बड़ी खबर: डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए सरकार बंद कर रही हैं ये सुविधा

बड़ी खबर: डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए सरकार बंद कर रही हैं ये सुविधा

आने वाले साल में हो सकता है कि चेकबुक के माध्यम से होने वाले सभी तरह के लेन देन बंद हो जाए। चेक के बजाए बैंक केवल डिजिटल ट्रांजेक्शन करने के लिए कह सकते हैं। इसके लिए सरकार जल्द ही एक रोड मैप ला सकती है। इससे आगे चलकर इकोनॉमी को कैशलेस बनाने का केंद्र सरकार का सपना पूरा हो सकता है। बड़ी खबर: डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए सरकार बंद कर रही हैं ये सुविधा
बंद हो सकती है बैंकों की चेक बुक सुविधा
उद्योग संगठन कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार बैंक चेकबुक सुविधा को निकट भविष्य में बंद कर सकती है। 

सरकार बढ़ाए डेबिट-क्रेडिट का इस्तेमाल
कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि सरकार को डेबिट तथा क्रेडिट कार्डों के इस्तेमाल को उत्साहित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि संभावना है कि डिजिटल लेनदेन को उत्साहित करने के लिए सरकार निकट भविष्य में चेकबुक सुविधा को वापस ले सकती है। 

हर साल खर्च होता है इतना पैसा
सरकार 25000 करोड़ रुपए सिर्फ नोटों की छपाई पर खर्च करती है और 6000 करोड़ रुपए उन नोटों की सुरक्षा पर खर्च किए जाते हैं। इस खर्च पर लगाम लगाने के लिए सरकार अपनी तरफ से पूरी कोशिशें कर रही है। अगर डिजिटल लेनदेन बढ़ता है, तो फिर यह खर्च न के बराबर रह जाएगा। 

80 करोड़ एटीएम कार्ड, लेकिन 5 फीसदी इस्तेमाल
खंडेलवाल ने कहा कि देश भर में 80 करोड़ से अधिक एटीएम कार्ड हैं, लेकिन इनमें से केवल 5 फीसदी कार्ड का इस्तेमाल डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिए किया जाता है। बाकी 95 फीसदी कार्ड कैश निकालने के लिए उपयोग किए जाते हैं। हालांकि बड़े शहरों में डेबिट कार्ड का प्रयोग डिजिटल लेनदेन में बढ़ा है, लेकिन छोटे शहरों और गांव-देहात में लोग इनका प्रयोग न के बराबर हो रहा है। 

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