कारोबार

इंक्रीमेंट पाने वाले एकलौते बैंकर बने उदय कोटक, सैलरी में हुई 11 फीसद की बढ़ोतरी

कोटक महिंद्रा बैंक के एमडी उदय कोटक, देश के एकमात्र वैसे बैंकर हैं, जिनके वेतन में बढ़ोतरी हुई है। कोटक महिंद्रा बैंक की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक प्रबंध निर्देशक (एमडी) उदय कोटक का वेतन मार्च 2017 के अंत में 2.63 करोड़ …

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सरकारी बैंकों में ED पद पर नियुक्ति के लिए बैंक बोर्ड ब्यूरो ने सुझाए 22 नाम

बैंक बोर्ड ब्यूरो (बीबीबी) ने सरकारी बैंकों में एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर (ईडी) के पद पर नियुक्ति के लिए 22 नामों की सिफारिश की है। बीबीबी, उच्च स्तरीय बोर्ड नियुक्ति के लिए उम्मीदवारों के चयन हेतु सरकार की ओर से गठित एक …

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नीरव मोदी की बढ़ी मुसीबत, आधा दर्जन भारतीय पासपोर्ट रखने के आरोप में नई एफआईआर दर्ज

पंजाब नेशनल बैंक के साथ करीब 13 हजार करोड़ रुपये का कर्ज घोटाला करने के आरोप में फरार चल रहे हीरा कारोबारी नीरव मोदी के लिए मुसीबत और बढ़ गई है। जांच एजेंसियों के सामने मोदी के कम से कम …

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उद्योग जगत ने बनाया दबाव, डायरेक्ट सेलिंग कानून की बढ़ी मांग

एक सवाल के जवाब में सरदाना ने बताया कि डायरेक्ट सेलिंग (बिक्री) को रेगुलेशन की जरूरत है, जो पुख्ता कानून से संभव है। कानून बनाने से इस क्षेत्र में लोगों का भरोसा बढ़ेगा। कानून बनाने से डायरेक्ट सेलिंग यानी उत्पादक कंपनियों और उपभोक्ता के बीच सीधी खरीद-बिक्री को नियमों के दायरे में लाना संभव हो सकेगा।

डायरेक्ट सेलिंग कानून पर अमल को लेकर उद्योग जगत ने सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। उद्योग जगत ने उपभोक्ता मामले मंत्रालय से राज्यों में इसे लागू कराने का आग्रह किया है। उद्योग संगठन एसोचैम का दावा है …

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दो महीने बाद मुश्किल हो जाएगा ईरान से तेल खरीदना

