बीते रविवार को प्रधानमंत्री मोदी ने गंगा किनारे नमो घाट पर काशी-तमिल संगमम् का शुभारंभ किया। इस दौरान तमिल भाषा समझने वाले लोगों के लिए पीएम मोदी ने एआई टूल भाषिणी का इस्तेमाल किया है।
इस टूल की मदद से देश के वे लोग जो हिंदी भाषा ठीक तरह से समझ और बोल नहीं सकते, उन तक भी पीएम मोदी का संदेश पंहुचा।
ऐसे में हर दूसरे इंटरनेट यूजर के मन में भाषिणी को लेकर सवाल आए होंगे। आइए जल्दी से जान लेते हैं, यह टूल क्या है और कैसे काम करता है-
क्या है Bhashini
दरअसल, भाषिणी अलग-अलग भारतीय भाषाओं को समझने, बोलने और सुनने का जरिया है। यह एआई आधारित लैंग्वेज ट्रांसलेशन सिस्टम पर काम करता है। भाषिणी की मदद से अलग-अलग भारतीय भाषाओं के साथ ट्रांसलेशन की सुविधा मिलती है।
Digital India Bhashini को पीएम मोदी (PM Modi) ने 2022 में गुजरात में डिजिटल इंडिया सप्ताह के उद्घाटन के दौरान पेश किया था।
सभी भारतीयों तक इंटरनेट की पहुंच को आसान बनाने के लिए भाषिणी को पेश किया गया था। भाषिणी के साथ अलग-अलग भाषाओं में डिजिटल सर्विस को आसान बनाया जा रहा है।
कैसे करें भाषिणी का इस्तेमाल
भाषिणी का इस्तेमाल करने के लिए फोन में ऐप डाउनलोड कर सकते हैं। यह सुविधा एंड्रॉइड और आईओएस ऐप के साथ मौजूद है।
भाषा दान के साथ दें अपना सहयोग
भाषा दान के साथ भाषिणी प्लेटफॉर्म पर अलग-अलग भाषाओं से जुड़े इनपुट इकट्ठे किये जाते हैं। इस इनपुट के साथ एक बड़ा डेटाबेस तैयार होता है। इस डेटाबेस का इस्तेमाल कर एआई को ट्रेनिंग दी जाती है, ताकि ऐप का इस्तेमाल दूसरे यूजर्स बेहतर तरीके से कर सकें।
चार तरीकों से कर सकते हैं भाषा दान का इस्तेमाल
सुनो इंडिया– सुनो इंडिया के साथ ऑडियो कंटेंट को जोड़ा जा सकता है।
बोलो इंडिया– बोलो इंडिया के साथ अपनी आवाज में वॉइस रिकॉर्डिंग की जा सकती है।
लिखो इंडिया– लिखो इंडिया कैटेगरी के साथ टैक्स्ट को ट्रांसलेट करने मे सहयोग दे सकते हैं।
देखो इंडिया– देखो इंडिया के साथ इमेज को लेबल किया जा सकता है।