कारोबार

महंगाई का ट्रिपल अटैक, पेट्रोल-सब्जी के बाद अब EMI भी महंगी

पिछले कुछ समय से महंगाई लगातार आम आदमी की जेब पर हमला कर रही है. पहले पेट्रोल और डीजल की बेतहाशा बढ़ती कीमतों के तौर पर यह सामने आया. इसके बाद सब्ज‍ियों के दाम बढ़ने से भी आम आदमी की जेब पर बोझ पड़ा. अब भारतीय रिजर्व बैंक के रेपो रेट में बढ़ोतरी से आम आदमी के लिए परेशानी बढ़ी है. पिछले काफी समय से पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. देश में पेट्रोल ने पहली बार 85 का आंकड़ा पार कर लिया है. डीजल भी 72 रुपय के पार पहुंचा हुआ है. कच्चे तेल में नरमी आने के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतों में थोड़ी राहत मिलनी तो शुरू हो गई है. लेकिन यह राहत अभी ना के बराबर है. जिस रफ्तार से पेट्रोल के दाम में बढ़ोतरी हो रही थी, उसके मुकाबले इसकी कीमतों में आ रही गिरावट काफी कम है. पिछले 8 दिनों में पेट्रोल के दाम में 70 पैसे के करीब गिरावट आई है. पेट्रोल और डीजल के स्तर पर थोड़ी राहत मिलनी शुरू ही हुई थी कि इस बीच राष्ट्रीय किसान महासंघ ने 10 दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल की घोषणा कर दी. 1 जून से शुरू हुई इस हड़ताल की वजह से शहरों में सब्ज‍ियों के दाम बढ़ने लगे हैं. दरअसल किसानों की तरफ से आपूर्ति कम किए जाने की वजह से दामों में बढ़ोतरी हो रही है. इसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ रहा है. महंगाई का तीसरा झटका बुधवार को आरबीआई ने दिया है. भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 25 बेस‍िस पॉइंट की बढ़ोतरी की है. इसके साथ ही आरबीआई ने बैंकों के लिए ब्याज दरें बढ़ाने का रास्ता साफ कर दिया है. इसके बाद तय है कि बैंक लोन की ब्याज दरों में बढ़ोतरी करेंगे. इसका सीधा असर आम आदमी की लोन ईएमआई पर पड़ेगा. उसे अब पहले के मुकाबले हर महीने ज्यादा पैसे ईएमआई के तौर पर चुकाने पड़ेंगे.

पिछले कुछ समय से महंगाई लगातार आम आदमी की जेब पर हमला कर रही है. पहले पेट्रोल और डीजल की बेतहाशा बढ़ती कीमतों के तौर पर यह सामने आया. इसके बाद सब्ज‍ियों के दाम बढ़ने से भी आम आदमी की …

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भारतीय बाजार पर विदेशी निवेशकों का भरोसा घटा, 10 साल में निकाले सबसे ज्यादा पैसे

क्रूड ऑयल की बढ़ी कीमतों के अलावा करंसी और करंट अकाउंट डिफिसिट के प्रभाव का असर भारतीय कैपिटल मार्केट पर देखने को मिल रहा है. दरअसल, फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (एफपीआई) ने अप्रैल और मई के बीच पिछले 10 सालों में भारतीय बाजार से सबसे ज्यादा पैसे निकाले हैं.  क्या कहते हैं आंकड़े अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक साल 2018 के शुरुआती पांच महीनों में विदेशी निवेशकों ने 4.4 बिलियन डॉलर यानी करीब 32,078 करोड़ रुपए भारतीय कैपिटल मार्केट से निकाले हैं. अप्रैल में विदेशी निवेशकों के भारतीय मार्केट से पैसे निकालने का आंकड़ा 2.35 बिलियन डॉलर यानी करीब 15,561 करोड़ रुपए रहा. जबकि मई में यह आंकड़ा 4.4 बिलियन डॉलर यानी 29,775 करोड़ रुपए पर पहुंच गया. 10 सालों का उच्चतम स्तर भारतीय कैपिटल मार्केट से विदेशी निवेशकों के पैसे निकालने का यह आंकड़ा 10 सालों का उच्चतम स्तर है. इससे पहले 2008 में विदेशी निवेशकों ने भारतीय कैपिटल मार्केट से 9.3 बिलियन डॉलर यानी करीब 41,216 करोड़ रुपए निकाले थे. वहीं 2016 में दूसरी बार एफपीआई की रकम बढ़ी लेकिन तब आंकड़ा 3.19 बिलियन डॉलर यानी 23,079 करोड़ रुपए था. 2008 में ग्लोबल फाइनेंशल क्राइसिस का असर भारतीय कैपिटल मार्केट पर पड़ा था और यही वजह थी कि विदेशी निवेशकों ने पैसे निकाले थे. हालांकि इस बार का विदेशी निवेशकों का आउटफ्लो 2008 के आंकड़ों से बिल्कुल अलग है. इन्वेस्टर्स द्वारा 2018 में सिर्फ 5 फीसदी यानी करीब 1,599 करोड़ रुपए इक्विटी मार्केट से निकाले गए हैं. जबकि 2008 में 52,987 करोड़ रुपए इक्विटी मार्केट से निकाले गए थे. क्या कहते हैं एक्सपर्ट इस बारे में कोटक महिंद्रा एएमसी के मैनेजिंग डायरेक्टर नीलेश शाह ने बताया, 'भारत आज बॉन्ड इंडेक्स का हिस्सा नहीं रह गया है. यहां विदेशी निवेश अच्छे समय में आता है और बुरे समय में वापस चला जाता है. विदेशी निवेशक हमारे अच्छे वक्त के दोस्त हैं.' उन्होंने कहा कि जब हमें उनकी जरूरत नहीं होती, तब वे थोक के भाव आते हैं. जब हमें उनकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है, तब वे यहां से चले जाते हैं. बॉन्ड इंडेक्स का हिस्सा बनने पर हमें अपने डेट मार्केट के लिए लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट हासिल करने में मदद मिलेगी.

