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सरकारी बंगले में तोड़फोड़ के आरोपों के बीच अपने नए घर पहुंचे अखिलेश, ट्विटर पर वायरल हुई तस्वीर

सरकारी बंगला छोड़ने के बाद अखिलेश लखनऊ के वीवीआईपी गेस्ट हाउस में रह रहे थे।

सरकारी बंगले में तोड़फोड़ के विवाद के बीच सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने नए घर में प्रवेश किया। उन्होंने इसकी तस्वीरें ट्विटर पर भी साझा की। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रदेश के …

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एक कोतवाली में चार इंस्पेक्टर, मतलब एक म्यान में चार तलवार, डीजीपी के फैसले का विरोध हुआ शुरू

रिटायर्ड डीजीपी विक्रम सिंह का कहना है कि यह प्रयोग पूरी तरह सफल होगा, इस पर संशय है। अगर इसे लागू ही करना था तो पहले पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पूरब, पश्चिम व मध्य यूपी के एक-एक जिले में दो-तीन महीने के लिए करके देख लेना चाहिए था। इससे न सिर्फ कुछ नई चीजें सामने आतीं बल्कि कमियों को दूर करने का मौका भी होता। पूरे प्रदेश में 414 कोतवाली पर एक साथ इसे लागू करना जोखिम भरा, मगर साहसिक निर्णय है। इससे आउटपुट पर नकारात्मक फर्क पड़ेगा क्योंकि किसी भी इंस्पेक्टर की ख्वाहिश होती है कि वह थाने का प्रभारी बने। ऐसे में अगर उसे एडिशनल इंस्पेक्टर कानून-व्यवस्था, क्राइम या अपराध की जिम्मेदारी मिलती है तो वह अपने सीनियर की टांग खींचने या उसे फेल करने की अधिक कोशिश करेगा न कि आउटपुट देने की।

एक कोतवाली में चार इंस्पेक्टर की नियुक्ति के आदेश का पुलिस महकमे में अंदरूनी तौर पर विरोध शुरू हो गया है। हालांकि कोई खुलकर सामने नहीं आ रहा है, लेकिन चर्चा है कि इंस्पेक्टरों के एक बड़े वर्ग में ही …

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स्‍तनपान करवाकर बचाई जा सकती हैं जानें

पहले दो साल तक बच्चों को स्तनपान कराने से हर साल पांच साल तक की आयु के 8,20,000 से अधिक बच्चों की जाने बच सकती हैं. हाल ही में डब्ल्यूएचओ - यूनीसेफ ने ये जानकारी दी है. क्या कहना है डब्ल्यूएचओ का- स्तनपान को बढ़ावा देने के मकसद से ये जानकारी साझा की गई है. यूनीसेफ की कार्यकारी निदेशक हेनरीटा एच फोरे का कहना है कि स्तनपान कराने से आईक्यू , स्कूल जाने में तत्परता और उपस्थिति बेहतर होती है और यह वयस्क जीवन में उच्च आय से जुड़ा है. इससे मां को ब्रेस्ट कैंसर का खतरा भी कम होता है. उन्होंने कहा कि इससे दुनियाभर में स्तनपान की दरों में सुधार किया जा सकता है और बच्चों को जीवन में अच्छी शुरुआत दी जा सकती हैं. दिए गए हैं ये दिशा निर्देश- दिशा निर्देशों में स्तनपान की जगह दूसरे दूध के सीमित इस्तेमाल, ब्रेस्टफीडिंग, बोतल के इस्तेमाल पर अभिभावकों को शिक्षित करने और अस्पताल से मां - बच्चे को छुट्टी मिलने के बाद उन्हें सहयोग देने की सिफारिश भी की गई है.

पहले दो साल तक बच्चों को स्तनपान कराने से हर साल पांच साल तक की आयु के 8,20,000 से अधिक बच्चों की जाने बच सकती हैं. हाल ही में डब्ल्यूएचओ – यूनीसेफ ने ये जानकारी दी है. क्या कहना है …

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टूथपेस्ट जड़ से खत्म कर सकता है मलेरिया को ऐसे करे उपयोग