आने वाले दिनों में भारतीय तेल कंपनियों के लिए ईरान से तेल खरीदना मुश्किल हो सकता है। भुगतान की व्यवस्था संभालने वाले भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) ने तेल रिफाइनरियों को जानकारी दी है कि नवंबर से यूरो में भुगतान का रास्ता बंद हो जाएगा। ईरान पर अमेरिका की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों के प्रभावी होने से यह समस्या आएगी। पिछले महीने ईरान के साथ ऐतिहासिक परमाणु समझौते से पीछे हटते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 180 दिन में ईरान पर पुन: प्रतिबंध प्रभावी होने का एलान किया था। अमेरिका की ओर से प्रतिबंध की घोषणा के बाद से ही सरकार के स्तर पर यूरोपीय देशों से इस बारे में बातचीत हो रही है कि ईरान से तेल खरीदने का कारोबार आगे भी चलता रहे। हालांकि अब तक इस दिशा में सफलता के संकेत नहीं मिले हैं। सरकारी क्षेत्र की दो तेल कंपनियों इंडियन ऑयल और भारत पेट्रोलियम (बीपीसीएल) ने एसबीआइ की तरफ से भुगतान की समस्या पर निर्देश मिलने की बात कही है। एसबीआइ ने बताया है कि तीन नवंबर, 2018 के बाद से ईरान से खरीदे गए तेल का भुगतान यूरोपीय मुद्रा यूरो में करने का रास्ता खुला नहीं रहेगा। अभी तेल कंपनियां एसबीआइ को भुगतान करती हैं। फिर एसबीआइ जर्मनी स्थित यूरोपीश-ईरानीश हैंडल्सबैंक एजी के जरिये यूरो में ईरान को भुगतान करता है। ईरान से ज्यादा तेल नहीं खरीद सकेगा भारत यह भी पढ़ें भुगतान की वर्तमान व्यवस्था के हिसाब से अगस्त के आखिर से ही ईरान से तेल आयात प्रभावित हो जाएगा। माना जा रहा था कि यूरोपीय देशों की मदद से भुगतान की व्यवस्था जारी रखी जा सकती है। इस बारे में भारत का एक दल पिछले दिनों यूरोपीय देशों की यात्र पर भी गया था। लेकिन लगता है कि एसबीआइ इस बारे में फिलहाल कोई जोखिम लेने को तैयार नहीं है। सरकारी तेल कंपनियों के बड़े अधिकारियों ने दैनिक जागरण को बताया कि अमेरिकी प्रतिबंध लागू होने के बाद से ही वह ईरान के तेल विकल्प के तौर पर दूसरे देशों से बात कर रहे हैं। भारत इस वर्ष ईरान से ज्यादा तेल खरीदने की तैयारी कर रहा था। भारत ईरान का दूसरा सबसे बड़ा तेल खरीदार देश है, जबकि भारत के लिए ईरान तीसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता देश है। अब ईरान की कमी सऊदी अरब, रूस और अमेरिका से पूरी की जा सकती है। तेल आयात कटौती से ईरान खफा, घटाई भुगतान की मियाद यह भी पढ़ें यह भी हो सकता है कि ईरान अभी भारत को क्रेडिट पर कच्चा तेल बेचे और बाद में जब सुधर जाएं तो वह उसका भुगतान लेने को तैयार हो जाए। ऐसा वर्ष 2012 में भी हुआ था। तब भारत ने ईरान से आयातित तेल के एक हिस्से का भुगतान अनाज के जरिये किया था। बची हुई राशि का भुगतान कुछ वर्ष बाद किया गया। एक अन्य विकल्प यह है कि ईरान कुल भुगतान का कुछ हिस्सा भारतीय रुपये में स्वीकार कर ले। भारत और ईरान के बीच सीधे बैंकिंग रिश्ते नहीं होने की वजह से ही यह समस्या कुछ गंभीर हो रही है।

आने वाले दिनों में भारतीय तेल कंपनियों के लिए ईरान से तेल खरीदना मुश्किल हो सकता है। भुगतान की व्यवस्था संभालने वाले भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) ने तेल रिफाइनरियों को जानकारी दी है कि नवंबर से यूरो में भुगतान का …

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जान लीजिए इसकी पूरी ABCD,टर्म इंश्योरेंस आखिर क्यों है जरूरी

जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि टर्म प्लान इंश्योरेंस पॉलिसी का सबसे विशुद्ध स्वरूप होता है। जीवन बीमा लेने का सबसे सरल तरीका टर्म इंश्योरेंस ही होता है। इसमें बीमा लेने वाला व्यक्ति एक निश्चित समय तक प्रीमियम का भुगतान करता रहता है। यदि निश्चित अवधि के दौरान बीमाधारक की मृत्यु हो जाती है तो सम एश्योर्ड या एक मुश्त राशि उसके परिवार या नॉमिनी को दे दी जाती है। टर्म प्लान में हर साल मामूली प्रीमियम देने के बाद आपको कुछ विशेष सालों के लिए कवर उपलब्ध करवाया जाता है। आमतौर पर टर्म पॉलिसी 10 साल,15 साल, 20 साल, 25 साल और 30 सालों के लिए ली जाती हैं। जानिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का क्लेम रिजेक्ट होने की बड़ी वजह यह भी पढ़ें उदाहरण से समझिए: अगर आपने 15 साल की समय अवधि के लिए 55 लाख रुपए का टर्म इंश्योरेंस खरीदा है। इसके लिए आपको हर साल 4 हजार रुपए का प्रीमियम भुगतान बीमा कंपनी को करना है। वहीं अगर इस पॉलिसी की मैच्योरिटी के दौरान बीमाधारक मृत्यु हो जाती है तो आपके परिवार को यह 55 लाख रुपए की राशि दे दी जाएगी। लेकिन अगर 15 वर्षों तक आप स्वस्थ रहते हैं तो भुगतान किए गए प्रीमियम के बदले में आपको कुछ भी नहीं मिलेगा। कार ही नहीं घर का भी करवा सकते हैं इंश्योरेंस, जानिए इसके फायदे यह भी पढ़ें टर्म इंश्योरेंस प्लान के दो बड़े फायदे: अगर पॉलिसी के मैच्योरिटी पीरियड के दौरान ही पॉलिसीधारक की मृत्यु हो जाती है तो कवर की पूरी राशि उसके नॉमिनी को दे दी जाती है। टर्म प्लान के तहत चुकाया जाने वाला प्रीमियम आयकर की धारा 80सी के तहत कर मुक्त होता हैं। क्यों जरूरी होता है टर्म इंश्योरेंस? टर्म इंश्योरेंस परिवार के मुखिया की मृत्यु हो जाने के बाद भी परिवार को वित्तीय संकट से सुरक्षित रखता है। घर का मुखिया परिवार में आय का मुख्य स्रोत होता है। उस व्यक्ति की मृत्यु या गंभीर बीमारी से उसके अक्षम हो जाने के बाद अक्सर परिवार में अन्य सदस्यों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अगर पर्याप्त राशि का टर्म इंश्योरेंस लिया गया है परिवार की आर्थिक सेहत पर कोई असर नहीं पड़ता है। साथ ही उन्हें नियमित आय का सहारा रहता है। टर्म इंश्योरेंस के अंतर्गत गंभीर बीमारी, अकस्मात मृत्यु, स्थायी बीमारी जैसी चीजें आती हैं। कई कंपनियां परिवार के सदस्यों को टर्म इंश्योरेंस में नियमित आय का भी विकल्प देती हैं।

