यात्रियों को ट्रेनों के ई-टिकट पर मार्च 2018 तक कोई सेवा शुल्क नहीं देना होगा। पिछले साल नवंबर में लागू नोटबंदी के बाद डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने सेवा शुल्क खत्म कर दिया था।
यह सुविधा पहले 30 जून तक और फिर 30 सितंबर तक बढ़ा दी गई थी। नोटबंदी से पहले तक आईआरसीटीसी के जरिये ऑनलाइन टिकट बुकिंग कराने पर प्रति टिकट 20 से 40 रुपये सेवा शुल्क देना होता था। रेलवे बोर्ड ने 29 सितंबर को रेलवे की टिकटिंग एजेंसी भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) से कहा था कि यह सुविधा अगले साल मार्च तक जारी रखी जाए।
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रेलवे अधिकारियों का कहना है कि आईआरसीटीसी को 33 प्रतिशत राजस्व ऑनलाइन बुकिंग पर मिले सेवा शुल्क से ही प्राप्त होता है। पिछले वित्त वर्ष के दौरान आईआरसीटीसी ने टिकट बुकिंग से अर्जित 1,500 करोड़ रुपये राजस्व में 540 करोड़ सेवा शुल्क से प्राप्त किया था।