टाटा ग्रुप का टेलीकॉम सेग्मेंट टाटा टेलीसर्विसेज ने अपने कंज्यूमर टेलीकॉम बिजनेस को भारती एयरटेल के साथ मर्ज करने का ऐलान किया है. इस अधिग्रहण के बाद 40 मिलियन टाटा डोकोमो यूजर्स एयरटेल में स्विच कर दिए जाएंगे.
हाल ही में रिपोर्ट आई थी कि टाटा ग्रुप अपना टेलीकॉम बिजनेस बंद करने की तैयारी में और इसके लिए सरकार (DoT) को आधिकारिक तौर पर जानकारी दे दी गई है.
टाटा टेलीसर्विसेज और भारती एयरटेल करार के तहत भारती एयरटेल टाटा टेलीसर्विसेज के बिजनेस ऑपरेशन का अधिग्रहण करेगी. टाटा ग्रुप का टेलीकॉम बिजनेस 19 सर्कल्स मंi है और ये सभी एयरटेल के हो जाएंगे.
कंपनी के मुताबिक यह अधिग्रहण फिलहाल रेग्यूलेटरी अप्रूवल के लिए भेजा गया है, इसके बाद ही यह मान्य होगा. ET की रिपोर्ट के मुताबिक भारती ने गुरूवार को इस ट्रांजैक्शन को हरी झंडी दी है.
इस मर्जर के तहत टाटा CMB के सभी ऐसेट और कस्टमर्स भारती एयरटेल के हो जाएंगे. इसके अलावा भारती एयरटेल को इससे स्पेक्ट्रम का भी फायदा होगा और अब कंपनी के पास 178.5 MHz स्पेक्ट्रम होंगे.
रिपोर्ट के मुताबिक यह मर्जर कर्ज मुक्त कैश मुक्त आधारित होगा. हालांकि भारती एयरटेल को टाटा टेलीसर्विस द्वारा लिए गए स्पेकट्रम के देय राशी का छोटा भाग DoT को भुगतान करना पड़ सकता है .
करार के मुताबिक भारती एयरटेल को यह सुनिश्चित करना होगा कि टाटा के कस्टमर्स को बेहतरीन क्वॉलिटी सर्विस मिलती रहेगी. इसके अलावा उन्हें एक्स्ट्रा सर्विस मिलेगी जिनमें वॉयस और डेटा दिया जाएगा.
टाटा सन्स के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा है, ‘हमें यकीन है आज किया गया यह करार टाटा ग्रुप और कंपनी के शेयर होल्डर्स के लिए सबसे बेहतरीन ऑप्शन है . लंबे समय तक हमारे साथ रहे कस्टमर्स और कर्मचारियों के लिए एक अच्छा घर ढूंढना हमारी प्रमुखता रही है. हमने कई ऑप्शन्स पर ध्यान दिया और हमे इस बात की खुशी है कि अब हम भारती के साथ करार कर रहे हैं’
भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल ने ज्वाइंट स्टेटमेंट में कहा है कि भारतीय मोबाइल इंडस्ट्री और डिजिटल क्रांति के तहत वर्ल्ड क्लास सर्विस देने के लिहाज से ये महत्वपूर्ण डेवेलपमेंट है.
इस करार के तहत भारती एयरटेल टाटा के 10,000 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम के देनदारी में भी हिस्सेदार होगी. गौरतलब है कि टाटा टेलीसर्विसेज के पास फिलहाल 19 सर्कल्स में 3G और 4G के लिए स्पेक्ट्रम हैं.
इस अधिग्रहण के लिए जारी कि गए बयान में भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल ने कहा है कि यह डील फाइनल होने पर कस्टमर और नेटवर्क दोनों तरफ से बिना रूकावट के मर्जर होगा और कुछ मुख्य सर्कल में सर्विस को मजबूत करने के लिए काम किया जाएगा.
आपको बता दें कि रिलायंस जियो के मार्केट में आने के बाद से भारतीय टेलीकॉम कंपनियों में अधिग्रहण का दौर शुरू हो गया है. इससे पहले भी कई मर्जर के ऐलान हो चुके हैं. उदाहरण के तौर पर आईडिया और वोडफोन इंडिया का मर्जर का ऐलान हो चुका है. इसके अलावा एयरटेल ने पहले ही टेलीनॉर को खरीदने का ऐलान किया है. यानी मार्केट में अब गिनी चुनी ही टेलीकॉम कंपनियां बचेंगी. इसलिए आने वाले समय में कंपटीशन कम होने की वजह से कस्टमर्स एंड पर टैरिफ के कम ऑप्शन मिलने की समस्या सामने आ सकती है.