इजरायली इतिहास में अब तक के सबसे बड़े सैन्य अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए भारतीय कमांडो इजरायल में हैं. दो हफ्ते चलने वाले इस सैन्य अभ्यास में इजरायल और 8 अन्य देशों की वायुसेनाएं भी हिस्सा लेगी. भारत इस सैन्य अभ्यास में हिस्सा लेकर आतंकवाद निरोधक अभियानों सहित विशेष बलों की क्षमताएं बढ़ाने की तैयारी में है.
ग्रुप कैप्टन मलुक सिंह की अगुवाई में 16 गरुड़ कमांडो सहित 45 सदस्यीय भारतीय टुकड़ी ‘ब्लू फ्लैग’ हवाई प्रशिक्षण अभ्यास के दौरान के इजरायल के विशेष बलों के साथ करीबी तौर पर काम कर रही है. इस अभ्यास का मकसद विशेष अभियानों में विशेषज्ञता हासिल करना है.
साल 2017 में भारत और इजरायल ने अपने रायनियक रिश्तों के 25 साल पूरे कर लिए थे. केंद्र में 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद रिश्तों की गर्माहट खुलकर नजर आने लगी थी, जैसा पहले कभी नहीं थी. भारत ने साल 1950 में इजरायल को मान्यता दी थी. भारत का ये फैसला इजरायल की स्थापना के लगभग दो साल बाद लिया गया था.
वर्ष 2003 में इजरायल के प्रधानमंत्री एरियल शेरॉन की भारत यात्रा ने दोनों देशों के रिश्तों को एक नए युग में पहुंचा दिया. पीएम मोदी की इजरायल यात्रा ने दोनों देशों के बीच के संबंधों को और मजबूती प्रदान की. नरेंद्र मोदी इजरायल यात्रा करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं.