क्या आप जानते हैं हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर हर 10 भारतीयों में से 3 को प्रभावित करता है. इतना ही नहीं, 2017 में जारी हुए आंकड़ों के मुताबिक, कुल मौतों में से हाइपरटेंशन के कारण 17.5 फीसदी मौत होती है और 9.7 फीसदी में जीवनभर विकलांगता आ जाती है.
मृत्यु और विकलांगता के जोखिम कारक-
आपको जानकर हैरानी होगी असमय मृत्यु और विकलांगता के लिए हाई ब्लड प्रेशर चौथा प्रमुख जोखिम कारक भी है और भारत में 2016 में 1.6 मिलियन से अधिक मौतों के लिए ज़िम्मेदार भी हाई ब्लड प्रेशर ही था. ये आंकडा़ मॉरिशस की आबादी से अधिक है और भूटान की आबादी से दोगुना ज्यादा है. ये आंकड़ें ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज द्वारा वॉशिंगटन स्थित इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिस एंड इवैलुएशन से लिए गए हैं.
नवंबर 2017 में इंडियास्पेंड (Indiaspend.org story/ A FactChecker.in story) के लेखक की रिपोर्ट के मुताबिक, कुपोषण, वायु प्रदूषण और फल, सब्जियों, अनाज की डायट में कमी के अलावा नमक और वसायुक्त पदार्थों का अधिक सेवन ये सभी भारत में मौत और विकलांगता के तीन शीर्ष जोखिम कारकों में शामिल हैं.
हाइपरटेंशन से आसानी से बचा जा सकता है-
एक्सपर्ट के मुताबिक, आपको चिंता करने की जरूरत नहीं. हाइपरटेंशन से आसानी से बचा जा सकता है, इसकी आसानी से ना सिर्फ पहचान की जा सकती है बल्कि मेडिसीन के जरिए इसका इलाज भी आसान है. लाइफस्टाइल और डायट में थोड़ा बदलाव करके आसानी से हाइपरटेंशन को मात दी जा सकती है. लेकिन बहुत से लोग इस बात से अंजान हैं कि उनको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है.
क्या है हाइपरटेंशन-
हाइपरटेंशन एक क्रोनिक कंडीशन है जिसमें ब्लड वैसल्स में ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है. हाइपरटेंशन को इसके लक्षणें के कारण साइलेंट किलर भी कहा जाता है. हाई ब्लड प्रेशर शरीर के कई मुख्य अंगों जैसे ब्रेन, हार्ट और किडनी को इफेक्ट करता है जिसके चलते अकाल मृत्यु तक हो जाती है. 2013 में दुनियाभर में हाई ब्लड प्रेशर के कारण 9.4 मिलियन लोगों की मौत हुई थी.
2016 के आंकड़े-
भारत के 2016 के आंकडों के मुताबिक हार्ट अटैक से 53.8%, स्ट्रोक से 55.7% और क्रोनिक किडनी डिजीज से 54.3% मौते हुईं. इन सभी बीमारियों के लिए हाई ब्लड प्रेशर जिम्मेदार था.
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