नई दिल्ली : बाजार में कौन सा फूड आइटम जंक है और कौन सा नहीं इसकी पहचान करना अब आसान होने जा रहा है। सरकार नए पैकेजिंग और लेबलिंग नियमों के ऐसे फूड आइटम के पैकेट पर जंक फूड की कलर कोडिंग अनिवार्य करने वाली है। यानी अगर उसमें मौजूद नमक, चीनी, फैट और ट्रांस फैट शरीर दैनिक जरूरत से ज्यादा है तो उसकी लाल रंग से चेतावनी देनी होगी।
बता दें कि खाद्य पदार्थ में सीमा से ज्यादा नमक, फैट और शुगर को जंक माना जाएगा। जंक फूड के दायरे में आने पर उसे पैकेट पर लिखना अनिवार्य होगा। एक व्यक्ति के लिए इसकी मात्रा लिखना अनिवार्य होगा। उपभोक्ता मंत्रालय के उच्चाधिकारियों के अनुसार ऐसा करने से लोगों में जंक फूड के प्रभावों को लेकर जागरूकता बढ़ेगी। सूत्रों के अनुसार इस बारे में ड्राफ्ट नियम लगभग तैयार हैं। अगले एक हफ्ते के भीतर इसे लोगों के सामने लाकर राय पूछी जाएगी और फिर इसे अमल में लाया जाएगा। फूड आइटम्स बनाने वाली कंपनियों से भी बात की जाएगी। उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान का कहना है कि हमारी कोशिश है कि लोगों को खाद्य पदार्थ गुणवत्ता पूरी जानकारी के साथ उपलब्ध कराई जाएं। लोगों को खरीद के वक्त पूरी जानकारी रहे।
गौरतलब है कि एफएसएसएआई ने डब्ल्यूएचओ के मानकों का अध्ययन करने के बाद ड्राफ्ट तैयार किया है। इसमें किसी भी फूड आइटम में नमक, फैट और शुगर की मानक मात्रा तय होती है।