नई दिल्ली, भारत खिताबी मैच में ठोकर खाने से पहले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप जीतने के करीब था, लेकिन एक इकाई के रूप में दो साल की कड़ी मेहनत और प्रयास पूरी तरह सफल नहीं हुया। 2019 विश्व कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड से मिली हार का गम उस समय दो गुना हो गया, जब बदला लेने के चक्कर में भारतीय टीम उसी कीवी टीम से उसी देश में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल हार गई। उधर, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआइ के बॉस ने बताया है कि भारतीय टीम के विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के अभियान की सबसे बड़ी हाईलाइट क्या थी।
बीसीसीआइ के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने द वीक को दिए इंटरव्यू में कहा है, “मुझे लगता है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनकी सीरीज जीत मेरे लिए मुख्य आकर्षण थी। ऑस्ट्रेलिया हमेशा एक मजबूत टीम है, और उन्हें घर में हराना भारत द्वारा एक बड़ी उपलब्धि थी। प्रमुख खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी होने के बावजूद यह बहुत बड़ा था कि उनके प्रतिस्थापन खिलाड़ियों ने अहम योगदान दिया। भारत ने लगातार अच्छा खेला है और इसी वजह से वह फाइनल में खेले।” हालांकि, फाइनल में न्यूजीलैंड के हाथों भारतीय टीम को 8 विकेट से हार का सामना करना पड़ा।
वहीं, फाइनल में मिली हार के बाद कप्तान विराट कोहली ने कहा कि WTC के फाइनल के रूप में बेस्ट ऑफ थ्री फाइनल्स होना चाहिए। ऐसा ही बयान टीम के कोच रवि शास्त्री ने भी दिया था। वहीं, पूर्व कप्तान कपिल देव ने फाइनल से पहले इसी की वकालत की थी और अब सौरव गांगुली भी शायद यही चाहते हैं। इसी वजह से उन्होंने कहा है, “यह कहना जल्दबाजी होगी। इस सीजन को खत्म होने दें। आइसीसी कई चीजों पर गौर करेगी। इस स्तर पर, मैं कुछ भी कहने से पहले इंतजार करना पसंद करूंगा।”
उन्होंने आगे कहा, “यह निश्चित रूप से एक बहुत अच्छा कॉन्सेप्ट है। मुझे लगता है कि टेस्ट क्रिकेट क्रिकेट का सबसे बड़ा और मजबूत रूप है और इसका फाइनल होना चाहिए। जहां तक फाइनल के रूप में एकमात्र टेस्ट का सवाल है, यह पहला संस्करण है। भविष्य के लिए चीजों पर गौर किया जाएगा। आइसीसी को सभी हितधारकों से फीडबैक मिलेगा।” ऐसे में कहा जा सकता है कि बीसीसीआइ जरूर अगली मीटिंग में WTC के फाइनल के तौर पर बेस्ट ऑफ थ्री की वकालत करेगी।