राम रहीम की ‘दुलारी’ हनीप्रीत को लेकर नई जानकारी सामने आई। उसने बाबा के बारे में एक बड़ी बात कही है, वहीं उसका आईफोन पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार 26 अगस्त को जब हनीप्रीत ने विपासना को अपना मोबाइल दिया तो इससे पहले ही वो अपने फोन से सभी जरूरी चीजें हटा चुकी थी। पुलिस ने जब हनीप्रीत से फोन को नुकसान पहुंचाने की बात पूछी तो उसने कहा कि इस बारे में उसे कुछ नहीं पता है। किसने फोन का पूरा डाटा उड़ा दिया वो नहीं जानती है।
साइबर एक्सपर्ट हनीप्रीत के आईफोन से डिलीट डाटा रिकवर करने की कोशिश कर रहे हैं। आईफोन पर फिंगर प्रिंट सिक्योरिटी है, जिसे सिर्फ हनीप्रीत ही खोल सकती है। पुलिस जब विपासना इंसा से क्रॉस क्वेश्चन कर रही थी तो हनी ने चार बार उस फोन को अनलॉक करने की बात कही। जबकि डिलीट फाइल्स को साइबर एक्सपर्ट रिकवर करने की कोशिश कर रहे हैं।
दूसरी ओर, अंबाला सेंट्रल जेल में उसे नींद नहीं आ रही। उसने जेल अधिकारियों से राम रहीम को पास ले चलने की बात कही है। हनीप्रीत ने गुजारिश की मुझे उसी जेल में भिजवा दो जहां पापा बंद हैं। हनीप्रीत ने जेल अधिकारियों से कहा कि मेरे पापा बहुत बीमार रहते हैं। वह बेकसूर हैं। उन्हें फंसाया गया है। हालांकि उसे कड़ी सुरक्षा के बीच जेल में रखा जा रहा है
पंचकूला पुलिस की एसआईटी टीम आदित्य, पवन व नवीन नागपाल उर्फ गोबी राम की तलाश में जुटी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हनीप्रीत और सुखदीप कौर की निशानदेही के बाद हिमाचल और गुरुग्राम में पुलिस दोनों को तलाश कर रही है। क्योंकि रिमांड के दौरान हनीप्रीत और सुखदीप कौर ने इन दोनों जगहों पर छिपे होने की आशंका जताई थी। जिसका जिक्र पुलिस ने अदालत के समक्ष हनीप्रीत का दूसरा रिमांड लेते वक्त रिमांड पेपर में भी किया था।
हनीप्रीत ने जिस लैपटॉप में पंचकूला हिंसा से जुड़े गाइड मैप और लोगों की सूची स्टोर की थी, वह अभी तक बरामद नहीं हुआ है। 8 सितंबर को डेरे से जब्त सामान के बोरे में से एक लैपटॉप मिला था। इनको जांच के लिए हरियाणा की फोरेंसिक प्रयोगशाला मधुबन भेजा गया है। सूत्रों के मुताबिक, रिकवरी की प्रारंभिक प्रक्रिया के दौरान जो फाइलें मिली हैं, उनमें ज्यादातर राम रहीम की कंपनियों से संबंधित हैं
पुलिस सूत्रों की मानें तो अभी तक कुल करीब 7 कंपनियों से जुड़े दस्तावेज मिले हैं। इनमें से एक कंपनी रियल एस्टेट कारोबार से जुड़ी हुई है। इस कंपनी का मुख्यालय दिल्ली में दिखाया गया है। डेरे का काफी पैसा रियल एस्टेट कारोबार से जुड़ी कंपनियों में लगा था। एक ऐसी ही कंपनी पंजाब के जीरकपुर में भी स्थित है। इस कंपनी के मालिक पर आरोप है कि उसने 25 अगस्त के दिन राम रहीम को अपनी गाड़ियों का काफिला मुहैया कराया था।