लखनऊ.सीएम योगी आदित्यनाथ ने कुछ घंटे पहले ही आईएएस अधिकारियों को उनकी कार्यशैली पर आइना दिखाया। नौकरशाही के ढांचे पर सवाल खड़े करते हुए उन्होंने कहा, कमिश्नर (मंडलायुक्त) को रबर स्टाम्प बना दिया गया। इस पद को ताकतवर बनाने का संकेत दिया गया। दिन के सख्त माहौल के बाद शाम को एमबी क्लब में सर्विस डिनर के मेन्यू कार्ड में ‘मिर्च मसाला’ शीर्षक से नौकरशाहों ने खुद को दिलचस्प टाइटलों से नवाजा। इसमें मुख्य सचिव की कुर्सी पर अधिकारियों की नजर का भरपूर इशारा रहा। हां, पिछले सालों के टाइटलों में जिन अधिकारियों का जलवा हुआ करता था, उनका नाम इस बार टाइटल सूची से गायब था। इसे बदली हुकूमत का असर भी माना जा रहा है।
आगे पढ़िए आईएएस के टाइटल्स…
आप आए, बहार आई
-प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद सेन्ट्रल डेपुटेशन अधूरा छोड़कर वापस लौटे आईएएस और मुख्य सचिव राजीव कुमार को टाइटल दिया गया- ‘आप आए, बहार आई।’
-इस टाइटल के पीछे वह सुकून भी छिपा है जब पूर्व मुख्य सचिव राहुल भटनागर देर रात तक अधिकारियों की मीटिंग कराते रहते थे।
हम भी खड़े हैं राहों में…
-वरिष्ठ आईएएस अनूप चन्द्र पांडेय, आरपी सिंह (राज प्रताप सिंह) और संजय अग्रवाल को टाइटल दिया गया है- ‘हम भी खड़े हैं राहों में….’।
-इस टाइटल को राजीव कुमार के रिटायरमेन्ट का समय करीब होने और इस बीच उनके फिर केन्द्र की सेवा में जाने की चर्चा से जोड़ा जा रहा है।
-दरअसल, राजीव कुमार के बाद मुख्य सचिव की दौड़ में ये ही तीन अधिकारी शामिल हैं। इनमें से राज प्रताप तत्कालीन सीएम मायावती के सचिव भी रह चुके हैं।
क्यों नहीं लेते पिया प्यार का नाम
-प्रमुख सचिव सूचना, पयर्टन समेत आधा दर्जन महकमों का जिम्मा संभालने वाली अवनीश अवस्थी को टाइटल दिया गया- ‘सुबहो-शाम बस काम ही काम, क्यों नहीं लेते पिया प्यार का नाम।’
-भाजपा सरकार बनने के बाद केन्द्र की सेवा से लौटे अवनीश अवस्थी इन दिनों सुबह से शाम तक सरकार की इमेज बिल्डिंग में व्यवस्त रहते हैं और आईएएस महकमे में यह चर्चा आम है कि वह परिवार को समय नहीं दे पा रहे हैं। जिसे केन्द्र में रखकर उनके साथियों ने उन्हें यह टाइटल दिया है। अवनीश की पत्नी मालनी अवस्थी मशहूर लोक गायिका हैं।