हाल ही में लंदन में एक शोध हुआ जिसमें पाया गया कि टूथपेस्ट, साबुन और डिटरजेंट से मलेरिया का इलाज हो सकता है. क्या कहती है रिसर्च- रिसर्च में पाया गया कि टूथपेस्ट, साबुन और डिटरजेंट में एक ऐसा तत्व ट्राइक्लोजन पाया जाता है जो मलेरिया के बैक्टीरिया को आसानी से मार सकता है. ये बैक्टीरिया मलेरिया के बैक्टीरिया की बढ़ोत्तरी को रोक देता है. मलेरिया दवा- मलेरिया के इलाज के लिए आने वाली दवाई पिरिमेथामाइन डीएचईआर पर हमला करती है. शोधकर्ताओं ने इस रिसर्च में ये साबित किया कि ट्राइक्लोजन मलेरिया के उन परजीवियों पर भी कारगर साबित हुआ जो पिरिमेथामाइन से लड़ने में सक्षम थे. क्या कहते हैं एक्सपर्ट- ब्राजील स्थित विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर और मुख लेखक एलिजाबेथ बिल्सलैंड ने कहा कि रोबोट वैज्ञानिक ईव की खोज कि ट्राइक्लोजन मलेरिया से लड़ने में सक्षम है, के बाद हमें यह उम्मीद जागी है कि इसे विकसित कर एक नई दवाई बनाई जा सकती है. उन्होंने कहा कि यह एक सुरक्षित यौगिक है और मलेरिया परजीवियों के जीवनचक्र के दो बिंदुओं पर हमला करने की इसकी क्षमता से पता चलता है कि मलेरिया परजीवी के लिए इसका प्रतिरोध करना मुश्किल हो जाएगा. कैसे करता है ये काम- टूथपेस्ट में ट्राइक्लोजन होने पर यह लिवर में फैटी एसिड को बनाने में सहायक इनोयल रिडक्टेज (ईएनआर) नामक एक एंजाइम को निष्क्रिय कर प्लेग के जीवाणु को बनने से रोकता है. शोधकर्ताओं ने कहा कि जैसा कि ट्राइक्लोजन ईएनआर और डीएचईआर को सीधे प्रभावित करता है. इसलिए इसका लिवर और ब्लड पर भी प्रभाव पड़ने की संभावना है. अफ्रीका और दक्षिण-पूर्व एशिया में मलेरिया के कारण प्रतिवर्ष 5 लाख से भी ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है. मलेरिया का इलाज- मलेरिया से लड़ने के लिए जहां कई प्रकार की दवाइयां मौजूद हैं, तो मलेरिया परजीवियों में भी इन दवाइयों से लड़ने की क्षमता तेजी से बढ़ने लगी है. इससे भविष्य में मलेरिया के लाइलाज होने की आशंका बढ़ गई है.

हाल ही में लंदन में एक शोध हुआ जिसमें पाया गया कि टूथपेस्ट, साबुन और डिटरजेंट से मलेरिया का इलाज हो सकता है. क्या कहती है रिसर्च- रिसर्च में पाया गया कि टूथपेस्ट, साबुन और डिटरजेंट में एक ऐसा तत्व …

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डायबिटीज के मरीज बेहचिक खा सकते हैं अंडे होगा ये फायदा

डायबिटीज के मरीज अब रोजाना बेहिचक अंडे खा सकते हैं और ऐसा करने में उन्हें कोई नुकसान नहीं होने वाला है. जानिए क्या कहती है रिसर्च. क्या कहती है रिसर्च- एक नए शोध में पता चला है कि हफ्ते में 12 अंडे तक खाने से टाइप टू डायबटिज वाले मरीजों को दिल की बीमारियों का कोई खतरा नहीं है. दरअसल अंडों में कोलेस्टेरोल का स्तर अधिक पाया जाता है, जिसकी वजह से डायबिटीज के मरीजों को आम तौर पर अंडे से बचने की सलाह दी जाती है. अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रीशन में प्रकाशित एक शोध के हवाले से बताया गया है कि अंडों का रक्त के कोलेस्टेरोल के स्तर पर कोई असर नहीं पड़ता है. क्या कहते हैं एक्सपर्ट- इस शोध के सह लेखक और सिडनी विश्वविद्यालय के निकोलस फुलर ने कहा, "डायबिटीज की पूर्व अवस्था और टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों के लिए अंडे खाने के सुरक्षित स्तर के बारे में सलाह में मतभेद के बावजूद हमारा शोध इंगित करता है कि अगर अंडे आपके खानपान की शैली का हिस्सा हैं, तो इन्हें खाने से परहेज मत करिए." उन्होंने कहा कि अंडे प्रोटीन और सूक्ष्म पोषक तत्वों को अच्छा साधन हैं और इनके खाने से अनेक फायदे होते हैं, जो आंखों और दिल की सेहत के लिए अच्छे तो हैं ही, ये रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ रखने में भी मददगार हैं और गर्भावस्था में इन्हें खाने की सलाह दी जाती है.

डायबिटीज के मरीज अब रोजाना बेहिचक अंडे खा सकते हैं और ऐसा करने में उन्हें कोई नुकसान नहीं होने वाला है. जानिए क्या कहती है रिसर्च. क्या कहती है रिसर्च- एक नए शोध में पता चला है कि हफ्ते में …

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सावधान, हाई ब्लड प्रेशर से हो रही हैं मौतें, 2016 में हुई 1.6 मिलियन मौतें करा ले बस ये इलाज

क्या आप जानते हैं हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर हर 10 भारतीयों में से 3 को प्रभावित करता है. इतना ही नहीं, 2017 में जारी हुए आंकड़ों के मुताबिक, कुल मौतों में से हाइपरटेंशन के कारण 17.5 फीसदी मौत होती है और 9.7 फीसदी में जीवनभर विकलांगता आ जाती है. मृत्यु और विकलांगता के जोखिम कारक- आपको जानकर हैरानी होगी असमय मृत्यु और विकलांगता के लिए हाई ब्लड प्रेशर चौथा प्रमुख जोखिम कारक भी है और भारत में 2016 में 1.6 मिलियन से अधिक मौतों के लिए ज़िम्मेदार भी हाई ब्लड प्रेशर ही था. ये आंकडा़ मॉरिशस की आबादी से अधिक है और भूटान की आबादी से दोगुना ज्यादा है. ये आंकड़ें ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज द्वारा वॉशिंगटन स्थित इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिस एंड इवैलुएशन से लिए गए हैं. नवंबर 2017 में इंडियास्पेंड (Indiaspend.org story/ A FactChecker.in story) के लेखक की रिपोर्ट के मुताबिक, कुपोषण, वायु प्रदूषण और फल, सब्जियों, अनाज की डायट में कमी के अलावा नमक और वसायुक्त पदार्थों का अधिक सेवन ये सभी भारत में मौत और विकलांगता के तीन शीर्ष जोखिम कारकों में शामिल हैं. हाइपरटेंशन से आसानी से बचा जा सकता है- एक्सपर्ट के मुताबिक, आपको चिंता करने की जरूरत नहीं. हाइपरटेंशन से आसानी से बचा जा सकता है, इसकी आसानी से ना सिर्फ पहचान की जा सकती है बल्कि मेडिसीन के जरिए इसका इलाज भी आसान है. लाइफस्टाइल और डायट में थोड़ा बदलाव करके आसानी से हाइपरटेंशन को मात दी जा सकती है. लेकिन बहुत से लोग इस बात से अंजान हैं कि उनको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है. क्या है हाइपरटेंशन- हाइपरटेंशन एक क्रोनिक कंडीशन है जिसमें ब्लड वैसल्स में ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है. हाइपरटेंशन को इसके लक्षणें के कारण साइलेंट किलर भी कहा जाता है. हाई ब्लड प्रेशर शरीर के कई मुख्य अंगों जैसे ब्रेन, हार्ट और किडनी को इफेक्ट करता है जिसके चलते अकाल मृत्यु तक हो जाती है. 2013 में दुनियाभर में हाई ब्लड प्रेशर के कारण 9.4 मिलियन लोगों की मौत हुई थी. 2016 के आंकड़े- भारत के 2016 के आंकडों के मुताबिक हार्ट अटैक से 53.8%, स्ट्रोक से 55.7% और क्रोनिक किडनी डिजीज से 54.3% मौते हुईं. इन सभी बीमारियों के लिए हाई ब्लड प्रेशर जिम्मेदार था.

क्या आप जानते हैं हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर हर 10 भारतीयों में से 3 को प्रभावित करता है. इतना ही नहीं, 2017 में जारी हुए आंकड़ों के मुताबिक, कुल मौतों में से हाइपरटेंशन के कारण 17.5 फीसदी मौत होती …

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अब पता चला, भूखे होने पर क्यों आता है गुस्सा आइये जाने

