प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दो दिवसीय गुजरात दौरे का आखिरी दिन चुनावी अभियान से ज्यादा पुरानी यादों में खोने वाला रहा. मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद रविवार को पहली बार अपने गृहनगर वडनगर पहुंचे, जहां उनका बचपन बीता और जहां छुटपन में उन्होंने पिता की चाय की दुकान में हाथ भी बंटाया था.
प्रधानमंत्री की अगवानी में वडनगर दूल्हन की तरह सजा हुआ था और लोगों में गजब का उत्साह दिखा. प्रधानमंत्री भी लंबे समय के बाद अपने गृहनगर पहुंचकर भाव-विह्वल हो गए. प्रधानमंत्री के रविवार के दौरे में क्या नहीं रहा, मंदिर में पूजा-अर्चना, रोड शो, अपने स्कूल जाकर मिट्टी को माथे से लगाना और एक अत्याधुनिक अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण.
सुबह 9.30 बजे – प्रधानमंत्री वडनगर पहुंचे. PM मोदी के स्वागत में भारी भीड़ जुट गई.
सुबह 9.40 बजे – PM मोदी का रोड शो शुरू. जीप के दरवाजे पर खड़े होकर मोदी ने किया लोगों का अभिवादन. सड़क के दोनों ओर जनता का अपार सैलाब उत्साह से भरा हुआ.
सुबह 10.15 बजे – रास्ते में अपने बचपन के स्कूल (बीएन हाईस्कूल) के सामने काफिला रोक उतरे प्रधानमंत्री और मिट्टी को माथे से लगाया.
स्कूल में प्रधानमंत्री को देखने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा और प्रधानमंत्री के रहते पूरे समय ‘मोदी, मोदी’ के नारे लगते रहे.
PM मोदी का 6 किलोमीटर लंबा रोड-शो जारी.
सुबह 10.30 बजे – हाटकेश्वर मंदिर पहुंचे प्रधानमंत्री. पूजा-अर्चना की. यहां मुख्यमंत्री विजय रुपानी भी मोदी के साथ थे.
सुबह 11.00 बजे – प्रधानमंत्री मोदी ने वडनगर में GMERS मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन किया और देश को समर्पित किया. इस दौरान प्रधानमंत्री ने मेडिकल कॉलेज के सभागार में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया और मेडिकल कॉलेज में अध्ययनरत विद्यार्थियों से मिले.
सुबह 11.30 – प्रधानमंत्री वडनगर में आयोजित जनसभा स्थल पहुंचे. जनसभा में भारी जनसैलाब
सुबह 12.00 – PM मोदी ने जनसभा को संबोधित करना शुरू किया. गुजराती में संबोधन शुरू किया पीएम ने.
जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी भावुक हो गए और कहा कि अपने गांव में अपने लोगों द्वारा स्वागत की अनुभूति ही कुछ और होती है. प्रधानमंत्री ने कहा कि जनता का इतना प्यार दिल को छूने वाला है और वह अपने प्रयासों में कोई कमी नहीं रखेंगे.
सुबह 12.30 बजे – प्रधानमंत्री ने कहा कि इंद्रधनुष कार्यक्रम को अपना कार्यक्रम बनाएं. मोदी ने कहा कि उन्होंने जो कुछ भी पाया है, वह वडनगर की वजह से ही पाया है.
प्रधानमंत्री ने कहा, “जिस तरह से इस इलाके के लोगों ने खासकर वडनगर के लोगों ने मुझे प्यार दिया है. अपने प्यार से भिगो दिया है. मैं आज सर झुकाकर आपको नमन करता हूं, इस धरती को नमन करता हूं. सार्वजनिक जीवन में इतने वर्षों के बावजूद भी इतना प्यार, इतना दुलार ये अपने आप में हृदय को छूने वाली घटना है. आज मैं जो कुछ भी हूं इसी मिट्टी के संस्कारों के कारण हूं. इसी मिट्टी में खेला हूं, आप ही के बीच में पला बढ़ा हूं.
इस दौरान प्रधानमंत्री ने केंद्र में पिछली सरकारों पर निशाना भी साधा और कहा कि पिछली सरकारों को विकास से नफरत थी.
अपराह्न 2.20 बजे – गृहनगर वडनगर से भरूच पहुंचे प्रधानमंत्री.
अपराह्न 2.50 बजे – भरूच में प्रधानमंत्री ने नर्मदा नदी पर बनने वाले बैराज का शिलान्यास किया.
अपराह्न 3.00 बजे – प्रधानमंत्री ने अंत्योदय एक्सप्रेस को दिखाई हरी झंडी. अंत्योदय एक्सप्रेस गुजरात के उढ़ना से बिहार के जयनगर तक चलेगी. भरूच में भी प्रधानमंत्री ने जनसभा को संबोधित किया और कहा कि उनकी सरकार लंबे रूट की रेल सेवाओं पर जोर दे रही है. एकबार फिर अपने प्रेरणा पुरुष दीनदयाल उपाध्याय का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह उनके सपनों को साकार करेंगे. इसके अलावा उन्होंने गुजरात में नौकरी की तलाश में रह रहे बिहार वासियों को भी संबोधित किया.