देहरादून: राज्य कर्मचारियों को सातवें वेतन-भत्ते के एरियर के भुगतान में पेच फंस गया है। उन्हें भत्ते का एरियर मिलने में देरी हो सकती है। भत्ते के भुगतान से पहले छठवें व सातवें वेतनमान के तहत वेतन निर्धारण की बेहद सतर्कता से जांच की जाएगी। सरकार ने संशोधित आदेश जारी कर आहरण वितरण अधिकारियों को नियमों के विपरीत वेतन निर्धारण होने पर पहले नियमानुसार वसूली करने को कहा है। वहीं एक जनवरी से अब 31 मार्च, 2018 तक सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों को वेतन-भत्तों का इसी वित्तीय वर्ष में एकमुश्त भुगतान किया जाएगा।
सातवें वेतनमान के एरियर का भुगतान दो किश्तों में किया जाना है। एक किश्त के भुगतान के आदेश हो चुके हैं। वित्त प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी की ओर से जारी संशोधित शासनादेश में आहरण वितरण अधिकारियों को छठे व सातवें सभी वेतन निर्धारणों को संशोधित करने के बाद ही एरियर बिल तैयार करने को कहा गया है।
संबंधित कार्मिक के छठे और सातवें वेतन आयोग के तहत किए गए सभी वेतन निर्धारण प्रपत्रों की जांच कर ली गई है और वह सभी सही हैं, बिल के साथ यह प्रमाणपत्र आहरण वितरण अधिकारियों को संलग्न करना होगा। वेतन निर्धारण में खामी मिलने पर सही वेतन निर्धारित कर अधिक भुगतान की गई धनराशि की वसूली एरियर के देयक से करते हुए समायोजन बिल प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
आदेश में कहा गया है कि विभागीय वित्त नियंत्रक, वरिष्ठ वित्त अधिकारी समेत विभिन्न पदनामों से तैनात वित्त सेवा के अधिकारी अपने-अपने विभागों में वेतन निर्धारण संबंधी टेस्ट चेकिंग करेंगे। पुनर्नियुक्त हुए कार्मिकों के प्रकरण में आयकर कटौती करते हुए संपूर्ण भुगतान नकद रूप से किया जाएगा।