लंदन| रियो ओलम्पिक से पहले होने वाले अंतिम बड़े टूर्नामेंट-चैम्पियंस ट्रॉफी में भारतीय हॉकी टीम अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करेगी। छह देशों के बीच खेले जाने वाले इस टूर्नामेंट का आयोजन शुक्रवार से लंदन में हो रहा है, जिसमें मौजूदा विजेता जर्मनी भी शामिल है। इस टूर्नामेंट में खेलने वाली छह टीमों में से पांच रियो डी जेनेरियो में पांच से 21 अगस्त तक होने वाले ओलम्पिक खेलों में प्रदर्शन करती नजर आएंगी। चैम्पियंस ट्रॉफी में 2014 एशियन खेलों के विजेता भारत के अलावा वर्तमान विश्व विजेता आस्ट्रेलिया, दो बार की ओलम्पिक विजेता जर्मनी, मेजबान टीम ब्रिटेन, अपने दम पर आगे बढ़ने वाली यूरोपीय टीम बेल्जियम और दक्षिण कोरिया को प्रतिस्पर्धा करते देखा जाएगा।
चैम्पियंस ट्रॉफी आज से लंदन में
इस वर्ष की शुरुआत में अजलान शाह कप टूर्नामेंट की उपविजेता रही भारतीय टीम का आत्मविश्वास काफी मजबूत है। रायपुर में इस वर्ष हीरो हॉकी वर्ल्ड लीग (एचडब्ल्यूएल) फाइनल्स में भारतीय टीम को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ और इससे टीम के आत्मविश्वास में और भी बढ़ावा हुआ। चैम्पियंस ट्रॉफी के 36 संस्करणों में से केवल एक में पदक जीतने वाली भारतीय टीम पिछले दो संस्करणों में चौथे स्थान पर रही है। उसने 1982 में आयोजित हुए टूर्नामेंट में कांस्य पदक जीता था। इस टूर्नामेंट के लिए भारतीय टीम की कमान गोलकीपर पी. आर. श्रीजेश को दी गई है और हॉकी टीम के मिडफील्डर तथा कप्तान सरदार सिंह सहित डिफेंडर रुपिंदर पाल सिंह को आराम दिया गया है।
चैम्पियंस ट्रॉफी में इस बार भारतीय हॉकी टीम के प्रमुख कोच रोलेंट ओल्टमैंस की 18 सदस्यीय टीम का लक्ष्य अपनी रणनीति को भी अमली जामा पहनाने का होगा, जिससे आगामी रियो ओलम्पिक के लिए उनके आत्मविश्वास में बढ़ावा होगा। श्रीजेश की कप्तानी वाली टीम में तेजतर्रार स्ट्राइकर एसवी सुनील को उपकप्तान बनाया गया है। इसके साथ ही टीम की आक्रमण पंक्ति में आकाशदीप सिंह, मनप्रीत सिंह, निक्किन थिमैया और तलविंदर सिंह जैसे युवा खिलाड़ी भी शामिल होंगे। लंदन में 10 से 17 जून तक ली वैली हॉकी सेंटर में होने वाली इस चैम्पियंस ट्रॉफी प्रतियोगिता में भारतीय टीम के लिए मिडफील्ड में केंद्र में मनप्रीत सिंह खेलते नजर आ सकेत हैं जबकि एस.के. उथप्पा, दानिश मुज्तबा, चिगलेनसाना सिंह और देविंदर सुनील वाल्मीकी मिडफील्ड में उनका साथ देते नजर आएंगे।
भारतीय टीम की रक्षा पंक्ति को संभालने की जिम्मेदारी वी. आर. रघुनाथ और कोथाजीत सिंह की होगी और इसमें हरमनप्रीत सिंह भी साथ होंगे। सरदार के साथ-साथ रुपिंदर और बिरेंद्र लाकड़ा को भी आराम दिया गया है। इस बीच, प्रदीप मोर और सुरेंद्र कुमार इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम के लिए अधिक से अधिक अवसरों का फायदा उठाने की कोशिश करते नजर आएंगे। इस टूर्नामेंट में भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती जर्मन की टीम के रूप में खड़ी होगी, जो हाल के महीनों में अपने बेहतरीन फार्म में चल रही है।भारत का पहला मुकाबला जर्मन के खिलाफ है। प्रतिद्वंद्वी टीम के मिडफील्डर तोबियास हॉके, मार्टिन हानेर और फ्लोरियान फुच का सामना करना आसान नहीं होगा। टूर्नामेंट के पहले दिन का दूसरा मुकाबला बेल्जियम और दक्षिण कोरिया के बीच खेला जाएगा और अंतिम मुकाबले में ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया की भिड़ंत होगी।