धर्म

कभी नहीं होगी कभी घर में पैसो की किल्लत अगर तुलसी के पास लगायेंगे ये जादुई पौधा

आज के समय में हर किसी इंसान की एक ही शिकायत होती है कि कितना भी कमा लो लेकिन पैसों की तंगी बनी रहती है। इससे निजात पाने के लिए हम नित नये उपाय करते रहते है लेकिन फिर भी …

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शुक्र 9 जून को जा रहे हैं कर्क राशि में, जानें क्या होगा आपकी राशि पर असर

वैदिक ज्योतिष में शुक्र को सभी भौतिक सुख देने वाला ग्रह माना जाता है। यह प्रेम, सौंदर्य, कला और सांसारिक सुख आदि का कारक ग्रह है। शुक्र के शुभ प्रभाव से जहां व्यक्ति समस्त सांसारिक सुख-साधनों को प्राप्त करता है। वहीं, इसके अशुभ प्रभाव से संस्कारहीनता, परिवार में बिखराव और यौन रोग होते हैं। शुक्र ग्रह 9 जून शनिवार को 2:54 बजे कर्क राशि में गोचर (प्रवेश) करेगा और 5 जुलाई 2018 को 02:38 बजे तक इसी राशि में स्थित रहेगा। वृष और तुला राशि के स्वामी शुक्र के साथ इस राशि में राहु के साथ युति करेंगे, जो इस राशि में राहु पहले से ही मौजूद है। वहीं, कर्क राशि से ठीक सातवें स्थान पर यानी मकर राशि में मंगल और केतु मौजूद हैं। यानी ये चारों ग्रह एक दूसरे को देख रहे होंगे। आईये जानते हैं शुक्र के इस गोचर का सभी राशियों पर क्या प्रभाव होगा? मेष - आपकी राशि के चौथे भाव में शुक्र के आने से घरेलू जीवन पर असर दिखेगा। आपके पार्टनर को कार्यक्षेत्र में लाभ होगा और आपका करियर में आपको अच्छे अवसर मिलेंगे। वृष - वृषभ राशि के जातकों की कुंडली के तीसरे भाव में होगा। यात्रा के योग बनेंगे। पार्टनर को भौतिक सुख-सुविधाओं की भी प्राप्ति के आसार हैं। मिथुन- द्वितीय भाव में शुक्र का गोचर होने से गृहस्‍थ जीवन अच्‍छा रहेगा है। लाभ कमाने के मौके बनेंगे। जीवनसाथी की सेहत को लेकर चिंता हो सकती है। आपसी रिश्तों में प्यार बढ़ेगा। कर्क- शुक्र ग्रह आपकी ही राशि में गोचर करेगा। भौतिक सुख-सुविधाएं बढ़ेंगी, वैवाहिक जीवन खुशनुमा रहेगा।इस दौरान वरिष्ठ अधिकारियों से प्रशंसा मिलेगी। छात्र पढ़ाई में ज्यादा अच्छा प्रदर्शन कर सकेंगे। सिंह- शुक्र आपकी राशि से 12वें भाग में गोचर करेगा। आर्थिक परेशानियां हो सकती हैं और खर्चे भी बढ़ सकते हैं। स्‍वास्‍थ्‍य पर ध्यान दें। काम के संबंध में यात्रा करनी पड़ सकती है। कन्‍या- शुक्र का गोचर आपकी राशि से 11वें भाव लाभ स्थान में होगा। आर्थिक और सामाजिक स्थिति सुधरेगी। आय के स्रोत खुलेंगे, भाग्‍य का लाभ मिलेगा। किसी महिला से लाभ या काम में मदद मिल सकती है। विष्णु के पैर क्यों दबाती हैं लक्ष्मी, जानें ग्रहों के रहस्य की बड़ी बात तुला- शुक्र आपकी राशि से 10वें भाग में गोचर कार्यक्षेत्र में विवाद खड़े कर सकता है। प्रेम प्रसंग बिगड़ सकते हैं और पार्टनर से अनबन हो सकती है। वृश्चिक- शुक्र आपकी राशि से नौवें भाग में गोचर करेगा। सब कुछ सामान्‍य रहेगा। समाज में आपकी प्रतिष्‍ठा बढ़ेगी। लंबी यात्रा करने के योग बन सकते हैं। धनु- शुक्र ग्रह आपकी राशि के 8 वें भाव में गोचर करने जा रहा है। गुप्‍त रोग से परेशान हो सकते हैं। आध्‍यात्‍म की ओर झुकाव बढ़ेगा। मकर- शुक्र का गोचर सातवें भाव में होने से वैवाहिक जीवन व प्रेम प्रसंग के लिए समय अच्छा होगा। नौकरी या व्यवसाय में भी लाभ हो सकता है। कुंभ- छठें भाव में शुक्र का गोचर होने से मेहनत ज्यादा करनी होगी, तभी लाभ होगा। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें, खर्च संभल कर करें । मीन- शुक्र का गोचर आपकी राशि से पांचवें भाव में होगा। ऐसा होने से आपकी कमाई के साधनों में वृद्धि होगी। विवाहित लोगों के जीवन में खुशियां दस्‍तक देंगी। संतान पक्ष से शुभ समाचार मिलेगा।

