बसपा सुप्रीमो मायावती के खिलाफ चुनाव आयोग में याचिका दाखिल की गई है। ये याचिका बीजेपी ने दायर की है। अपनी याचिका में बीजेपी ने आरोप लगाते हुए कहा है कि मायावती ने धर्म और जाति के आधार पर वोट मांगने की राजनीति की है। उनके खिलाफ FIR दर्ज करने और बीएसपी की मान्यता रद्द करने की भी मांग की गई है। ये याचिका भाजपा के प्रदेश कार्यकारणी सदस्य नीरज शंकर सक्सेना की ओर से दर्ज़ की गई है।उन्होंने कहा है कि मायावती ने सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ के फैसले के खिलाफ बयान जारी किया है। पीठ ने अपने फैसले में कहा था कि धर्म और जाति के आधार पर वोट नहीं मांग सकते।
शिकायत के मुताबिक, मायावती ने 3 जनवरी 2017 को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में लड़ने वाले प्रत्याशियों की सूची जारी की थी। उक्त सूची को मायावती ने धर्म और जाति के आधार पर विभाजित किया था। साथ ही मायावती ने बसपा की एक बुकलेट जारी कर कहा था कि मुसलमानों की सच्ची हितैषी बसपा है। आने वाले चुनाव में वह सपा को नहीं बसपा को वोट दें।
इस शिकायत में सक्सेना का कहना है कि ये सारी बातें जनप्रतिनिधि अधिनियम RP एक्ट के प्रावधान 125 के तहत अपराध है। लिहाजा चुनाव आयोग मायावती के खिलाफ FIR दर्ज कराए और उनकी पार्टी की सदस्यता रद्द करें।