भारतीय इतिहास और संस्कृति में ताजमहल के महत्व को लेकर उठे विवादों के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 अक्टूबर को मोहब्बत की निशानी ताजमहल का दौरा करेंगे. 17वीं शताब्दी के इस स्मारक के दौरे पर योगी यहां आधा घंटा समय बिताएंगे. इस दौरान वे शाहजहां और मुमताज महल की कब्र को भी देखेंगे. साथ ही योगी ताज के बाहर झाड़ू भी लगाएंगे. योगी का यह पहला ताज दौरा होगा.
500 लोगों के साथ लगाएंगे झाड़ू
ताजमहल के पश्चिमी गेट पर सीएम योगी पांच सौ लोगों के साथ झाड़ू लगाएंगे. इनमें पार्टी कार्यकर्ता, शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता समेत जिले के गणमान्य लोग शामिल होंगे. साथ ही ताज की महत्वता पर योगी भाषण भी करेंगे.
यूपी टूरिज्म के प्रिसिंपल सेक्रेटरी अवनीश अवस्थी ने बताया कि 26 अक्टूबर को अपने आगरा दौरे के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ताजमहल के अंदरूनी हिस्सों का दौरा करेंगे. योगी आदित्यनाथ ताजमहल का दौरा करने वाले यूपी के पहले बीजेपी सीएम होंगे.
इस दौरे पर यमुना नदी से ताजमहल तक प्रस्तावित कॉरिडोर के लिए यूपी के मुख्यमंत्री नदी से लगे इलाके का भी निरीक्षण करेंगे. साथ ही ताजमहल के सौंदर्यीकरण की योजनाऔ का जायजा भी लेंगे. इसके अलावा आगरा के विकास के लिए कई योजनाओं की घोषणा की जाएगी.
योगी के ताज दौरे की घोषणा उस समय हुई है, जब हाल ही में ताजमहल को लेकर विवादों की एक श्रृंखला शुरू हो गई. इसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश टूरिज्म की उस किताब से हुई जिसमें ताजमहल को कोई स्थान नहीं मिला. बीजेपी विधायक संगीत सोम ने ताजमहल को भारतीय इतिहास पर दाग बता डाला. फिर बीजेपी सांसद विनय कटियार ने कहा कि वास्तव में ताजमहल एक शिव मंदिर है.
बहरहाल, पिछले सप्ताह गोरखपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए योगी ने ताजमहल को ‘भारत का गर्व’ बताया और इसे एक विश्व स्तरीय स्मारक की संज्ञा दी. योगी का यह बयान पिछले साल बिहार में दिए गए उनके बयान के ठीक उलट था, जिसमें उन्होंने कहा था कि ताजमहल भारतीय संस्कृति का प्रतीक नहीं हो सकता. उन्होंने कहा था कि विदेशी मेहमानों को ताजमहल की प्रतिकृति देने के बजाय गीता भेंट की जानी चाहिए.
ताजमहल का दौरा करने वाले उत्तर प्रदेश के आखिरी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव थे. दो साल पहले वैलेंटाइन डे के दिन अखिलेश यादव अपनी पत्नी और कन्नौज की सांसद डिंपल यादव के साथ ताज के सामने की बेंचों पर बैठे थे और परिसर में भ्रमण किया था.