नेताओं ने एक स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर शेयर किया। यह स्क्रीनशॉट एपल की ओर से भेजे गए उस अलर्ट का था जिसमें कहा गया था कि आपका आईफोन हैकर्स के निशाने पर है। बवाल तो इस बात पर मचा कि एपल की ओर से आए मैसेज में राज्य प्रायोजित हैकिंग क्यों लिखा है। इस नोटिफिकेशन को लेकर विपक्ष के तमाम नेताओं ने मोदी सरकार पर हमला बोला और जासूसी का आरोप लगाया।
इसके बाद सरकार की ओर से भी खूब बयानबाजी हुई। इस पूरे मामले पर सरकार की प्रतिक्रिया चौंकाने वाली है, क्योंकि सरकार के अधीन काम करने वाली संस्था कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT) ने खुद 27 अक्तूबर को ही एक अलर्ट जारी किया था जिसमें कहा गया था कि एपल के कई डिवाइस पर हैकिंग का खतरा है। CERT In ने कहा था कि बग के कारण आईफोन, आईपैड, सफारी ब्राउजर, मैकबुक और एपल वॉच हैक हो सकते हैं।
CERT In ने क्या कहा?
CERT In ने 27 अक्तूबर को एपल की डिवाइसेज को लेकर एक नोटिफिकेशन जारी किया था जिसमें कहा गया था कि iOS 17.1, iPadOS 17.1 से पहले के वर्जन वाले आईफोन और आईपैड सुरक्षित नहीं हैं। CERT In की यह चेतावनी हाई लेवल की थी। CERT In के बग के कारण आईफोन और आईपैड हैक हो सकते हैं।
इन्हें रिमोटली कंट्रोल किया जा सकता है और डाटा एक्सेस किया जा सकता है। अलर्ट में यह भी कहा गया था कि एपल ने इन बग को फिक्स करने के लिए अपडेट जारी कर दिया है। ऐसे में यूजर्स को अपनी डिवाइस को तुरंत अपडेट करने की सलाह दी जाती है। यहां एक बड़ा सवाल उठता है कि जब सरकार के अधीन काम करने वाली संस्था ने पहले ही अलर्ट जारी किया है तो फिर जब एपल ने अलर्ट जारी किया तो इतना हंगामा क्यों? CERT In और एपल के दोनों अलर्ट एक ही जैसे हैं।