वैज्ञानिकों ने इस बात का पता लगा लिया है कि हमें भूख लगने के साथ ही साथ गुस्सा क्यों आने लगता है. वैज्ञानिकों ने पाया है कि ऐसा जीवविज्ञान की परस्पर क्रिया, व्यक्तित्व और आसपास के माहौल की वजह से होता है. अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ केरोलाइना की एक डॉक्टरल छात्रा जेनीफर मैकोर्माक ने बताया , “हम सभी जानते हैं कि भूखा महसूस करने से कभी-कभी हमारी भावनाएं और दुनिया को लेकर हमारे विचार भी प्रभावित होते हैं. हाल ही में ‘हैंगरी ’शब्द ऑक्सफोर्ड शब्दकोष ने स्वीकार किया है, जिसका मतलबा होता है कि भूख की वजह से गुस्सा आना. ” ‘इमोशन’ जर्नल में प्रकाशित अध्ययन की मुख्य लेखक मैकोर्माक ने बताया , "हमारे अनुसंधान का उद्देश्य भूख से जुड़ी हुई भावनात्मक स्थितियों का मनोवैज्ञानिक तरीके से अध्ययन करना है. जैसे कि कोई कैसे भूखा होने के साथ ही गुस्सा भी हो जाता है." इन लोगों में कम होती है गुस्सा होने की संभावना उन्होंने बताया कि इस संबंध में 400 से ज्यादा लोगों पर किए गए अनुसंधान में पता चला है कि सिर्फ माहौल ही इस बात पर असर नहीं डालता है कि क्यों कोई भूखे होने से गुस्सा हो जाएगा. यह लोगों के भावनात्मक जागरुकता के स्तर से भी तय होता है. वे लोग जो इस बात के प्रति अधिक जागरूक होते हैं कि उन्हें भूख लगी है या नहीं, ऐसे लोगों में गुस्सा होने की संभावना कम होती है.

वैज्ञानिकों ने इस बात का पता लगा लिया है कि हमें भूख लगने के साथ ही साथ गुस्सा क्यों आने लगता है. वैज्ञानिकों ने पाया है कि ऐसा जीवविज्ञान की परस्पर क्रिया, व्यक्तित्व और आसपास के माहौल की वजह से …

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फुफेरी बहन की अश्लील तस्वीरें वायरल करने के बाद की उसके भाई की हत्या फिर हुआ कुछ ऐसा रह जायेंगे दंग

फुफेरी बहन की अश्लील तस्वीरें वायरल करने के बाद युवक ने उसके भाई की हत्या कर दी। शेलगांव नाके के पास चलती बस में वारदात को अंजाम दिया गया। लड़की के परिजनों ने पुलिस से पहले ही शिकायत कर दी थी, पुलिस कार्रवाई करती तो श्रीनाथ सुदाम (18) की जान बच सकती थी। पुलिस का कहना है कि शिकायत मिलने पर उसने जांच शुरू कर दी थी। अजीत को पहले भी एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। जानकारी के अनुसार वारदात सुबह 7.20 बजे हुई। श्रीधर सुदाम धावड़ी गांव का रहने वाला था। वह राजगुरु स्थित कॉलेज में पढ़ता था। सुबह वह अपने कॉलेज जा रहा था। राज्य परिवहन की बस एमएच 07-सी 7584 जैसे ही शेलगांव नाके पर पहुंची, लड़की के भाई श्रीनाथ सुदाम को पीछे की सीट पर बैठे तीन युवकों ने गाली देते हुए चाकू मारने शुरू कर दिए। चालक ने बस रोकी तो तीनों निकल भागे। बस को सीधे खेद पुलिस स्टेशन लेकर आया गया। फिर घायल को उपचार के लिए अस्पताल भी ले जाया गया, लेकिन रास्ते में उसने दम तोड़ दिया। सूत्रों का कहना है कि आरोपी अजीत काहुरकर सुदाम का ममेरा भाई था। वह उसकी बहन से शादी करना चाहता था। परिजनों ने इन्कार कर दिया तो उसने जबरन उसकी अश्लील तस्वीरें ले लीं और इंटरनेट पर वायरल कर दीं। परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी पर पुलिस ने अजीत को गिरफ्तार करने में कोताही बरती। इससे उसका हौसला बढ़ा और उसने श्रीधर को चलती बस में निशाना बना लिया। पुलिस ने फिलहाल श्रीधर के चाचा शिवाजी धोंडिबा की शिकायत पर अजीत व दो अन्य युवकों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया है। वह इंजीनियर है जबकि श्रीधर की बहन विज्ञान से स्नातक कर रही है।

फुफेरी बहन की अश्लील तस्वीरें वायरल करने के बाद युवक ने उसके भाई की हत्या कर दी। शेलगांव नाके के पास चलती बस में वारदात को अंजाम दिया गया। लड़की के परिजनों ने पुलिस से पहले ही शिकायत कर दी …