वैदिक ज्योतिष में शुक्र को सभी भौतिक सुख देने वाला ग्रह माना जाता है। यह प्रेम, सौंदर्य, कला और सांसारिक सुख आदि का कारक ग्रह है। शुक्र के शुभ प्रभाव से जहां व्यक्ति समस्त सांसारिक सुख-साधनों को प्राप्त करता है। …

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कमजोर आदमी को दुख पहुंचाने से आता है प्रलय

मुल्ला अब्बास बगदादी से एक बार अपने शिष्य ने प्रश्न किया कि ' सुना है प्रलय बहुत बड़ी बला होती है। प्रलय में सारे संसार को खत्म करने की ताकत होती है। क्या आप बता सकते हैं कि प्रलय होता क्या है? ' यह सुनकर मुल्ला अब्बास बगदादी ने जवाब दिया कि ' तुम्हारा कहना सही है कि प्रलय बहुत बड़ी बला होती है। देखते हैं तुम्हारे सवाल का कोई जवाब दे सकता है क्या यह कहकर उन्होनें दूसरे शिष्यों की ओर देखा। ' एक शिष्य ने कहा कि ' मेरी नजर में खुदा के प्रति इंसान के अपराध ही प्रलय की वजह है।' दूसरे ने कहा कि ' जब इंसान के जुल्मों को धरती झेल नहीं पाती है तो खुदा प्रलय के जरिए इसको धोता है। ' तीसरे शिष्य ने कहा कि ' कमजोर आदमी के आंसू का एक कतरा ही प्रलय की असली वजह है। ' मुल्ला अब्बास बगदादी ने सभी शिष्यों की बातों को सुना और कहा कि ' यह सही है कि कमजोर आदमी की आंखों से निकलने वाले आंसू ही प्रलय की वजह है। इसलिए किसी भी कमजोर आदमी के दुख-दर्द यदि हम दूर नहीं कर सकते हैं तो उसको किसी भी तरह की तकलीफ तो देनी ही नहीं चाहिए। निसहाय इंसान इतना लाचार होता है कि वह कष्टों को सिर्फ सहन करता रहता है और उसके मुंह से एक शब्द भी नहीं निकलता है इसलिए उनकी लाचारी उनका दुख उनकी आंखों से आंसूओं के जरिए निकलता है। इसलिए गरीबों पर रहम करोगे तो खुदा भी तुम्हारे ऊपर मेहरबान बना रहेगा, लेकिन इसके बावजूद हम इस बात को समझते नहीं है और प्रलय को आमंत्रित करते रहते हैं। '

मुल्ला अब्बास बगदादी से एक बार अपने शिष्य ने प्रश्न किया कि ‘ सुना है प्रलय बहुत बड़ी बला होती है। प्रलय में सारे संसार को खत्म करने की ताकत होती है। क्या आप बता सकते हैं कि प्रलय होता …

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वह मंदिर जहां हुआ था शिव-पार्वती का विवाह

रुद्रप्रयाग में स्थित 'त्रियुगी नारायण' एक पवित्र जगह है, माना जाता है कि सतयुग में जब भगवान शिव ने माता पार्वती से विवाह किया था तब यह ‘हिमवत’ की राजधानी था. इस जगह पर आज भी हर साल देश भर से लोग संतान प्राप्ति के लिए इकट्ठा होते हैं और हर साल सितंबर महीने में बावन द्वादशी के दिन यहां पर मेले का आयोजन किया जाता है. आज भी प्रज्वलित है विवाह मंडप की अग्नि मान्यता है कि भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए त्रियुगीनारायण मंदिर से आगे गौरी कुंड कहे जाने वाले स्थान माता पार्वती ने तपस्या की थी जिसके बाद भगवान शिव ने इसी मंदिर में मां से विवाह किया था. कहते हैं कि उस हवन कुंड में आज भी वही अग्नि जल रही है. देशभर से आते हैं लोग... संतान प्राप्ति के लिए इस अग्नि का आशीर्वाद लेने के लिए देश के हर हिस्से से लोग आते हैं. ऐसी मान्यता है कि भगवान केदारनाथ की यात्रा से पहले यहां दर्शन करने से ही प्रभु प्रसन्न होते हैं.