इन दिनों टेलिवजन पर एक एड तेजी से पॉपुलर हो रहा है। इस एड में बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार यमराज बनकर टर्म इंश्योरेंस के फायदे गिनाते नजर आते हैं। आमतौर पर लोग सामान्य इंश्योरेंस को ही टर्म इंश्योरेंस मानने की …

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जानिए स्टेप बाई स्टेप प्रोसेस PAN कार्ड को अपडेट करने का

पैन कार्ड में किसी भी जानकारी को एनएसडीएल की ई-गवर्मेंट वेबसाइट टीआइएन डॉट एनएसडीएल डॉट कॉम के जरिए अपडेट या बदला जा सकता है। आपको बता दें कि पैन 10 अंकों का अल्फान्यूमैरिक पहचानकर्ता होता है। इसे आयकर विभाग जारी करता है। एनएसडीएल की वेबसाइट के मुताबिक सभी करदाताओं के लिए कर भुगतान और रिटर्न फाइलिंग के दौरान पैन का उल्लेख करना अनिवार्य है। जानकारी के लिए बता दें कि टीआईएन (टैक्स इंफोर्मेशन नेटवर्क) आयकर विभाग की एक पहल है जिसके जरिए प्रत्यक्ष करों को जमा, प्रोसेस, मॉनिटर और अकाउंटिंग करने की मौजूदा व्यवस्था को सूचना प्रौद्योगिकी के जरिए आधुनिक बनाया जा सके। टीआईएन के जरिए पैन कार्ड में पते को अपडेट या बदलवाया जा सकता है। जानिए स्टेप बाई स्टेप प्रोसेस- पैन में किसी भी जानकारी को अपडेट करने के लिए आवेदक को पैन डेटा फॉर्म रिक्वेस्ट फॉर न्यू पैन कार्ड या चेंजेस और करेक्शन इन पैन डेटा फॉर्म भरना जरूरी होता है। आवेदक को फॉर्म के सभी कॉलम भरने अनिवार्य होते हैं साथ ही पते में बदलाव के लिए फॉर्म में पते के आगे के बॉक्स में टिक करना होता है। ऑनलाइन फॉर्म की स्थिति में यह बॉक्स पहले से ही टिक होता है। आवेदक को यह स्पष्ट करना होता है कि यह पता उसका घर का है या फिर ऑफिस का। व्यक्तिगत और एचयूएफ (हिंदू अनडिवाइडेड फैमली) को छोड़कर सभी आवेदकों के लिए अनिवार्य होता है कि संपर्क करने के लिए ऑफिस का पता लिखें। अगर आवेदक कोई और पता अपडेट करना चाहता है तो उसे फॉर्म में ये जानकारी एक अतिरिक्त शीट में लिखकर फॉर्म के साथ अटैच करनी होती है। ऐसी स्थिति में आवेदक को एप्लिकेशन फॉर्म में आईटम नंबर 8 के आगे के बॉक्स में टिक करना होता है। आवेदक के लिए अपने पते का प्रमाण देना अनिवार्य होता है। अगर किसी और जगह का पता अपडेट करना है तो आवेदक को इसके लिए भी प्रमाण देना होगा। फॉर्म के साथ संबंधित डॉक्यूमेंट किसी भी एनएलडीएल टिन फैसिलिटेशन सेंटर या पैंन सेंटर के पास जमा किये जा सकते हैं।

