दिल्ली NCR में महंगा होगा पेट्रोल-डीजल, प्रति लीटर होगा इतना इजाफा

बड़ी खबर: प्रदूषण से बेहाल दिल्ली NCR में अप्रैल से महंगा होगा पेट्रोल-डीजल

प्रदूषण से बेहाल दिल्ली एनसीआर में अगले साल अप्रैल से पेट्रोल-डीजल महंगा मिलेगा। तेल मार्केटिंग कंपनियों ने इसके लिए पूरी तरह से तैयारी कर ली है। अभी कंपनियों ने यह तो नहीं बताया है कि पेट्रोल-डीजल कितना मंहगा मिलेगा, लेकिन ये प्रीमियम ब्रांड से भी कुछ पैसे महंगा मिलेगा। 
दिल्ली NCR में महंगा होगा पेट्रोल-डीजल, प्रति लीटर होगा इतना इजाफापेट्रोल पंपों पर मिलेगा बीएस6 ईंधन
केंद्र सरकार के आदेश के बाद तीनों तेल मार्केटिंग कंपनियां (इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम) दिल्ली सहित एनसीआर में 1 अप्रैल 2018 से बीएस6 ईंधन की सप्लाई शुरू कर देंगे।
यह प्रीमियम कैटेगिरी में बिकने वाले पेट्रोल-डीजल जैसे कि स्पीड, रेसर आदि से 30-40 पैसे प्रति लीटर महंगा मिलेगा। तेल कंपनियां भी अपने पेट्रोल पंपो पर दोनों तरह का पेट्रोल और डीजल बेचेंगी। इसके लिए देश की तीन रिफाइनरियों से बीएस6 ईंधन को सप्लाई किया जाएगा। बठिंडा, बीना और मथुरा स्थित रिफाइनरी इसको सप्लाई करेंगी। 

पूरे देश में हो रहा बीएस4 मानक पेट्रोल-डीजल इस्तेमाल
मौजूदा समय में देश में बीएस-4 मानक वाले वाहनों का इस्तेमाल हो रहा है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय ने कहा है कि दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए आयल मार्केटिंग कंपनियों के साथ सलाह-मशविरे के बाद वाहनों के लिए बीएस-6 मानक वाले ईंधन का इस्तेमाल करने का फैसला किया गया है।

इन कंपनियों से कहा गया है कि वे 1 अप्रैल, 2019 से पूरे दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में बीएस-6 ईंधन उपलब्ध कराने की संभावना तलाशें। मंत्रालय का मानना है कि नए मानक को लागू करने से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण को कम करने में काफी मदद मिलेगी।

पिछले साल सरकार ने लिया था फैसला

पिछले साल जनवरी में नरेंद्र मोदी सरकार ने 1 अप्रैल, 2020 से देश भर में बीएस-6 मानक वाले ईंधन का इस्तेमाल शुरू करने का फैसला किया था लेकिन उस समय ऑटो कंपनियों और पार्ट्स निर्माताओं ने इस संबंध में सभी जरूरी तैयारी पूरी होने को लेकर संदेह जताया था।

कंपनियों को यकीन नहीं है कि देश की रिफाइनरियां अगले साल अप्रैल तक बीएस-6 मानक वाले ईंधन का उत्पादन शुरू कर पाएंगी। हालांकि सरकार इस लक्ष्य को हासिल करने को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

क्या है बीएस6
बीएस यानी भारत स्टेज उत्सर्जन मानक है, जिसे वर्ष केंद्र सरकार ने 2000 में शुरू किया था। इसका उद्देश्य चार पहिया वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करना और इस मानक के जरिये वातावरण में घुल रहे जहर पर रोक लगाना था। सीपीसीबी द्वारा समय-समय पर इसके कई मानक जैसे बीएस-3, बीएस-4 और अब बीएस-6 तय किए हैं। बीएस-6 मानक लागू करने से उत्सर्जन में काफी कमी आएगी।

बीएस-6 के फायदे
विशेषज्ञों का कहना है कि बीएस-4 के मुकाबले बीएस-6 डीजल में प्रदूषण फैलाने वाले खतरनाक पदार्थ 70 से 75 फीसदी तक कम होते हैं। बीएस-6 मानक लागू होने से प्रदूषण में काफी कमी होगी। खासकर डीजल वाहनों से होने वाले प्रदूषण में बड़ी कमी आएगी।

नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड सल्फर डाइऑक्साइड और पार्टिकुलेट मैटर के मामले में बीएस-6 स्तर का डीजल काफी बेहतर होगा। यही वो खतरनाक प्रदूषक पदार्थ हैं जिनसे कैंसर, अस्थमा और फेफड़ों की तमाम बीमारियां होती हैं।

 

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