रुद्रप्रयाग में स्थित ‘त्रियुगी नारायण’ एक पवित्र जगह है, माना जाता है कि सतयुग में जब भगवान शिव ने माता पार्वती से विवाह किया था तब यह ‘हिमवत’ की राजधानी था. इस जगह पर आज भी हर साल देश भर …

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जिस घर में होते है ये तीन निशान उन्हें कोई नहीं कर सकता परेशान

घर में खुशियों को नजर लग जाना, बच्चो का पढ़ाई में मन न लगना, घर में सदस्यों का बार बार बीमार होना, व्यपार आदि में नुकसान होना, नौकरी में प्रमोशन न मिलना ये सब इस तरह की परेशानियां जिसके आने के बाद व्यक्ति असमंजस में रहता है वह समझ नहीं पता है कि आखिर उसके घर में ये सब क्यों हो रहा है. इन सभी परेशानियों को दूर करने के लिए वह कई सारे नुस्खे आजमाने में लग जाते है लेकिन क्या आप जानते है कि घर में इस तरह की परेशानी आने का मतलब आपके घर में नकरात्मक ऊर्जा का अस्तित्व बढ़ चुका है. अगर आप अपने परिवार को इन बुरी चीजों से बचाना चाहते है तो आपको वास्तु एवं ज्योतिष के मुताबिक़ कुछ ख़ास बातें जानना बेहद जरुरी है जो आपके घर की इन परेशानियों को आसानी से दूर कर सकती है. वास्तु एवं ज्योतिष के मुताबिक़ अगर आप अपने घर के दरवाजे पर ॐ स्वास्तिक त्रिशूल को टाँगे तो ये आपको बुरी नजरो से बचा सकता है. त्रिशूल , ॐ और स्वास्तिक ये तीन ऐसे चिन्ह है जो आपके घर में हमेशा सुख समृद्धि लाते है. हिन्दू धर्म में इन तीन चिन्हों को सबसे महत्वपूर्ण माना गया है. शास्त्रों के मुताबिक़ घर में स्वास्तिक चिन्ह लगाने से घर में आने वाली सभी नकरात्मक ऊर्जा दूर रहती है. वही त्रिशूल भगवान शिव का शस्त्र है माना गया है कि जहा त्रिशूल रहता है वहा व्यक्ति के कर्म विचार और स्वभाव ये तीनो ही सकरात्मक हो जाते है. अगर आप अपने घर में ॐ स्वास्तीक त्रिशूल लगाते है तो आपके पास कोई भी परेशानी नहीं आएगी और आपका परिवार खुशहाल रहेगा.

घर में खुशियों को नजर लग जाना, बच्चो का पढ़ाई में मन न लगना, घर में सदस्यों का बार बार बीमार होना, व्यपार आदि में नुकसान होना, नौकरी में प्रमोशन न मिलना ये सब इस तरह की परेशानियां जिसके आने …

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सुख -समृद्धिदायक है दक्षिणवर्ती शंख

हमारी हिन्दू परम्परा में कुछ ऐसे काम बताए गए हैं, जिन्हें नियमित रूप से करते रहने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और किसी बुरी नजर भी नहीं लगती है. शास्त्रों में दक्षिणवर्ती शंख का बहुत महत्व बताया गया है. यदि विधि विधान से इसकी पूजा की जाए तो घर में सभी सुख और समृद्धि बनी रहती है. कहा जाता है कि दक्षिणवर्ती शंख घर में रखने से नकारात्मकता दूर होती है.घर की महिला द्वारा नित्य सुबह जल्दी उठकर दक्षिणवर्ती शंख से पूरे घर का शुद्धिकरण करने से बहुत लाभ होता है .इसके लिए सबसे पहले एक लाल कपड़ा लें, दक्षिणवर्ती शंख को उस पर शंख रखें. शंख में गंगाजल भर लें. धूप-दीप जलाकर शंख और गंगाजल का पूजन करें.फिर शंख के सामने बैठकर 11 या 21 बार मंत्र ऊँ श्री लक्ष्मीसहोदराय नम: का जाप करें.फिर मंत्र जाप के बाद इस शंख से जल पूरे घर में और पति, बच्चों सहित सभी सदस्यों पर छिड़कें.ऐसा रोजाना करने से घर की नकारात्मकता दूर होती है और सबकी सुरक्षा होती है. दक्षिणवर्ती शंख को घर में रखने से कई लाभ होते हैं. इससे धन की कमी दूर हो सकती है.घर में अन्न की कमी नहीं होती है. वस्त्र आदि चीजों का भी सुख मिलता है.शयनकक्ष में शंख रखने से मन को शांति मिलती है. भगवान विष्णु के हाथ में सदा रहने वाला यह शंख बहुत लाभदायी होता है.

