भाजपा ने गुरुवार को बिहार भाजपा के नए अध्यक्ष की घोषणा की है। विधानपरिषद के सदस्य सम्राट चौधरी को बिहार भाजपा का नया अध्यक्ष बनाया गया है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सम्राट चौधरी को तत्काल प्रभाव से बिहार भाजपा का अध्यक्ष नियुक्त किया है। सम्राट चौधरी डॉ. संजय जायसवाल की जगह लेंगे।
कुशवाहा समाज से आते हैं सम्राट
भाजपा ने लोकसभा 2024 के चुनाव को देखते हुए सम्राट चौधरी को बिहार की कमान सौंपी है। जदयू से उपेंद्र कुशवाहा के अलग होने के बाद भाजपा ने कुशवाहा वोटों को साधने के लिए बड़ी चाल चल दी है। इसीलिए प्रदेश अध्यक्ष के पद पर सम्राट चौधरी की ताजपोशी की गई है।
पार्टी की इस पहल से माना जा रहा है कि नए अध्यक्ष सम्राट चौधरी के नेतृत्व में ही भाजपा 2024 का लोकसभा और 2025 का विधानसभा चुनाव लड़ेगी।
भाजपा ने लगातार तीसरी बार पिछड़े समाज से आने वाले नेता को प्रदेश अध्यक्ष बना कर बड़ा संदेश देने का काम किया है। निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल और वर्तमान में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय के बाद, पिछड़े समाज से तीसरे नेता को पार्टी ने लगातार प्रदेश अध्यक्ष बनाया है।
नगर विकास और पंचायती राज समेत कई विभागों के मंत्री रह चुके हैं सम्राट
सम्राट चौधरी के राजनीतिक जीवन की बात करें तो वो बिहार में लालू यादव, राबड़ी देवी, नीतीश कुमार और जीतन राम मांझी की सरकार में नगर विकास और पंचायती राज विभाग के अलावा कई विभागों के मंत्री रह चुके हैं।
पिता शकुनी चौधरी की भी राजनीति में पैठ
सम्राट चौधरी मूलतः मुंगेर जिले के लखनपुर के रहने वाले हैं। उनका खगड़िया से अटूट रिश्ता रहा है। उनकी राजनीतिक कर्मभूमि खगड़िया रही है। सम्राट के पिता शकुनी चौधरी खगड़िया के सांसद रह चुके हैं। सम्राट खुद खगड़िया जिले के परबत्ता विधान सभा से दो बार विधायक रह चुके हैं।
वे साल 2000 में पहली बार परबत्ता से विधायक चुने गए थे। हालांकि, साल 1990 से सक्रिय राजनीति में शामिल होने के साथ वे हमेशा से चर्चा में रहे हैं।
लालू सरकार में बने कृषि मंत्री पर छोड़ना पड़ा पद
19 मई 1999 को सम्राट चौधरी पहली बार मंत्री बने थे। लालू प्रसाद के शासनकाल में वे कृषि मंत्री बनाए गए थे लेकिन उम्र से अयोग्य होने के कारण उन्हें मंत्री पद छोड़ना पड़ा।
उन्होंने 2000 में पहली बार परबत्ता विधानसभा से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। हालांकि, बाद के चुनाव में उन्हें हार का समाना करना पड़ा था। 2010 में वे फिर से राजद से विधायक निर्वाचित हुए।
2010 में उन्हें बिहार विधानसभा में विपक्षी दल का मुख्य सचेतक बनाया गया। साल 2014 में वे राजद छोड़कर जदयू में शामिल हो गए। 2 जून 2014 को बिहार सरकार में शहरी विकास और आवास विभाग के मंत्री बनाए गए। फिर, जीतन राम मांझी की सरकार में भी मंत्री बने। उसके बाद वे भाजपा में शामिल हुए। 2018 में भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष बनाए गए थे।
नए अध्यक्ष को भाजपा नेताओं ने दी बधाई
सम्राट चौधरी के बिहार भाजपा के अध्यक्ष घोषित होने के बाद दल के विधायकों, विधान पार्षदों, पार्टी के नेताओं ने उन्हें बधाई दी है। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, भाजपा के एमएलसी अनिल शर्मा, निवेदिता सिंह, संजय पासवान, प्रदेश उपाध्यक्ष राधा मोहन शर्मा के अलावा विधान परिषद में प्रतिपक्ष के मुख्य सचेतक दिलीप ने चौधरी को शुभकामनाएं दी।