मेरठ। पिछले एकसाल से फैशन डिजाइनर रितु बेरी की डिजाइन की गई ड्रेस पहनने का सपना लिए बैठे रेल कर्मचारियों को झटका लगा है। डिजाइनर ड्रेस पहनकर ड्यूटी बजाने के उनके अरमान धरे के धरे रह गए हैं। रेलवे ने इसी साल अक्टूबर माह में रेल कर्मचारियों को रितु बेरी की डिजाइन की गई ड्रेस देने का वादा किया गया था। लेकिन अब रेलवे ने खुद ही इस योजना से अपने पांव पीछे खींच लिए हैं। रेलवे जल्द ही लोको पायलट, टीटीई, गार्ड और स्टेशन अधीक्षक व स्टेशन मास्टर को बजट भेजेगा। यानी रेल कर्मचारी फिर वही पुराने घिसे-पिटे ड्रेस में ड्यूटी पर तैनात दिखेंगे।
फैशन डिजाइनर रितु बेरी की डिजाइन की गई ड्रेस की सूचना मिलने पर रेल कर्मचारियों में उत्साह था। करीब छह महीने पहले सिटी स्टेशन पर कर्मचारियों की ड्रेस का नाप लेकर दिल्ली भेजा गया। इसके बाद कर्मचारियों में ड्रेस मिलने की उम्मीद जागी थी। रेलवे बोर्ड ने 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर डिजाइन की गई ड्रेस देने का वादा भी किया था।
बता दें कि बजट 2015-16 में रेल कर्मचारियों को नया लुक देने की बात रखी गई थी। रितु बेरी को कर्मचारियों की ड्रेस डिजाइन करने के लिए चुना गया था, लेकिन एक साल बीतने के बाद अब रेलवे बोर्ड ने रेल कर्मचारियों को खुद ही ड्रेस बनवाने के लिए कहा है। अभी तीन साल में एक बार रेल कर्मचारियों को ड्रेस का खर्चा दिया जाता है।
फील्ड स्टॉफ को मिलनी थी डिजाइनर ड्रेस
रेलवे ने यात्रियों के बीच 24 घंटे रहने वाले कर्मचारियों की ड्रेस को आकर्षक बनाने के लिए रितु बेरी को चुना था। ताकि वें अलग अंदाज में नजर आ सकें। रेलवे में लोको पायलट, टीटीई, गार्ड और स्टेशन अधीक्षक व स्टेशन मास्टर ही यात्रियों के बीच ज्यादा रहते हैं। इसी सिलसिले में पूरे देश से इन चारो वर्गों के कर्मचारियों की नाप करवाई गई।
एक जैसा दिखने के लिए बनाई थी योजना
यात्रियों के बीच रहने वाले इन कर्मचारियों को एक ड्रेस में दिखने के लिए रेलवे ने खास तरह से इस योजना को तैयार किया था। हालांकि रितु बेरी से करार रद होने की रेलवे ने अभी तक कोई जानकारी नहीं दी है। लेकिन डेढ़ साल बीतने के बाद इस प्रोजेक्ट में कोई तेजी नहीं दिखाई दी है।
रेलवे बोर्ड ने डीआरएम को भेजा पत्र
रेलवे बोर्ड ने तीन अक्टूबर को डीआरएम कार्यालय में पत्र भेजकर यह जानकारी दी है। रेलवे बोर्ड ने पत्र में कर्मचारियों को खुद ही ड्रेस सिलवाने के लिए आदेश जारी किया है। इसका सीधा मतलब है कि रेलवे का रितु बेरी से ड्रेस डिजाइन कराने का कार्य सफल नहीं हो सका है। डीआरएम कार्यालय से पत्र को जल्द ही संबंधित स्टेशनों को भेज दिया जाएगा।
रेल हादसे की वजह से खींचा हाथ
गत वर्ष तत्कालीन रेलमंत्री सुरेश प्रभु की अगुवाई में रेलवे अभिनव प्रयोग में जुटा हुआ था, लेकिन देश में पिछले छह-सात माह में जिस तरह से रेल हादसे घटित हुए हैं, उसकी वजह से रेलवे बैकफुट पर चला गया। सुरेश प्रभु को रेलवे की कमान तो छोडऩी ही पड़ी, उनकी ओर से बदलाव के लिए बढ़ाए गए कई कदम भी पीछे खींचे गए। रेल सूत्रों की मानें तो रेल कर्मचारियों के लिए डिजाइनर ड्रेस न मुहैया कराने के पीछे भी यही एक बड़ी वजह है, हालांकि रेलवे का कोई भी अधिकारी इस बात की पुष्टि नहीं कर रहा है।
अभी तक इस तरह ड्रेस
स्टेशन अधीक्षक, मास्टर
पैंट – सफेद
शर्ट – सफेद
गार्ड
पैंट -सफेद
शर्ट – सफेद
टीटीई
पैंट – काला रंग
शर्ट – सफेद
कोट -काला
लोको पायलट
शर्ट – आसमानी नीला
पैंट – बैंगनी नीला
कुछ ऐसी थी डिजाइनर ड्रेस
रितु बेरी की डिजाइन की गई ड्रेस में रेलवे कर्मचारियों को जैकेट के साथ काली-पीली शर्ट देने का मसौदा तैयार किया गया था। लोको पायलट को पीले और हरे रंग की आधी बाजू वाली चमकदार जैकेट का डिजाइन तैयार किया गया था। इसके अलावा कैटरिंग कर्मचारियों को काली-सफेद बार्डर वाली टी-शर्ट दी जाने वाली थी। कुली तक के लिए डिजाइन ड्रेस की बात सामने आई थी।सिटी स्टेशन अधीक्षक आरपी शर्मा ने बताया कि छह महीने पहले ड्रेस का नाप दिल्ली भेजा गया था। चर्चाएं जोरों पर थीं, कि रितु बेरी की डिजाइन की गई ड्रेस मिलेगी। ड्रेस को पहनने के लिए काफी उत्साह था, लेकिन पता चला है कि फिलहाल इस योजना को टाल दिया गया है। जिससे कर्मचारियों में मायूसी है।