क्रूड ऑयल की बढ़ी कीमतों के अलावा करंसी और करंट अकाउंट डिफिसिट के प्रभाव का असर भारतीय कैपिटल मार्केट पर देखने को मिल रहा है. दरअसल, फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (एफपीआई) ने अप्रैल और मई के बीच पिछले 10 सालों में …

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पेट्रोल 9वें दिन भी हुआ सस्ता, आज इतनी मिली आपको राहत

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती का सिलसिला 9वें दिन भी जारी है. गुरुवार को पेट्रोल 9 पैसे और डीजल 7 पैसे सस्ता हुआ है. पिछले 8 दिनों से लगातार ईंधन की कीमतों में कटौती हो रही है, लेकिन यह ज्यादा राहत देने वाली साबित नहीं हो रहा है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट का फायदा पेट्रोल और डीजल की कीमतें घटने के तौर पर मिल रहा है. इस कटौती के बाद चार महानगरों की बात करें, तो सबसे सस्ता पेट्रोल फिलहाल दिल्ली में मिल रहा है. दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल 77.63 रुपये प्रति लीटर का मिल रहा है. वहीं, डीजल यहां 68.73 प्रति लीटर पर बना हुआ है. हालांकि मुंबई में अभी भी यह 85 रुपये के स्तर पर काबिज है. गुरुवार को हुई कटौती के बाद यहां एक लीटर पेट्रोल 85.45 रुपये प्रति लीटर का मिल रहा है. डीजल की बात करें तो वह 73.17 रुपये प्रति लीटर पर है. 19 दिन तक लगातार कीमतों में बढ़ोतरी के बाद पिछले 9 दिनों से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती का स‍िलस‍िला जारी है. हालांकि कीमतों में मिल रही यह राहत काफी कम है. पिछले 9 दिन में राजधानी दिल्‍ली में पेट्रोल 80 पैसे और डीजल 58 पैसे प्रति लीटर सस्ता हुआ है. कर्नाटक चुनाव से पहले और उसके बाद जिस रफ्तार से पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़े थे, उसके मुकाबले इनकी कीमतों में गिरावट काफी कम है.

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती का सिलसिला 9वें दिन भी जारी है. गुरुवार को पेट्रोल 9 पैसे और डीजल 7 पैसे सस्ता हुआ है. पिछले 8 दिनों से लगातार ईंधन की कीमतों में कटौती हो रही है, लेकिन …

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एचसीएल को 2000 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार की उम्मीद

एचसीएल को 2000 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार की उम्मीद

सरकारी कॉपर निर्माता हिन्दुस्तान कॉपर लि. (एचसीएल) को चालू वित्त वर्ष में 2,000 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार की उम्मीद है. कंपनी अपनी खानों में तांबे के रिजर्व का आकलन करने के लिए अन्वेषण पर ध्यान दे रही है.  …

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डॉलर के मुकाबले शुरुआती कारोबार में रुपया 11 पैसे मजूबत