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बहुमंजिला इमारत में लगी भीषण आग पर घंटों बाद काबू, 90 से ज्यादा लोग बचाए गए

गौरतलब है कि बॉलीवुड एक्‍ट्रेस दीपिका पादुकोण इसी ब्‍यूमॉड बिल्डिंग में रहती हैं। इस बिल्डिंग के 26वें फ्लोर पर दीपिका पादुकोण का अपार्टमेंट है। आग बिल्डिंग की 33वीं मंजिल पर लगी थी।

मुंबई के वर्ली में अप्‍पासाहेब मराठे मार्ग पर प्रभादेवी एरिया की एक बहुमंजिला इमारत में लगी भीषण आग पर काबू पा लिया गया है। आग ब्‍यूमॉड नाम की बिल्डिंग में लगी थी, जिसमें से अब तक 90 लोगों को सुरक्षित …

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महाराष्ट्र में आपातकाल में जेल गए सभी लोगों को मिलेगी मासिक पेंशन और आर्थिक सहायता

महाराष्ट्र की भाजपा सरकार ने करीब 40 साल पहले आपातकाल में एक माह से अधिक समय तक जेल में रहे लोगों को दस हजार रुपये की मासिक पेंशन देने का फैसला किया है। यह पेंशन योजना भाजपा की प्रमुख योजनाओं में से एक होगी। अधिकारियों के अनुसार बुधवार को कैबिनेट की उप समिति ने एक माह से कम समय तक जेल में कैद रहे लोगों को पांच हजार रुपये की मासिक पेंशन देने का फैसला किया है। सरकार ने यह कदम उन लोगों के सम्मान में लिया है जिन्होंने 21 माह चले आपातकाल (1975 से 1977) के दौरान संघर्ष किया है। जल्द की जाएगी पेंशन की घोषणा महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल और खाद्य व नागरिक आपूर्ति मंत्री गिरीश बापत इस बैठक में मौजूद थे। समिति ने यह भी फैसला लिया है कि उन लोगों की विधवाओं को पांच हजार रुपये की पेंशन दी जाएगी जो उस समय एक माह से अधिक समय तक जेल में कैद थे। उन विधवाओं को 2500 रुपये की मासिक पेंशन मिलेगी जिनके पति एक माह से कम समय के लिए जेल में बंद थे। सरकार ने पेंशन देने के लिए कई मानक तैयार किए हैं। इसकी घोषणा भी जल्द ही की जाएगी। मुंबई में अलर्ट जारी- घर से बाहर न निकले लोग, महाराष्‍ट्र में प्री-मानसून का कहर यह भी पढ़ें 1975 का आपातकाल 1971 में पाकिस्तान की करारी हार के बाद इंदिरा गांधी की लोकप्रियता शिखर पर थी। करीब तीन साल बाद 1974 में भारत मे पोखरण परमाणु परीक्षण के जरिए ये साबित कर दिया कि भारत महज कृषि प्रधान देश नहीं है, बल्कि वो अपने दम पर विकसित देशों का मुकाबला कर सकता है। लेकिन एक सच ये भी था कि इंदिरा गांधी की लोकप्रियता में गिरावट भी आ रही थी। 1974 के बाद विरोधी दल के नेता उन पर जबरदस्त हमला कर रहे थे। इंदिरा गांधी को लगने लगा था कि उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है। अपने सलाहकारों पर भरोसा कर उन्होंने 1975 में देश में आपातकाल की घोषणा की। हालांकि ये प्रयोग कामयाब नहीं रहा। आम चुनाव में कांग्रेस सत्ता से बाहर हो चुकी थी। जनता पार्टी की सरकार ने आपातकाल में इंदिरा की भूमिका के लिए शाह आयोग का ऐलान किया। शाह आयोग ने माना कि आपातकाल एक सनकभरा फैसला था। लेकिन 1978 में थेम्स टीवी को दिए साक्षात्कार में इंदिरा गांधी ने कहा कि उन्होंने जो भी फैसले लिए वो राजनीति से प्रेरित नहीं थे, बल्कि हालात ही ऐसे बन गए थे कि अप्रिय और कठिन फैसले लेने पड़े।

महाराष्ट्र की भाजपा सरकार ने करीब 40 साल पहले आपातकाल में एक माह से अधिक समय तक जेल में रहे लोगों को दस हजार रुपये की मासिक पेंशन देने का फैसला किया है। यह पेंशन योजना भाजपा की प्रमुख योजनाओं …

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