हमारी हिन्दू परम्परा में कुछ ऐसे काम बताए गए हैं, जिन्हें नियमित रूप से करते रहने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और किसी बुरी नजर भी नहीं लगती है. शास्त्रों में दक्षिणवर्ती शंख का बहुत महत्व बताया गया …

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जानिए क्या है केसर से किस्मत का कनेक्शन, देगा राजयोग

गुरुवार का दिन हफ्ते का सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है इस दिन को धन, पुत्र, मनचाहा जीवनसाथी और विद्या को पाने का दिन माना जाता है. देव गुरु बृहस्पति को प्रसन्न करने के लिए लोग कई ख़ास कार्य करवाते है, ज्यादातर लोग व्रत, उपाय, दान और खास पूजन करवाते है ताकि देव गुरु बृहस्पति की द्रष्टि उन पर बनी रहे. लेकिन आज हम आपको बताएँगे एक अचूक उपाय जिसकी मदद से आप भगवान देव गुरु बृहस्पति को आसानी से प्रसन्न कर सकते है. शास्त्रों के मुताबिक केसर के प्रयोग से बहुत सारे लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं. माना गया है कि गुरुवार के दिन नहाने के पानी में थोड़ी हल्दी डालकर उस पानी से स्नान करें और अपने ललाट पर केसर का तिलक लगाए. शुद्ध केसर का तिलक लगाना शुभता का प्रतीक है इससे आर्थिक पक्ष भी मज़बूत होता है और हम कई सारी परेशानी से दूर रहते है मन शांत रहता है. स्नान और तिलक लगाने के बाद घर के मंदिर में अथवा केले के पेड़ के पास बैठकर धूप- दीप से पूजा करें "ऊं नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करें. इससे आपके घर की कई सारी परेशानियां दूर रहेगी साथ ही आप अपने घर के दरवाजे के पास केसर का स्वास्तिक बनाये. इसके अलावा अपनी शादीशुदा बेटी को केसर भेंट करें, इसे शुभ माना जाता है और जीवन में अधिक सुख प्राप्ति होती है. अगर आपकी कुंडली में बृहस्पति अशुभ चल रहा हो तो आप हर रोज ललाट पर केसर का तिलक लगाए, इससे आप पर किसी तरह की परेशानी नहीं आएगी.

गुरुवार का दिन हफ्ते का सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है इस दिन को धन, पुत्र, मनचाहा जीवनसाथी और विद्या को पाने का दिन माना जाता है. देव गुरु बृहस्पति को प्रसन्न करने के लिए लोग कई ख़ास कार्य करवाते है, …

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06 जून 2018 का राशिफल : आज बना है विष्कुंभ योग, जानिए कैसा गुजरेगा आज का दिन 

06 जून 2018 का राशिफल : आज बना है विष्कुंभ योग, जानिए कैसा गुजरेगा आज का दिन 

मेष: आज आपको शासन द्वारा सम्मानित किए जाने की संभावना है। यदि आप किसी व्यक्ति, बैंक या संस्था से ऋण लेना चाहें तो कदापि न लें। आज पत्नी पक्ष से उत्तम सहयोग प्राप्त हो सकता है। रात्रि का समय आमोद-प्रमोद …

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सपने में निर्वस्त्र स्त्री दिखने का मतलब है इस बात का संकेत

