लखनऊ. उत्तर प्रदेश में ऊंचाहार के एनटीपीसी थर्मल पावर प्लांट में हुए हादसे के विक्टिम्स और उनके परिजन से गुरुवार को राहुल गांधी ने मुलाकात की। वे सूरत में इलेक्शन कैम्पेन को छोड़कर यहां पहुंचे। इससे पहले बुधवार को उन्होंने ट्वीट करके इस घटना पर दुख जताया था। इस हादसे में मरने वालों की तादाद 26 हो गई है। करीब 100 लोग जख्मी हैं। बताया जा रहा है कि हादसा बॉयलर पर प्रेशर बढ़ने की वजह से हुआ था। यहां 500 मेगावॉट का छठा नया प्लांट 200 मेगावॉट के लोड के साथ चल रहा था।
राहुल ने बुधवार को किया था ट्वीट
– खबर मिलते ही राहुल ने इस हादसे पर दुख जताया था। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “रायबरेली NTPC प्लांट की घटना से मन विचलित है। मेरी संवेदनाएं मृतकों के परिवार के साथ हैं। प्रशासन से निवेदन है कि जख्मियों को तत्काल मदद दी जाए।”
– देर रात राहुल ने ट्वीट किया, “NTPC में हुए हादसे की वजह से मैं कल (2 नवंबर) रायबरेली जाऊंगा। दोपहर में मैं गुजरात नवसर्जन यात्रा में पहुंचूंगा।”
– सोनिया गांधी ने भी इस हादसे पर दुख जताया है। बता दें कि रायबरेली उनका संसदीय क्षेत्र है।
1988 में शुरू हुआ था प्लांट, 1992 में बदला गया नाम
– यह पावर प्लांट 1988 में शुरू किया गया था। तब इसे उत्तर प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिक बोर्ड ऑपरेट करता था। कर्ज बढ़ने के बाद इसे 1992 में एनटीपीसी को सौंप दिया गया। तब इसका नाम बदलकर फीरोज गांधी ऊंचाहार थर्मल पॉवर स्टेशन कर दिया गया।
NTPC के इंजीनियर ने बताए कारण
– एनटीपीसी ऊंचाहार के ही एक इंजीनियर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, करीब 3 महीने पहले यह यूनिट लगी, जहां से 500 मेगावाट बिजली का प्रोडक्शन होता है।
– उन्होंने बताया कि कोयला जलने के बाद बची ऐश को ठंडा करके बॉयलर से निकाला जाता है। जहां से यह ऐश निकलती है, वह वाल्व बहुत जल्दी चोक हो जाता है। इससे बॉयलर पर प्रेशर बढ़ जाता है और वह फट जाता है। यह हादसा भी शायद इसी वजह से हुआ।
कवर करने वाला मेटल टूटने से भी फट सकता है बॉयलर
– एनटीपीसी के इंजीनियर के मुताबिक, बॉयलर के चारों तरफ स्टील की मोटी परत लगती है, ताकि अंदर का टेम्परेचर बाहर न जाए और बाहर का टैम्परेचर उस पर कोई असर न डाले। मेटल कवर पुराना या खराब हो जाए तो वह स्टीम प्रेशर को सहन नहीं कर पाता और बॉयलर में ब्लास्ट हो जाता है।
चश्मदीद बोले- लगा कि बचेंगे ही नहीं
रायबरेली हॉस्पिटल में भर्ती धर्मदास ने बताया, “250-300 लोग बॉयलर के पास काम कर रहे थे। अचानक धमाका हुआ बॉयलर के पास काम करने वाले दूर जा गिरे। कुछ पूरी तरह झुलस गए, हम लोग जो थोड़ी दूर पर थे, कम झुलसे। मंजर बहुत भयानक था, भगवान जाने हम कैसे बच गए। उस पल तो ऐसा लगा था कि बचेंगे ही नहीं।”
– झारखंड से NTPC में काम करने आए विंध्याचल ने बताया, ”जो लोग ज्यादा झुलसे थे, वो फर्श पर गिर गए थे। वे घिसट-घिसट कर वहां से बाहर निकलना चाहते थे, लेकिन कोई किसी की मदद नहीं कर पा रहा था। सभी वहां से बाहर निकलना चाहते थे। भगदड़ सी मच गई थी। कुछ लोग जमीन पर गिरे जख्मियों के ऊपर से निकल गए।”
– हादसे में जख्मी हुए लाेगों को रायबरेली, लखनऊ आैर इलाहाबाद के हॉस्पिटल्स में भर्ती किया गया है। एनटीपीसी 3 एजीएम प्रभात कुमार, मिश्रीलाल और संजीव सक्सेना भी जख्मी हुए हैं।
योगी ने किया मुआवजे का ऐलान
– नरेंद्र मोदी, गवर्नर राम नाइक और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने बुधवार को इस हादसे पर दुख जताया।
– उधर, सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जख्मियों का इलाज लखनऊ के SGPGI में प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। खर्च सरकार उठाएगी।
– उन्होंने कहा, “मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख, गंभीर रूप से जख्मियों को 50-50 हजार रुपए और आंशिक रूप से जख्मियों को 25-25 हजार रुपए की मदद की जाएगी।”
– बता दें कि योगी इस वक्त मॉरीशस दौरे पर हैं, घटना की खबर मिलने पर उन्होंने वहीं से मदद का एलान किया। साथ ही चीफ सेक्रेटरी (होम) को बचाव और राहत के लिए हर मुमकिन मदद मुहैया करवाने के ऑर्डर दिए हैं।
NTPC ने क्या कहा?
– NTPC ऊंचाहार ने कहा, “यूनिट नंबर 6 के बॉयलर में दोपहर करीब 3:30 बजे 20 मीटर की ऊंचाई पर एक ओपनिंग हुई। गैस और स्टीम बाहर आने से आसपास के लोग चपेट में आ गए। हादसे की जांच के लिए एडमिनिस्ट्रेशन ने एक कमेटी बनाई है।”
– NTPC के चेयरमैन और मैनेजिंग डाइरेक्टर गुरदीप सिंह भी हादसे के बाद जांच के लिए पहुंचे। हादसे वाली जगह लखनऊ से 110 किलोमीटर दूर है।