रों के मुताबिक केसर के प्रयोग से बहुत सारे लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं. माना गया है कि गुरुवार के दिन नहाने के पानी में थोड़ी हल्दी डालकर उस पानी से स्नान करें और अपने ललाट पर केसर का तिलक लगाए. शुद्ध केसर का तिलक लगाना शुभता का प्रतीक है इससे आर्थिक पक्ष भी मज़बूत होता है और हम कई सारी परेशानी से दूर रहते है मन शांत रहता है. स्नान और तिलक लगाने के बाद घर के मंदिर में अथवा केले के पेड़ के पास बैठकर धूप- दीप से पूजा करें "ऊं नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करें. इससे आपके घर की कई सारी परेशानियां दूर रहेगी साथ ही आप अपने घर के दरवाजे के पास केसर का स्वास्तिक बनाये. इसके अलावा अपनी शादीशुदा बेटी को केसर भेंट करें, इसे शुभ माना जाता है और जीवन में अधिक सुख प्राप्ति होती है. अगर आपकी कुंडली में बृहस्पति अशुभ चल रहा हो तो आप हर रोज ललाट पर केसर का तिलक लगाए, इससे आप पर किसी तरह की परेशानी नहीं आएगी.

गुरुवार का दिन हफ्ते का सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है इस दिन को धन, पुत्र, मनचाहा जीवनसाथी और विद्या को पाने का दिन माना जाता है. देव गुरु बृहस्पति को प्रसन्न करने के लिए लोग कई ख़ास कार्य करवाते है, …

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06 जून 2018 का राशिफल : आज बना है विष्कुंभ योग, जानिए कैसा गुजरेगा आज का दिन 

06 जून 2018 का राशिफल : आज बना है विष्कुंभ योग, जानिए कैसा गुजरेगा आज का दिन 

मेष: आज आपको शासन द्वारा सम्मानित किए जाने की संभावना है। यदि आप किसी व्यक्ति, बैंक या संस्था से ऋण लेना चाहें तो कदापि न लें। आज पत्नी पक्ष से उत्तम सहयोग प्राप्त हो सकता है। रात्रि का समय आमोद-प्रमोद …

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सपने में निर्वस्त्र स्त्री दिखने का मतलब है इस बात का संकेत

दुनिया में अगर सबसे खूबसूरत चीज है तो वो है रात में देखा गया सपना, रात में देखा हुआ सपना हमें एक ऐसी दुनिया में ले जाता है जिसकी हम कभी कल्पना भी नहीं कर सकते है. लेकिन क्या आप ये जानते है कि रातों में आये हुए सपने हमेशा हमें किसी न किसी बात का संकेत दे जाते है लेकिन कुछ लोग इन सपनों को बहुत हल्के में ले लेते है. आज हम आपको बताएँगे सपने से जुड़ी कुछ ऐसी बातें जिन्हें सुनने के बाद आप हैरान हो जायेंगे. ज्योतिषशास्त्रों के मुताबिक सपने में बिल्ली दिखना अशुभ माना गया है. बिल्ली का सपने में आना मतलब इस बात का संकेत है कि आपके साथ कोई विश्वासघात करने वाला है. अगर आपके सपने में मकोड़े आते है तो आपके जीवन में जल्द ही कोई कष्ट आने वाला है यही नहीं बल्कि आप सपनें में जितने अधिक मकोड़े देखते हैं, आपको उतनी ज्यादा समस्याओं का सामना करना होगा. इसके अलावा अगर आप सपने में चूहों को कपड़े कुतरते देखते है तो आपको बहुत सतर्क रहने की जरुरत है क्योंकि सपने में चूहे दिखना इस बात का संकेत है कि जल्दी ही आप अपने किसी दोस्त के साथ घोटाले में शामिल होने वाले हैं जो आपकी ज़िंदगी बर्बाद कर सकता है. सपने में किसी स्त्री का निर्वस्त्र दिखना भी बुरा संकेत है इसका मतलब आप मृत्यु के बेहद नजदीक है. इसके अलावा अगर आप सपने में ढोल नगाड़े देखते है तो यह परिवार में किसी की मृत्यु का संकेत माना जाता है.

दुनिया में अगर सबसे खूबसूरत चीज है तो वो है रात में देखा गया सपना, रात में देखा हुआ सपना हमें एक ऐसी दुनिया में ले जाता है जिसकी हम कभी कल्पना भी नहीं कर सकते है. लेकिन क्या आप …

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कुंभ मेला 2018: शाही स्नान के समय बजेंगे कुम्भ के थीम सांग

कुम्भ मेले के दौरान शाही स्नान की शुभ बेला पर पूरे मेला क्षेत्र में आध्यात्मिक गीत बजेंगे। इस गीत की खासियत होगी इसमें कुम्भ, संत और अखाड़ों के महात्म बताया जाएगा। इसके लिए पर्यटन विभाग तैयारी कर रहा है। कुम्भ की थीम पर धुन और गीत तैयार करने के लिए इस वक्त देश के बड़े कलाकारों के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों से बात की जा रही है। सभी को बताया जा रहा है कि वे ऐसे गीत ही बनाएं जिसमें भारतीय संस्कृति के दर्शन हो। फिलहाल ऐसे लोगों के सुझावों, गीतों व धुनों को लिया जा रहा है। इसमें से सबसे अच्छी थीम को चुना जाएगा। जिसे हर शाही स्नान के दौरान बजाया जाएगा। क्या है उद्देश्य इसका उद्देश्य है कि आने वाले श्रद्धालुओं के साथ ही आसपास के लोग भी कुम्भ से जुड़ें। कुम्भ के विहंगम दृश्य को देखें व इसके महात्म को समझें। इसका अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार व प्रसार किया जाएगा। वर्जन हमारे पास प्रस्ताव आ रहे हैं। हमने ऐसे तमाम लोगों से बात की है। मेले में दर्शन और अध्यात्म का माहौल रहेगा। इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय कलाकारों से बात की जा रही है। जिसकी धुन और गीत सबसे अच्छे होंगे उनका चयन किया जाएगा। -डॉ. रीता बहुगुणा जोशी, पर्यटन मंत्री अध्यक्ष अखाड़ा परिषद के महंत नरेंद्र गिरि, इस मौके पर कहा, 'हमारे पास पयर्टन विभाग के लोग आए थे। उन्होंने कुछ गीत और धुन सुनाए। अच्छा प्रयास है। लेकिन उसमें कुछ संशोधन की जरूरत थी। उनके गीत में अखाड़ा, संत और कुम्भ नहीं था। हमने इसमें संशोधन के लिए कहा है।'

कुम्भ मेले के दौरान शाही स्नान की शुभ बेला पर पूरे मेला क्षेत्र में आध्यात्मिक गीत बजेंगे।  इस गीत की खासियत होगी इसमें कुम्भ, संत और अखाड़ों के महात्म बताया जाएगा। इसके लिए पर्यटन विभाग तैयारी कर रहा है। कुम्भ …

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कौन-सा रत्न कब धारण करें

ज्योतिष विद्या में रत्नों का भी अहम स्थान है। माना जाता है कि तंत्र, मंत्र और रत्न सभी का अपना-अपना कार्य होता है। इसमें रत्न ही एक ऐसा उपाय है, जिसे जातक आसानी से ग्रहण कर सकता है और इसके लिए कोई नियम आदि भी ज्यादा जटिल नहीं है। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो रत्न का प्रभाव किसी भी प्रकार से कम नहीं है लेकिन उसका उपयुक्त ग्रह, राशि और समय होना चाहिए। अन्यथा रत्न जितना फायदा पहुंचा सकता है, उससे कहीं ज्यादा नुकसान भी दे सकता है। -सूर्य को शक्तिशाली बनाने में माणिक्य का परामर्श दिया जाता है। कम से कम सवा पांच रत्ती या फिर अपने वजन के अनुसार माणिक को स्वर्ण की अंगूठी में, अनामिका अंगुली में रविवार के दिन पुष्य योग में धारण करना चाहिए। - चंद्र ग्रह को मोती पहनने से शक्तिशाली बनाया जा सकता है। मोती कम से कम सवा तीन रत्ती का तो होना ही चाहिए, इसके चांदी की अंगूठी में शुक्ल-पक्ष सोमवार रोहिणी नक्षत्र में धारण करना चाहिए। -मंगल ग्रह को शक्तिशाली बनाने के लिए कम से कम पांच रत्ती का मूंगा सोने या ताम्र की अंगूठी में मंगलवार को अनुराधा नक्षत्र में सूर्योदय से एक घंटे बाद तक के समय में पहनना चाहिए। -बुध ग्रह का प्रधान रत्न पन्ना होता है, जो अधिकांश रूप में पांच रंगों में पाया जाता है। हल्के पानी के रंग जैसा, तोते के पंखों के समान रंग वाला, सिरस के फूल के रंग के समान, सेडुल फूल के समान रंग वाला, मयूर पंख के समान रंग वाला। इसमें मयूर पंख के समान रंग वाला श्रेष्ठ माना जाता है, किंतु यह चमकीला और पारदर्शी होना चाहिए। कम से कम छह रत्ती वजन का पन्ना सबसे छोटी उंगली में प्लेटिनम या सोने की अंगूठी में बुधवार को प्रात: काल उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में धारण करना चाहिए। -गुरु (बृहस्पति) के लिए पुखराज सबसे उत्तम है। पांच, सात, नौ या ग्यारह रत्ती का पुखराज सोने की अंगूठी में तर्जनी अंगुली में गुरु-पुष्य योग में शाम के समय धारण करना सर्वोत्तम माना गया है। -शुक्र ग्रह को शक्तिशाली बनाने के लिए हीरा (कम से कम दो कैरेट का) मृगशिरा नक्षत्र में बीच की अंगुली में धारण करना चाहिए। -शनि ग्रह की शांति के लिए नीलम उपयुक्त है। पांच, छह, सात, नौ अथवा ग्यारह रत्ती का नीलम मध्यमा अंगुली में शनिवार को श्रवण नक्षत्र में पंचधातु की अंगूठी में धारण करना चाहिए। -राहु के लिए छह रत्ती का गोमेद उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में बुधवार या शनिवार को धारण करना चाहिए। इसे पंचधातु में तथा मध्यमा अंगुली में पहनना चाहिए। -केतु के लिए छह रत्ती का लहसुनिया गुरु पुष्य योग में गुरुवार के दिन सूर्योदय से पूर्व धारण करना चाहिए। इसे भी पंचधातु में तथा मध्यमा अंगुली में पहनना चाहिए। इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य व सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

ज्योतिष विद्या में रत्नों का भी अहम स्थान है। माना जाता है कि तंत्र, मंत्र और रत्न सभी का अपना-अपना कार्य होता है। इसमें रत्न ही एक ऐसा उपाय है, जिसे जातक आसानी से ग्रहण कर सकता है और इसके …

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सक्सेस मंत्र: हर सफल व्यक्ति में होती हैं ये 5 बातें

हम जानते हैं कि यदि हमें कुछ पाना है तो इसके लिए कुछ करना भी होगा। लेकिन कुछ ऐसी बातें सभी सफल लोग अपनाते जो आपको सफल होने के काबिल बनाती हैं। भले ही इन बातों से आपको सीधे तौर पर सफलता से कोई लेना देना न हो। तो सफल होने के लिए पहले आप काबिल बनें इसकेलिए आपको ये पांच बातें आज से ही अपनानी होंगी। 1- काम का ऑनरशिप लें। यानी आपको जो भी काम मिलता है उसकी आप खुद ही जिम्मेदारी लें। आप यह भी तय करें कि यह काम कब और कैसे करना है। इससे आप का समय व्यर्थ नहीं जाएगा। साथ ही आपको काम से कुछ सीख भी मिलेगी। 2- ज्यादा ध्यान केंद्रित करना शुरू करें- जो लोग किसी काम से जल्दी बोर हो जाते हैं या उनका मन ऊब जाता है उन्हें सफलता पाने में मुश्किल होती है। इसलिए किसी भी काम से तब तक अपना ध्यान न हटाएं जब तक कि आप उसे उसके मुकाम तक पहुंचाने की पूरी कोशिश नहीं कर लेते। 3- आप जो करना चाहते हैं या जो बनना चाहते हैं उसके लड़ना भी सीखें। आप अपने लक्ष्य को तभी हासिल कर पाएंगे जब आप निर्भीक रूप से उसके लिए प्रयास करेंगे। 4- अच्छे और गुणी लोगों के साथ काम करें। आपको हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि आप उसी व्यक्ति का साथ करें जिससे कि कुछ सीख सकें। साथ वह व्यक्ति आपको को प्रोत्साहित भी करता हो। 5- अनुशासित रहें। आनुशासन का आपकी सफलता में अहम रोल है। अनुशासन ही एक ऐसा कारक है जो हमें अपना लक्ष्य एक निर्धारित समय में पूरा करने के लिए प्रेरित करता है। इसलिए अनुशासन को हमेशा ध्यान रखें।

हम जानते हैं कि यदि हमें कुछ पाना है तो इसके लिए कुछ करना भी होगा। लेकिन कुछ ऐसी बातें सभी सफल लोग अपनाते जो आपको सफल होने के काबिल बनाती हैं। भले ही इन बातों से आपको सीधे तौर …

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आर्थिक राशिफल 02 जून: देखें, आपकी राशि में धनलाभ की कितनी संभावना है

मेष: आज आपके अच्छे कार्यों से आपका व आपके घर का गौरव बढ़ेगा। आपकी निर्णय लेने की क्षमता का लाभ भी आपको मिलेगा। आप आज सामाजिक व धार्मिक कार्यों में सहयोग करेंगे। वृषभ: आज आपको संतान के अच्छे आचरण का …

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