डॉलर के मुकाबले शुरुआती

निर्यातकों की ताजा बिकवाली और घरेलू शेयर बाजार में शुरुआती बढ़त के बीच आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक के नतीजों से पहले शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया 11 पैसे मजबूत होकर 67.04 रुपये प्रति डॉलर पर …

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पेट्रोल के दाम 11 पैसे और डीजल के दाम में 8 पैसे प्रति लीटर की कमी की गई, जानें आज का रेट

पेट्रोल के दाम 11 पैसे और डीजल के दाम में 8

देश में अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के गिरते दामों का असर भारतीय बाजार पर जारी है. आज लगातार आठवें दिन पेट्रोल और डीजल के दाम कम किए गए हैं. बुधवार  को पेट्रोल के दाम में 11 पैसे और डीजल के …

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भारत की विकास दर 2018-19 में 7.3 फीसदी रहने का अनुमान : विश्व बैंक

भारत की विकास दर 2018-19 में

विश्व बैंक का अनुमान है कि भारत विश्व की सबसे तेज गति से बढ़ रही अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी स्थिति को कायम रख सकता है. विश्व बैंक का कहना है कि इस वित्त वर्ष भारत की विकास दर 7.3 …

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आईपीएल सट्टेबाजी के बाद इस घोटाले में फंसे शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा!

अरबाज ने कबूली सट्टेबाजी की बात इससे पहले आईपीएल में कथित तौर पर सट्टेबाजी के मामले में बॉलीवुड अभिनेता और फिल्म निर्माता अरबाज खान ने पुलिस के सामने आईपीएल में सट्टेबाजी के गुनाह को कबूल किया था. अरबाज ने यह भी माना था कि सट्टेबाजी के कारण उन्हें करोड़ों का नुकसान हुआ है. अरबाज ने बुकी सोनू जालान के साथ रिश्तों की बात भी कबूल की है. पूछताछ में अरबाज ने बताया कि उन्होंने पिछले साल आईपीएल के मैचों में सट्टा लगाया था और 2.75 करोड़ रुपए हारे थे. आपको बता दें कि पिछले दिनों बिटकॉइन घोटाले से जुड़े मुख्य आरोपी अमित भारद्वाज को पुणे से गिरफ्तार किया गया था. ईडी को बिटकॉइन के जरिए 2000 करोड़ रुपये का घोटाले होने का शक है. क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन की शुरुआत जनवरी 2009 में हुई थी. यह किसी एक देश की करेंसी नहीं है. डिजिटल करेंसी होने के कारण इसे किसी बैंक में नहीं रखा जाता.

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बिजनेसमैन राज कुंद्रा को पूछताछ करने के लिए समन किया है. राज कुंद्रा बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति हैं. कुंद्रा से ईडी बिटकॉइन घोटाले के बारे में पूछताछ करेगी. दूसरी तरफ खबर है कि कुंद्रा ईडी के मुंबई स्थित …

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ब्याज दरें बढ़ना तय, बुधवार को नहीं तो अगस्त में ही सहीः विश्लेषक