दुनिया में अगर सबसे खूबसूरत चीज है तो वो है रात में देखा गया सपना, रात में देखा हुआ सपना हमें एक ऐसी दुनिया में ले जाता है जिसकी हम कभी कल्पना भी नहीं कर सकते है. लेकिन क्या आप ये जानते है कि रातों में आये हुए सपने हमेशा हमें किसी न किसी बात का संकेत दे जाते है लेकिन कुछ लोग इन सपनों को बहुत हल्के में ले लेते है. आज हम आपको बताएँगे सपने से जुड़ी कुछ ऐसी बातें जिन्हें सुनने के बाद आप हैरान हो जायेंगे. ज्योतिषशास्त्रों के मुताबिक सपने में बिल्ली दिखना अशुभ माना गया है. बिल्ली का सपने में आना मतलब इस बात का संकेत है कि आपके साथ कोई विश्वासघात करने वाला है. अगर आपके सपने में मकोड़े आते है तो आपके जीवन में जल्द ही कोई कष्ट आने वाला है यही नहीं बल्कि आप सपनें में जितने अधिक मकोड़े देखते हैं, आपको उतनी ज्यादा समस्याओं का सामना करना होगा. इसके अलावा अगर आप सपने में चूहों को कपड़े कुतरते देखते है तो आपको बहुत सतर्क रहने की जरुरत है क्योंकि सपने में चूहे दिखना इस बात का संकेत है कि जल्दी ही आप अपने किसी दोस्त के साथ घोटाले में शामिल होने वाले हैं जो आपकी ज़िंदगी बर्बाद कर सकता है. सपने में किसी स्त्री का निर्वस्त्र दिखना भी बुरा संकेत है इसका मतलब आप मृत्यु के बेहद नजदीक है. इसके अलावा अगर आप सपने में ढोल नगाड़े देखते है तो यह परिवार में किसी की मृत्यु का संकेत माना जाता है.

दुनिया में अगर सबसे खूबसूरत चीज है तो वो है रात में देखा गया सपना, रात में देखा हुआ सपना हमें एक ऐसी दुनिया में ले जाता है जिसकी हम कभी कल्पना भी नहीं कर सकते है. लेकिन क्या आप …

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कुंभ मेला 2018: शाही स्नान के समय बजेंगे कुम्भ के थीम सांग

कुम्भ मेले के दौरान शाही स्नान की शुभ बेला पर पूरे मेला क्षेत्र में आध्यात्मिक गीत बजेंगे। इस गीत की खासियत होगी इसमें कुम्भ, संत और अखाड़ों के महात्म बताया जाएगा। इसके लिए पर्यटन विभाग तैयारी कर रहा है। कुम्भ की थीम पर धुन और गीत तैयार करने के लिए इस वक्त देश के बड़े कलाकारों के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों से बात की जा रही है। सभी को बताया जा रहा है कि वे ऐसे गीत ही बनाएं जिसमें भारतीय संस्कृति के दर्शन हो। फिलहाल ऐसे लोगों के सुझावों, गीतों व धुनों को लिया जा रहा है। इसमें से सबसे अच्छी थीम को चुना जाएगा। जिसे हर शाही स्नान के दौरान बजाया जाएगा। क्या है उद्देश्य इसका उद्देश्य है कि आने वाले श्रद्धालुओं के साथ ही आसपास के लोग भी कुम्भ से जुड़ें। कुम्भ के विहंगम दृश्य को देखें व इसके महात्म को समझें। इसका अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार व प्रसार किया जाएगा। वर्जन हमारे पास प्रस्ताव आ रहे हैं। हमने ऐसे तमाम लोगों से बात की है। मेले में दर्शन और अध्यात्म का माहौल रहेगा। इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय कलाकारों से बात की जा रही है। जिसकी धुन और गीत सबसे अच्छे होंगे उनका चयन किया जाएगा। -डॉ. रीता बहुगुणा जोशी, पर्यटन मंत्री अध्यक्ष अखाड़ा परिषद के महंत नरेंद्र गिरि, इस मौके पर कहा, 'हमारे पास पयर्टन विभाग के लोग आए थे। उन्होंने कुछ गीत और धुन सुनाए। अच्छा प्रयास है। लेकिन उसमें कुछ संशोधन की जरूरत थी। उनके गीत में अखाड़ा, संत और कुम्भ नहीं था। हमने इसमें संशोधन के लिए कहा है।'

कुम्भ मेले के दौरान शाही स्नान की शुभ बेला पर पूरे मेला क्षेत्र में आध्यात्मिक गीत बजेंगे।  इस गीत की खासियत होगी इसमें कुम्भ, संत और अखाड़ों के महात्म बताया जाएगा। इसके लिए पर्यटन विभाग तैयारी कर रहा है। कुम्भ …

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