पैन कार्ड में किसी भी जानकारी को एनएसडीएल की ई-गवर्मेंट वेबसाइट टीआइएन डॉट एनएसडीएल डॉट कॉम के जरिए अपडेट या बदला जा सकता है। आपको बता दें कि पैन 10 अंकों का अल्फान्यूमैरिक पहचानकर्ता होता है। इसे आयकर विभाग जारी …

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अपडेट करवाने से पहले जान लीजिए ये 5 बातें वरना आधार कार्ड में हो जायेगा खेल

यूआईडीएआई की ओर से दी जा रही सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए सब्सक्राइबर्स को अपना आधार डेटा अपडेटिड रखना चाहिए। अपने आधार डेटा में अड्रैस (पते) को बदलवाने के लिए यूआईडीएआई के पोर्टल पर आवेदन किया जा सकता है। यह सुविधा ऐसे आधारधारकों के लिए है जिन्होंने पहले से आधार के लिए एनरोल किया हुआ है। इस सुविधा को यूआईडीएआई के पोर्टल पर से चेक स्टेटस- अपडेशन डन ऑनलाइन से एक्सेस किया जा सकता है। इसके लिए यूजर को अपना आधार नंबर और अपडेट रिक्वेस्ट सीरियल नंबर डालना होता है। यूआईडीएआई का पोर्टल सब्सक्राइबर्स को उनकी ओर से पता बदलवाने की रिक्वेस्ट के स्टेटस को ट्रैक करने की सुविधा देता है। आधार में दर्ज मोबाइल नंबर को बदलवाने के लिए बायोमैट्रिक ऑथेंटिकेशन की जरूरत होती है। इसे घर बैठे पोस्ट या ऑनलाइन माध्यम से नहीं किया जा सकता। यह बात यूआईडीएआई के पोर्टल पर स्पष्ट की गई है। मोबाइल नंबर अपडेट या बदलवाने के लिए सब्सक्राइबर्स को एनरोलमेंट सेंटर जाना होगा। अगर सब्सक्राइबर आधार डेटा में अपना ईमेल आईडी भी अपडेट करवाना चाहता है तो इसके लिए उन्हें नजदीकी आधार एनरोलमेंट सेंटर जाना होगा।

आधार कार्ड सिस्टम में सब्सक्राइबर्स घर बैठे ऑनलाइन अपना पता अपडेट कर सकते हैं। इसके लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण की वेबसाइट यूआईडीएआई डॉट जीओवी डॉट इन पर जाना होगा। पते के अलावा अन्य जानकारी को अपडेट कराने के लिए …

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फजलुल्लाह पर US ने रखा था 32 करोड़ का इनाम, मलाला पर कराया था हमला

अमेरिका ने आतंकी संगठन तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान के सरगना मौलाना फजलुल्लाह को ड्रोन स्ट्राइक कर मार गिराया है. अमेरिकी सेना ने यह दावा किया है कि 13 जून को अफगानिस्तान-पाकिस्तान बॉर्डर पर कुनार प्रांत में आतंक विरोधी हमले में फजलुल्लाह मारा गया. आतंकी फजलुल्लाह अमेरिका की मोस्ट वांटेड आतंकियों की लिस्ट में था और उस पर करीब 32.5 करोड़ रुपये का इनाम था. अमेरिका के एक राज्य विभाग ने तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) पाकिस्तान प्रमुख मौलाना फजलुल्लाह की पहचान या उसका पता बताने वाले को 50 लाख डॉलर (32.5 करोड़ रुपये) के इनाम की घोषणा की थी. आतंकी फजलुल्लाह पाकिस्तान के प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का मुखिया था. टीटीपी को सितंबर 2010 में वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित कर उस पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. फजलुल्लाह कई आतंकी हमलों को अंजाम दे चुका था. उसी ने नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई पर हमला करवाया था. नवम्बर 2013 में फजलुल्लाह को तहरीक-ए-तालिबान का नेता चुना गया था. तहरीक-ए-तालिबान वही संगठन है जिसने पाकिस्तान के पेशावर में एक आर्मी पब्लिक स्कूल पर हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी. इस हमले में 134 बच्चे समेत करीब 151 लोगों की मौत हो गई थी. हाल के दिनों में पाकिस्तान में हुए ज्यादातक आंतकी हमलों के पीछे टीटीपी का ही हाथ था. फजलुल्लाह पाकिस्तान में कई खूनी हमले और साल 2010 में न्यूयॉर्क में टाइम्स स्क्वायर कार बम विस्फोट की कोशिश में शामिल था. पाकिस्तानी अधिकारियों के अनुसार कई आक्रामक अभियान के बाद तहरीक ए तालिबान को पाकिस्तान से खदेड़ दिया गया जिसके बाद फजलुल्लाह अफगानिस्तान में छिपा हुआ था. कई बार मारे जाने की खबर बता दें कि इससे पहले भी तालिबानी चीफ के मारे जाने की खबरें आती रही हैं, लेकिन वो सभी खबरें झूठी निकलीं. मार्च 2015 में खबर आई थी कि खैबर एजेंसी के तिराह घाटी में हुए हवाई हमलों में मारे जाने वालों में फजलुल्लाह भी शामिल है. लेकिन उसके बाद टीटीपी ने इसे अफवाह बताया था और कहा था कि उनका चीफ अभी जिंदा है. ठीक इसी तरह जून 2009 में भी फजलुल्लाह के मारे जाने की खबर आई थी.