रिजर्व बैंक जनवरी, 2014 के बाद पहली बार नीतिगत ब्याज दरों में इजाफा करने वाला है। विश्लेषकों का कहना है कि बुधवार को यदि इसकी घोषणा नहीं की गई तो अगस्त में पक्के तौर पर ऐसा होगा। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज प्राइमरी डीलरशिप के मुख्य अर्थशास्त्री ए. प्रसन्ना ने कहा, "हालांकि हमने अनुमान लगाया था कि रेपो रेट में पहली वृद्घि अगस्त में की जाएगी, लेकिन अब हमें लगता है कि एमपीसी जून में ही ऐसा करने जा रही है।" आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक सोमवार को शुरू हो गई और इस बार यह दो दिन की जगह तीन दिन तक चलेगी। आशंका के मुताबिक यदि ब्याज दरें बढ़ा दी जाती हैं, तो देश की आर्थिक विकास दर पर इसका नकारात्मक असर हो सकता है। यह मामला इसलिए गंभीर साबित होगा कि नवंबर, 2016 के बाद से लगातार कमजोरी के बाद जनवरी-मार्च तिमाही में अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटती नजर आई और विकास दर 7.7 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई। देश की अर्थव्यवस्था पर पहले नोटबंदी और फिर अप्रत्यक्ष करों की नई प्रणाली जीएसटी लागू होने का गहरा असर हुआ, लेकिन धीरे-धीरे चीजें सामान्य होने लगीं। अब यदि ब्याज दरें बढ़ाई जाती हैं तो एक बार फिर विकास दर में गिरावट आ सकती है। हालात ने बिगाड़ा माहौल केंद्रीय बैंक की चिंता दूसरी है। महंगाई एक हद तक काबू में रहने और अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए रेपो रेट लंबे समय से 6 फीसदी के निचले स्तर पर रखा गया है। लेकिन, अब महंगाई एक बार फिर बढ़ने लगी है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें तेजी से बढ़ने के बाद पेट्रोल और डीजल जैसे आम जरूरत के ईंधन महंगे होने से मुद्रास्फीति का दबाव आगे और बढ़ने की आशंका है। कच्चा तेल महंगा होने के कारण इसका आयात करने वाली कंपनियों की तरफ से डॉलर की मांग बढ़ी है। इसका सीधा असर रुपए की विनियम दर पर हुआ। मसलन, 2018 में भारतीय रुपया एशिया की सबसे कमजोर प्रदर्शन करने वाली करेंसी हो गई, जो पिछले साल एशिया की सबसे मजबूत प्रदर्शन करने वाली करेंसी थी। अचानक बदला अनुमान जनवरी-मार्च तिमाही के लिए सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) के आंकड़े आने से पहले रॉयटर्स की तरफ से कराए गए एक सर्वे में हिस्सा लेने वाले 60 में से 40 फीसदी प्रतिभागियों ने अनुमान लगाया था कि बुधवार को नीतिगत ब्याज दरें बढ़ाने की घोषणा की जाएगी, जबकि 44 में से करीब 70 फीसदी का कहना था कि अगस्त में ऐसा होगा। इससे पहले अप्रैल में किए गए सर्वे में मोटे तौर पर अंदाजा लगाया था कि 2019 की दूसरी छमाही से पहले ब्याज दरें नहीं बढ़ाई जाएंगी। असल में वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही के लिए जीडीपी के शानदार आंकड़े आने के बाद करीब-करीब तय माना जा रहा है कि रेपो रेट अनुमान से पहले बढ़ा दिया जाएगा क्योंकि यह फिलहाल नवंबर, 2010 से लेकर अब तक के सबसे निचले स्तर पर है। आशंका के 3 बड़े कारण - जनवरी-मार्च तिमाही में विकास दर 7.7 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई। - रेपो रेट नवंबर, 2010 से लेकर अब तक के सबसे निचले स्तर पर है। - रुपया इन दिनों एशिया की सबसे कमजोर प्रदर्शन करने वाली करेंसी है।

रिजर्व बैंक जनवरी, 2014 के बाद पहली बार नीतिगत ब्याज दरों में इजाफा करने वाला है। विश्लेषकों का कहना है कि बुधवार को यदि इसकी घोषणा नहीं की गई तो अगस्त में पक्के तौर पर ऐसा होगा। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज प्राइमरी …

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गिरावट के साथ खुला शेयर बाजार, सेंसेक्स 86 अंक नीचे

मंगलवार के कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई है। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स गिरावट के साथ खुला और 80 अंक फिसलकर 34930 के स्तर पर कारोबार करता दिखा वहीं निफ्टी 28 अंकों की कमजोरी के साथ 10600 के स्तर पर नजर आया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर मिडकैप इंडेक्स में 0.16 फीसद की बढ़त और स्मॉलकैप में 0.52 फीसद की गिरावट देखने को मिल रही है। वैश्विक बाजार का हाल अंतरराष्ट्रीय बाजार में मिले जुले संकेत देखने को मिल रहे हैं। जापान का निक्केई 0.10 फीसद की बढ़त के साथ 22497 के स्तर पर, शांघाई 0.18 फीसद की बढ़त के साथ 3096 के स्तर पर, हैंगसैंग 0.01 फीसद की बढ़त के साथ 31002 के स्तर पर और तायवान का कोस्पी 0.16 फीसद की गिरावट के साथ 2443 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। सेक्टोरियल इंडेक्स की बात करें तो ऑटो, मेटल और पीएसयू शेयर्स गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। सबसे ज्यादा बिकवाली पीएसयू शेयर्स में देखने को मिल रही है। बैंक (0.02 फीसद), फाइनेंशियल सर्विस (0.01 फीसद), एफएमसीजी (0.08 फीसद), आईटी (0.22 फीसद), फार्मा (0.25 फीसद) और रियल्टी (0.02 फीसद) की बढ़त देखने को मिल रही है।

मंगलवार के कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई है। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स गिरावट के साथ खुला और 80 अंक फिसलकर 34930 के स्तर पर कारोबार करता दिखा वहीं निफ्टी 28 अंकों की कमजोरी के साथ …

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