अमेरिका ने आतंकी संगठन तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान के सरगना मौलाना फजलुल्लाह को ड्रोन स्ट्राइक कर मार गिराया है. अमेरिकी सेना ने यह दावा किया है कि 13 जून को अफगानिस्तान-पाकिस्तान बॉर्डर पर कुनार प्रांत में आतंक विरोधी हमले में …

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सड़क हादसे के पीडि़तों को मिलेगा 5 लाख रुपए का मुआवजा, मोटर व्‍हीकल एक्‍ट में हुआ संशोधन

केंद्र सरकार ने मोटर व्‍हीकल एक्‍ट, 1988 में संशोधन कर सड़क हादसे के पीड़ितों को दिए जाने वाले मुआवजे की राशि में बदलाव किया है. इस संशोधन के मुताबिक अब सड़क हादसे में मौत होने की स्थिति में थर्ड पार्टी क्‍लेम पर 5 लाख रुपए की मुआवजा राशि दिए जाने का प्रावधान किया गया है. दूसरी तरफ, इस संशोधन के मुताबिक पीड़ित व्यक्ति को मिलने वाली मुआवजे की राशि को तय करने के लिए एक नया फॉर्मूला तैयार किया गया है. यह फार्मूला है, मुआवजे की रकम = 5 लाखx कर्मचारी मुआवजा एक्ट, 1923 के शेड्यूल 1 के हिसाब से विकलांगता का प्रतिशत. अगर पीड़ित व्यक्ति स्‍थायी रूप से विकलांग हो गया है तो उसे किसी भी हालत में कम से कम 50 हजार रुपए का मुआवजा मिलेगा . हालांकि मामूली रूप से घायल होने की स्थिति में 25 हजार रुपए का मुआवजा दिया जाएगा. इस संशोधन को तत्‍काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है. अब अगर 22 मई से कोई भी थर्ड पार्टी मुआवजे के लिए क्‍लेम करता है, तो उसे इस नए संशोधन के मुताबिक मुआवजा दिया जाएगा. इस संशोधन के बाद जारी किए गए नोटिफिकेशन में बताया गया है कि 1 जनवरी, 2019 से सभी प्रकार के क्‍लेम के लिए मुआवजे की राशि में हर साल 5 फीसदी की बढ़ोतरी होगी . इसका मतलब यह हुआ कि 1 जनवरी 2019 से किसी सड़क दुर्घटना में जान जाने की स्थिति में मिलने वाले मुआवजे की राशि 5 फीसदी बढ़ जाएगी. इस प्रकार थर्ड पार्टी इंश्योरेंस वाले को 5,25,000 रुपए का मुआवजा मिलेगा. इसी तरह मामूली हादसे पर मुआवजे की राशि 25 हजार रुपए से बढ़कर 26,250 रुपए हो जाएगी.

केंद्र सरकार ने मोटर व्‍हीकल एक्‍ट, 1988 में संशोधन कर सड़क हादसे के पीड़ितों को दिए जाने वाले मुआवजे की राशि में बदलाव किया है. इस संशोधन के मुताबिक अब सड़क हादसे में मौत होने की स्थिति में थर्ड पार्टी …

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